नगर निगम ने फोकल प्वाइंट के सीवरेज डिस्पोजल को जड़ा ताला

punjabkesari.in Thursday, Jan 02, 2020 - 03:04 PM (IST)

जालंधर(खुराना): नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने शहर के बीच में से गुजरती काला सिंघा ड्रेन को प्रदूषण मुक्त करने हेतु जो निर्देश दे रखे हैं उनकी पालना करते हुए कुछ समय पहले ड्रेन में गिरते सीवरेज के सभी प्वाइंटों को नाले के साथ-साथ जाती सीवरलाइन से जोड़ दिया गया था परंतु ऐसा करने से नार्थ विधानसभा क्षेत्र में पड़ते कई वार्डों की दर्जनों कालोनियों में सीवर ओवरफ्लो की गम्भीर समस्या उत्पन्न हो गई थी।

इस समस्या के मद्देनजर मेयर जगदीश राजा ने आज फिर अपने कार्यालय में एक बैठक की जिसमें नगर निगम, सीवरेज बोर्ड तथा फोकल प्वाइंट का संचालन करने वाली संस्था पी.एस.आई.डी.सी. के अधिकारी उपस्थित हुए। पार्षद सुशील शर्मा, विक्की कालिया तथा निगम कमिश्रर भी बैठक में मौजूद थे। बैठक में फैसला लिया गया कि सीवर लाइन में पानी के अत्यधिक दबाव को देखते हुए कुछ दिनों के लिए फोकल प्वाइंट डिस्पोजल बंद करके देखा जाए। यह फैसला लेने के बाद नगर निगम के ओ. एंड एम. सैल से जुड़े अधिकारियों ने तत्काल फोकल प्वाइंट डिस्पोजल जाकर वहां अपना ताला लगा दिया। गौरतलब है कि ड्रेन के निकट बने इस डिस्पोजल का संचालन पी.एस.आई.डी.सी. द्वारा किया जाता है।

डिस्पोजल के निकट बना है मौत का कुआं
इंडस्ट्री विभाग के दफ्तर के समीप जहां फोकल प्वाइंट का डिस्पोजल बना हुआ है वहां एक मौत का कुआं भी मौजूद है, जहां ऊपर तक पानी व गार भरी हुई है। इस कुएं के इर्द-गिर्द कोई फैंसिंग नहीं है। यह इतना गहरा है कि इसमें गिरी कोई भी वस्तु आसानी से बाहर नहीं निकाली जा सकती। शहीद भगत सिंह कालोनी में ऐसे ही खुले कुएं में कुछ समय पहले एक बच्चे की दुखद मृत्यु हो गई थी। पार्षद सुशील शर्मा ने मांग की है कि इस कुएं को या तो ढका जाए या ऊंची फैंसिंग करवाई जाए।
PunjabKesari, Municipal corporation set off focal point sewage disposal
600-700 फैक्टरियों को आएगी गम्भीर समस्या
नगर निगम द्वारा फोकल प्वाइंट डिस्पोजल को ताला लगा दिए जाने के बाद पूरे फोकल प्वाइंट और फोकल प्वाइंट एक्सटैंशन में स्थित 600-700 फैक्टरियों को आने वाले दिनों में सीवरेज ब्लाकेज या ओवरफ्लो की गम्भीर समस्या आ सकती है। मेयर आफिस में हुई बैठक दौरान लिए गए फैसले के मुताबिक यह ताला अगले 4 दिन यानी रविवार तक लगा रहेगा।उसके बाद निगमाधिकारी वहां जाकर सीवरलाइन के पानी के दबाव को चैक करेंगे। अगर फोकल प्वाइंट डिस्पोजल को ताला लगाने से रिहायशी क्षेत्रों में सीवर ओवरफ्लो की समस्या कम या खत्म हो जाती है तो माना जाएगा कि यह समस्या फोकल प्वाइंट डिस्पोजल कारण आ रही है। ऐसी स्थिति में इस डिस्पोजल को बंद ही रखा जाएगा।

एन.जी.टी. से समय ले पी.एस.आई.डी.सी.
बैठक दौरान इस बात पर भी चर्चा हुई कि अगर नार्थ क्षेत्र की सीवर समस्या के लिए फोकल प्वाइंट जिम्मेदार हुआ तो पी.एस.आई.डी.सी. से कहा जाएगा कि वह अपना इंतजाम खुद करे। वह ही एन.जी.टी. को पत्र लिख कर मांग करे कि जब तक ई.टी.पी. नहीं लग जाता तब तक ड्रेन में सीवर गिराने की अनुमति दी जाए।

राजनीतिक लोगों के लिए मुश्किल वाली स्थिति
नार्थ क्षेत्र की गम्भीर होती जा रही सीवर समस्या से राजनीतिक लोगों के लिए मुश्किल वाली स्थिति उत्पन्न हो गई है। पहले भी निगम पार्षदों और फोकल प्वाइंट के उद्योगपतियों के बीच सीवर कनैक्शन को जोड़ने और काटने को लेकर टकराव हुआ था जिसका मामला विधायक बावा हैनरी तक भी पहुंचा था। अब नेताओं के लिए समस्या यह बन सकती है कि अगर रिहायशी कालोनियों की समस्या दूर करने के लिए फोकल प्वाइंट डिस्पोजल बंद किया गया तो इंडस्ट्री की नाराजगी भी इन्हीं नेताओं को झेलनी पड़ेगी। अब देखना है कि इस विवाद का क्या हल निकाला जाता है।

सीवरेज बोर्ड गलती मानने को तैयार नहीं
बैठक दौरान उपस्थित सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि उनके द्वारा डाली गई लाइन के डिजाइन में कोई गलती नहीं है। उलटा इन अधिकारियों ने डिस्पोजल के फ्लो में निगमाधिकारियों को कसूरवार ठहरा दिया और कहा कि लाइन में फ्लो क्षमता से कम जा रहा है।


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Edited By

Sunita sarangal

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