सफाई कर्मचारी हड़ताल पर, सड़कों पर कई हजार टन कूड़ा जमा

punjabkesari.in Saturday, Feb 29, 2020 - 09:09 AM (IST)

जालंधर(खुराना): शहर में पिछले 6 दिनों से सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। उनकी मांग है कि नगर निगम की ओर से 160 सीवरमैन भर्ती किए जा रहे हैं उन्हें ठेकेदार के माध्यम से रखने की बजाय सीधा डी.सी. रेट पर रखा जाए। इस मांग को लेकर निगम यूनियनों तथा निगम प्रशासन में पेंच फंसा हुआ है। निगम प्रशासन की ओर से कमिश्रर के अलावा शहर के विधायकों व मेयर ने कमान संभाल रखी है, जबकि इस सारे घटनाक्रम में पहली बार शहर के सभी पार्षदों का भी सहयोग लिया जा रहा है।

दूसरी ओर निगम यूनियनों के तेवर भी तीखे हैं। प्रतिदिन सैंकड़ों कर्मचारी निगम के सामने आकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले 6 दिनों से न शहर की सड़कें साफ हुई हैं और न ही हजारों घरों से कूड़ा उठा है। सड़कों के किनारे बने तमाम वैध व अवैध डम्प कूड़े से भरे हुए हैं। ऐसे में शहर में कई प्रकार के वायरस फैलने का भी खतरा पैदा हो गया है। हालांकि कुछ निगम यूनियनों द्वारा शहर में साफ-सफाई का काम करवाया जा रहा है परंतु फिर भी शहर कूड़े से काफी प्रभावित हो गया है।

म्यूनिसिपल इम्प्लाइज यूनियन ने दिया समर्थन

सफाई कर्मियों की 24 फरवरी से चल रही हड़ताल को  नगर निगम की म्यूनिसिपल इम्प्लाइज यूनियन ने अपना समर्थन दिया। प्रधान राजन गुप्ता, एस.सी./बी.सी. यूनियन के प्रधान जनकराज बाहरी तथा सेवादार यूनियन के प्रधान सचिन बत्तरा ने कहा कि सोमवार 2 मार्च को इन यूनियनों के सभी सदस्य अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले जाएंगे।

दलितों के मुद्दों पर चुप रहें भाजपा नेता : खोसला

सिटी वाल्मीकि सभा के प्रधान अमृत खोसला ने सफाई कर्मियों की हड़ताल बाबत भाजपा के पूर्व मेयर व अन्य नेताओं द्वारा की गई बयानबाजी पर कहा कि मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ठेके पर भर्ती के खिलाफ हैं। भाजपाई यह न भूलें कि 1997 में उन्हीं की सरकार ने ठेकेदारी प्रथा का कलंक शुरू किया था। पिछले 10 साल भी अकाली-भाजपा ने दलित मुद्दों से संबंधित एक भी मांग स्वीकार नहीं की। कांग्रेस हमेशा दलितों की समर्थक रही है और रहेगी। सिटी वाल्मीकि सभा समाज के हर संघर्ष में साथ है।

शुक्रवार को बनी रही शांति

पिछले कई दिनों से निगम का माहौल गर्माया हुआ है परंतु शुक्रवार को अपेक्षाकृत शांति रही। सफाई कर्मियों का धरना तो लगा परंतु भाषणबाजी व रोष प्रदर्शन नहीं हुआ। यूनियन नेता चंदन ग्रेवाल अमृतसर में रहे। पुलिस ने भी पार्षद बंटी नीलकंठ और यूनियन नेता बंटू सभ्रवाल की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की।

रविवार को हो सकती है यूनियन संग विधायकों की बैठक

निगम प्रशासन हड़ताल को खुलवाने के प्रयासों के तहत रविवार को यूनियन प्रतिनिधियों की बैठक शहर के चारों विधायकों संग करवा सकता है। पहले यह बैठक शनिवार को होनी निर्धारित हुई थी, परंतु विधायक सुशील रिंकू के राजस्थान गए होने के चलते अब यह बैठक शायद रविवार को हो। इस बैठक से पहले शनिवार शाम 4 बजे विधायकों की एक बैठक मेयर हाऊस में सभी पार्षदों के साथ होगी, जिस दौरान सफाई को लेकर आ रही दिक्कतों तथा यूनियन संग उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा होगी। प्रशासन यह मांग भी रख सकता है कि विधायकों व यूनियन के बीच होने वाली बैठक में हर विधानसभा क्षेत्र के दो-दो पार्षद भी मौजूद रहें।


पक्की भर्ती बारे पॉलिसी बना रही है पंजाब सरकार : मेयर

इस बीच मेयर जगदीश राजा ने कहा है कि शहर निवासियों से यह झूठ बोला जा रहा है कि मेयर सीवरमैनों को पक्के तौर पर नहीं रखना चाहते। मेयर ने कहा कि इस बारे चंडीगढ़ में डायरैक्टर के साथ बैठक में यह साफ हो गया था कि सरकार पक्के कर्मचारी भर्ती करने बारे पॉलिसी बना रही है जिसे तीन-चार महीने का समय लग जाएगा तब तक डायरैक्टर ने 3 महीनों के लिए रोड गलियों की सफाई हेतु आऊटसोर्स आधार पर 160 कर्मचारी रखने की अनुमति दी है, जिससे बरसाती सीजन में जलभराव की समस्या घटेगी। तभी बताया गया था कि 3 महीने तक इनसे काम लेकर बाद में इन्हें ही पक्का करवाया जाएगा। मेयर ने कहा कि अब यूनियन इस बात पर अड़ी है कि यह कर्मचारी हमें पूछ कर हमारी मर्जी से ही रखे जाएं जोकि गलत मांग है। यह झूठ फैलाया जा रहा है कि इसमें कमीशनबाजी होगी, जबकि नियमों के मुताबिक हर कर्मचारी के खाते में चैक से वेतन जाएगा। उन्होंने कहा कि इन 160 कर्मियों को सीवर में नहीं बल्कि रोड गलियों की सफाई के काम में लगाया जाएगा। अब शहर निवासी इस हड़ताल का मकसद खुद समझ सकते हैं।

डी.सी. रेट पर ही भर्ती हो : भाजपा पार्षद

नगर निगम में विगत कई दिनों से सफाई व सीवरेज कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की जा रही है, उस संबंध में भाजपा पार्षद सुशील शर्मा, शैली खन्ना तथा बलराज प्रिंस ने कहा कि पूरे शहर में गंदगी बढ़ती जा रही है। कांग्रेस सरकार ने 160 सीवरमैनों की ठेके पर भर्ती करने की वकालत की है एवं निगम के जनरल हाऊस में इस संबंधी प्रस्ताव को पास भी किया गया है परंतु भाजपा एवं अकाली दल द्वारा इस प्रस्ताव का विरोध किया गया था। इन पार्षदों ने मेयर व कमिश्नर से मांग की है कि वह निगम में होने वाली भर्ती को डी.सी. रेट के आधार पर करें, जिससे उन सभी लाभार्थियों के हितों की रक्षा हो सकेगी, जो हमें स्वच्छता देने के लिए गंदगी की सफाई करते हैं। ऐसे लोगों को एक अच्छी मासिक आय मिलनी चाहिए जिससे वह अपना सुखद एवं समृद्ध जीवन जी सकें।

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