विजीलैंस जांच बेअसर: नैशनल हाईवे की हालत दिन-ब-दिन हो रही और खस्ता

punjabkesari.in Friday, Jan 17, 2020 - 10:34 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): विजीलैंस ब्यूरो जालंधर रेंज की ओर से कुछ माह पूर्व नैशनल हाईवे-1 की जांच शुरू की गई थी, जिसका कारण हाईवे की लगातार हो रही खस्ता हालत थी। ब्यूरो के अधिकारियों का कहना था कि असल में हाईवे अथॉरिटी को हर साल विभिन्न टोल प्लाजों से जितनी राशि इकट्ठी हो रही है, उसके हिसाब से हाईवे पर बेहद कम लागत लग रही है जिस कारण हालत दिन-ब-दिन खराब हो रही है।

जांच में पाया गया था कि नैशनल हाईवे के अधिकारियों की मिलीभगत से हाईवे के निर्माण में बेहद घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है और जिन शर्तों पर हाईवे निर्माण होना था, उन्हें भी पूरा नहीं किया गया। विजीलैंस जांच जिस गर्मजोशी के साथ शुरू हुई थी, का नतीजा उतना ही ठंडा रहा है। जांच की आंच तक हाईवे अथॉरिटी पर नहीं आई। वहीं हाईवे अथॉरिटी के कर्मचारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। यही कारण है कि विजीलैंस जांच के बावजूद हाईवे अथॉरिटी के कामकाज में कोई सुधार नहीं दिख रहा है।

अंबाला में है दफ्तर, हम क्या करें
कालिया कालोनी में स्थित नैशनल हाईवे के दफ्तर में जाकर कर्मचारियों से बात करनी चाही तो उनका कहना था कि अम्बाला से लेकर सूरानसी (जालंधर) तक का सारा हाईवे अम्बाला दफ्तर के अधीन आता है। जालंधर दफ्तर के अधीन करतारपुर से लेकर अमृतसर तक का हाईवे और करतारपुर कॉरीडोर प्रोजैक्ट आता है। उन्होंने कहा कि हम कुछ नहीं कर सकते हैं। हमने कई बार अम्बाला दफ्तर वालों को कहा कि जालंधर हाईवे की हालत सुधारी जाए पर कोई नहीं सुनता। 

नैशनल हाईवे दफ्तर के आगे जमा पानी और टूटी रोड
हाईवे अथॉरिटी की हालत किस कदर खराब हो चुकी है, का सबूत हाईवे अथॉरिटी के जालंधर दफ्तर के आगे हाईवे की टूटी हालत से पता चलता है। कुछ लोगों ने गड्ढे में लोहे का बैरीकेड लगा रखे हैं ताकि लोग पानी में से गुजरते समय उसमें न गिरें। 

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Sunita sarangal