जालंधर जिमखाना प्रोजैक्ट का मामला पकड़ने लगा तूल- जारी हुए केवियट पटीशन नोटिस

punjabkesari.in Thursday, Dec 24, 2020 - 12:12 PM (IST)

जालंधर(खुराना): जिमखाना क्लब का विवादों से नाता तो खैर बर्षों से ही जुड़ा हुआ है परंतु अब वर्तमान मैनेजमैंट द्वारा शुरू किए जा रहे अंडर ग्राउंड पार्किंग प्रोजैक्ट को लेकर भी क्लब सदस्यों के बीच न केवल खुसर-पुसर शुरू हो गई है बल्कि इस प्रोजैक्ट को लेकर क्लब सदस्य दो ग्रुपों में भी बंट गए हैं।

एक पक्ष जहां पार्किंग प्रोजैक्ट के हक में डट कर खड़ा हो गया है वही दूसरे पक्ष द्वारा इस प्रोजैक्ट को रुकवाने के लिए गुप्त बैठकों का दौर भी जारी है। इसी प्रोजैक्ट को लेकर उठे विवाद के चलते गत दिनों क्लब के 103 सदस्यों ने अपने हस्ताक्षरों सहित एक रिप्रैजेंटेशन न केवल क्लब मैनेजमैंट को ईमेल की बल्कि उसकी कॉपियां भारत के प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री कार्यालय, चीफ सैक्रेटरी पंजाब, डी.जी.पी., एन.जी.टी., हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस तथा अन्यों को भी भेज दी गई।

इस रिप्रैजेंटेशन में क्लब के ग्रीन कवर व हेरिटेज को नुकसान पहुंचने और चिल्ड्रन पार्क के नष्ट होने का खदशा व्यक्त किया गया और प्रोजैक्ट की साइट चेंज की मांग भी रखी गई। दूसरी ओर जिमखाना मैनेजमैंट इस बात से काफी नाराज दिखी कि रिप्रैजेंटेशन को क्लब अध्यक्ष के पास ना भेजकर उसे कई विभागों व अन्य अधिकारियों के पास क्यों भेजा गया।

एक ओर जहां कुछ क्लब सदस्य इस प्रोजैक्ट को लेकर अदालत जाने की तैयारी कर रहे थे, वहीं क्लब मैनेजमैंट ने उनके मूड को भांपते हुए सभी 103 सदस्यों पर अदालत में केविएट पटीशन दाखिल कर दी। क्लब के वकील एडवोकेट मनदीप सिंह सचदेवा की ओर से सभी 103 क्लब सदस्यों को केविएट संबंधी लीगल नोटिस भेज दिए गए हैं।

एक पेज दिखाकर हस्ताक्षर करवाए गए
जिमखाना मैनेजमैट ने रिप्रैजेंटेशन पर साइन करने वाले 103 सदस्यों में से कईयों से संपर्क किया परंतु उनका जवाब था कि उन्हें पूरी रिप्रेजेंटेशन नहीं दिखाई गई और केवल ग्रीन कवर पर ऐतराज वाले पेज को दिखाकर ही उस पर हस्ताक्षर करवा लिए गए। कई क्लब सदस्यों ने क्लब ऑफिस पहुंचकर इस बाबत लिख कर भी दिया। कईयों का तो यह भी कहना था कि रिप्रैजेंटेशन पर किए गए हस्ताक्षर उनके नहीं हैं। इस बीच क्लब मैनेजमैंट उन क्लब सदस्यों का भी पता लगाने में जुट गई है, जिन्होंने ना केवल इस रिप्रैजेंटेशन को तैयार किया बल्कि उसकी कॉपियां भी अन्य विभागों व अन्य अधिकारियों तक भेजी और सक्रियता से काम करके इस रिप्रैजेंटेशन पर दूसरे सदस्यों के हस्ताक्षर करवाए। आने वाले दिनों में यह मामला और गरमाने के आसार हैं क्योंकि केविएट संबंधी लीगल नोटिस मिलने से कई क्लब सदस्य मैनेजमैंट से नाराज भी दिख रहे हैं।

सचदेवा और गांधी ने दिया मैकेनिकल पार्किंग का सुझाव
इसी बीच जिमखाना के वरिष्ठ सदस्य आर के गांधी और एडवोकेट विमल सचदेवा ने क्लब मैनेजमैंट को सुझाव दिया है कि अंडर ग्राऊंड पार्किंग प्रोजैक्ट पर 8 करोड़ रूपए से ज्यादा खर्च करने से बेहतर होगा यदि क्लब में मैकेनिकल पार्किंग बना दी जाए जिससे जगह की भी बचत होगी और क्लब के पैसे भी बचेंगे। गांधी और सचदेवा ने कहा कि देश के कई शहरों में मैकेनिकल पार्किंग काफी सफल है। उन्होंने कहा कि फंक्शन वाले दिनों में शायद अंडर ग्राऊंड पार्किंग इतनी प्रभावी न हो क्योंकि क्लब आने और जाने वाला रास्ता काफी संकरा है।

Sunita sarangal