पुलिस कमिश्नर सिन्हा ने प्रैस कांफ्रैंस करके किया अपने एस.एच.ओ. का बचाव

punjabkesari.in Saturday, Jun 30, 2018 - 09:29 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): गत दिनों मीडिया के समक्ष जालंधर की एक युवती ने इंस्पैक्टर बलबीर सिंह का नाम लेकर आरोप लगाए थे कि उसके रीडर इंद्रजीत व बलबीर सिंह ने उसे नशे का आदी बनाया और उसके साथ रेप किया जिसे लेकर जालंधर पुलिस कमिश्नरेट पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे थे लेकिन रात 8.15 बजे खुद पुलिस कमिश्नर प्रवीण सिन्हा ने अपने आफिस में प्रैस कांफ्रैंस करके अपने एस.एच.ओ. बलबीर सिंह का बचाव किया। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि सारे मामले में उनके पुलिस अधिकारी के खिलाफ आज तक कोई सबूत सामने नहीं आया है। उन्होंने सीधे तौर पर सारे मामले का ठीकरा उक्त युवती के सिर फोड़ते हुए कहा कि जिस मामले को उक्त युवती ने मीडिया के समक्ष उठाकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए हैं, असल में उस सारे मामले में उक्त युवती पर ही सवाल खड़े होते हैं।

5 बार दी शिकायतें और फिर किए समझौते

कमिश्नर सिन्हा ने बताया कि केस की शुरूआत असल में साल 2016 में हुई थी। युवती ने पहली शिकायत 19-8-2016 व दूसरी 11-8-2016 को की थी। इनमें युवती ने कहा था कि पुलिस में कांस्टेबल इंद्रजीत सिंह थाना -1 में एस.एच.ओ. बलबीर सिंह का रीडर था जिसने उसे शादी का झांसा देकर उसके साथ 10 साल तक शारीरिक संबंध बनाए, उसे धोखे में रखा कि वह कुंवारा है। केस की जांच उच्चाधिकारी को सौंपी गई थी व दोनों शिकायतों में बाद में उक्त महिला ने समझौता कर लिया था जिसमें लिखा था कि इसने गलतफहमी में शिकायत की थी व अब सारे गिले-शिकवे खत्म हो गए हैं इसलिए वह शिकायत वापस ले रही है। इन दोनों शिकायतों में एस.एच.ओ. बलबीर सिंह का कोई जिक्र तक नहीं था।

इसके बाद उक्त युवती ने तीसरी व चौथी बार फिर से 22-8-2017 व 23-8-2017 को डी.सी.पी. व पुलिस कमिश्नर को शिकायतें दीं जिनमें उसने थाना-4 के एस.एच.ओ. बलबीर सिंह व थाना-1 के एस.एच.ओ. नवदीप सिंह पर आरोप लगाए कि वे दोनों इंद्रजीत की मदद कर रहे हैं और उसे न्याय नहीं मिलने दे रहे हैं। इन शिकायतों में उसने बलबीर सिंह पर नशा देने व शारीरिक शोषण के आरोप तक लगा दिए थे पर इस बार भी उक्त युवती ने पुलिस को मैजिस्ट्रेट से अटैस्टेड एफीडेविट देकर समझौता किया। समझौते में युवती को इंद्रजीत की ओर से जालंधर कुंज में एक प्लाट तथा 3 लाख रुपए देने की बात कही गई थी। इसके बाद फिर 30-8-2017 को उसने एक शिकायत डी.सी.पी. को दी जिसमें फिर से इंद्रजीत द्वारा विवाह का झांसा देकर रेप करने व बलबीर सिंह और नवदीप सिंह पर कार्रवाई न होने देने जैसे आरोप लगाए थे लेकिन इसमें भी वह समझौता कर गई।

5 बार शिकायतें देकर समझौता करने पर पुलिस ने क्यों नहीं लिया एक्शन

कमिश्नर की प्रैस कांफ्रैंस में यह बात भी सामने आई कि कैसे पुलिस कई मामलों में लगातार लापरवाही करती है जो बाद में पुलिस के गले की ही फांस बन जाती है। पत्रकारों ने कमिश्नर से पूछा कि अगर इस केस में उक्त युवती 5 बार शिकायतें देकर समझौते करती रही तो क्यों नहीं पुलिस ने उक्त युवती के खिलाफ एक्शन लिया। इस पर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि यह सिर्फ पुलिस की नरमी थी, अगर अब छठी बार वह दोबारा समझौते की ओर चलती है तो कानूनी सलाह लेकर उस पर धारा-188 की कार्रवाई की जा सकती है। इस बार भी मात्र मीडिया के जरिए ही उनके पास युवती के बयान पहुंचे हैं कोई लिखित शिकायत नहीं आई।

युवती व उसके भाईयों पर हैं कई केस दर्ज!
 

कमिश्नर सिन्हा ने इस मौके पत्रकारों को उक्त युवती के खानदान की क्राइम कुंडली दिखाते हुए कहा कि उक्त युवती के 2 भाई हैं जिनमें से एक पर नशा तस्करी का पर्चा दर्ज है व उसे 5 महीने की सजा भी हो चुकी है। दूसरे भाई पर 4 केस स्नैङ्क्षचग के दर्ज हैं जिनमें से 3 में उसे सजा हो चुकी है और एक में केस चल रहा है। इस वक्त युवती पर भी 2 केस दर्ज हैं। एक केस आत्महत्या की धमकी देने और दूसरा केस इंद्रजीत के घर जाकर लड़ाई करने का है। 

मीडिया में दिए बयान के आधार पर नहीं करूंगा कार्रवाई, जरूरत पड़ी तो बाहर से करवाऊंगा केस की जांच 

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि मैं पुलिस की छवि खराब होते नहीं देख सकता। मैंने अपने जालंधर के कार्यकाल में अभी तक 13 लोगों को बर्खास्त किया है। एक युवती के मीडिया में दिए बयान पर वह अपने एस.एच.ओ. पर कार्रवाई नहीं कर सकते।उन्होंने एक टीम का गठन किया है जो उक्त युवती के आज बयान दर्ज करने गई थी पर पता लगा कि युवती लुधियाना गई हुई है। उक्त युवती की पिछले साल भी एक वीडियो वायरल हुई थी जिसमें उसने इंद्रजीत पर आरोप लगाए थे। इसके बाद इंद्रजीत को 4-9-2017 में सस्पैंड कर दिया गया था। शिकायत की जांच ए.डी.सी.पी. सुडर विजी के पास है पर उक्त युवती कोई सहयोग नहीं दे रही।

अगर युवती के बयान दर्ज करने के बाद कोई सबूत बलबीर सिंह के खिलाफ मिलता है तो वह जरूर सख्त एक्शन लेंगे। अगर ये आरोप लगाए जाते हैं कि जालंधर की पुलिस इस केस में सही जांच नहीं कर सकती तो वह डी.जी.पी. से बात करके सारे केस की जांच बाहर से टीम बनवाकर भी करवा सकते हैं। एस.एच.ओ. बलबीर सिंह के आज छुट्टी पर जाने बारे उन्होंने कहा कि यह उसकी रूटीन लीव है, इसका इस केस से कोई लेना-देना नहीं है। इस मौके डी.सी.पी. गुरप्रीत सिंह, ए.डी.सी.पी. सुडरविजी व ए.सी.पी. सतिन्द्र चड्ढा भी मौजूद थे।

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