दिल्ली और हरियाणा की कंडम गाड़ियां बिक रही पंजाब में, राज्य में बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर

punjabkesari.in Monday, Jun 17, 2019 - 11:16 AM (IST)

भोगपुर(सूरी): दिल्ली और दिल्ली एन.सी.आर. में प्रदूषण खत्म करने के लिए पुरानी गाडिय़ां चलाने पर लगाई गई पाबंदी के बाद पंजाब में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। दिल्ली और उसके साथ लगते हरियाणा राज्य से माननीय सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया की तरफ से 10 साल पुराने डीजल वाहनों तथा 15 साल पुराने पैट्रोल वाहनों पर पूर्ण तौर पर पाबंदी लगा कर ऐसे वाहनों को जब्त करने के आदेश जारी होने के बाद ये वाहन भारी संख्या में पंजाब में बिकने लगे हैं। 

कुछ कार डीलरों की तरफ से ऐसे वाहनों को दिल्ली में से कबाड़ के भाव खरीद करने के बाद पंजाब में लाकर पंजाब के ट्रांसपोर्ट विभाग से नए नंबर लगवा कर बेचा जा रहा है। इस धंधे में मोटी कमाई की जा रही है परंतु पंजाब में प्रदूषण की दिन-ब-दिन बढ़ रही मात्रा को लेकर सरकार ङ्क्षचतित नजर नहीं आ रही है। विभाग की नाक नीचे चल रहे इस बड़े कारोबार के बारे जानकारी न होने के कारण कई अनजान लोग धोखाधड़ी का भी शिकार हो रहे हैं। कार डीलरों की भाषा में ऐसी गाडिय़ों को कटिंग वाली गाडिय़ां कहा जाता है।

NGT और सुप्रीम कोर्ट ने सांझे तौर पर जारी किए थे आदेश
नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) की तरफ से दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पैट्रोल वाहनों और पूर्ण तौर पर पाबंदी लगाई गई थी। इसके बाद यह मामला माननीय सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, जहां सुप्रीम कोर्ट की एक बैंच की तरफ से इस मामले की सुनवाई की गई। अदालत ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन.सी.आर.) में 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पैट्रोल वाहनों पर पूर्ण तौर पर पाबंदी लगाए जाने का आदेश जारी किया था। उस समय दिल्ली में इस आदेश कारण कंडम हुई गाडिय़ोंकी संख्या 38 से 40 लाख के करीब थी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ऐसी गाडिय़ों के चलने और ऐसी गाडिय़ों को किसी भी जनतक स्थान पर पार्क करने पर भी रोक लगवाई थी। दिल्ली में ऐसी पुरानी गाडिय़ों पर रोक लगने के बाद पंजाब में भारी संख्या में पहुंच रही हैं।

बिना जांच के जारी हो रहे प्रदूषण वाले सर्टीफिकेट
पंजाब सरकार की तरफ से सूबे में बढ़ रहे प्रदूषण को काबू में करने के लिए धान और गेहूं की फसल की बची नाड़ को आग लगाने पर पाबंदी लगाई गई है। पंजाब के खन्ना, मंडी गोबिन्दगढ़, बटाला, जालंधर, अमृतसर, नंगल और फगवाड़ा को पहले ही राज्य में सबसे अधिक प्रदूषित शहर घोषित किया जा चुका है। पंजाब में प्रदूषण का मुख्य का कारण बन रही पुरानी गाडिय़ां बिना बेरोक-टोक सड़कों पर दौड़ रही हैं। पंजाब में कई स्थानों पर वाहनों को जारी किए जाते प्रदूषण सर्टीफिकेट भी वाहन की अपेक्षित जांच बिना ही जारी कर दिए जाते हैं। अगर रा’य सरकार ने इसकी तरफ तुरंत ध्यान न दिया तो आने वाले समय में पंजाब में प्रदूषण की स्थिति बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच जाएगी।

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