गर्मियों में भी शहर वासियों को नहीं मिलेगी वायू प्रदूषण से निजात

punjabkesari.in Tuesday, Mar 20, 2018 - 09:40 AM (IST)

जालंधर (बुलंद): प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को लगता था कि सर्दी कम होगी ओर स्मोग हटेगी तो पंजाब का प्रदूषण स्तर नीचे आएगा पर ऐसा सम्भव नहीं दिख रहा। पंजाब में पी.एम. 2.5 के प्रदूषण से होने वाली समस्याएं व बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं। सर्दियों में वातावरण में फैले प्रदूषित कण ज्यादा ऊपर तक नहीं जा पाते क्योंकि धुंध व नमी की मात्रा वातावरण में अधिक होती है, पर गर्मियों में धुंध छंटने के कारण वातावरण में प्रदूषित कण काफी ऊंचाई तक चले जाते हैं जिससे पी.एम. 2.5 का आम लोगों के स्वास्थ्य पर कम असर पड़ता है। परंतु जैसे-जैसे देश आधुनिकता की राह अपना रहा है वैसे-वैसे वातावरण में प्रदूषण नए तरीकों से अपने पैर पसारता जा रहा है।

कम हो ए.सी. का प्रयोग: प्रो. मेहरा
प्रो. रोहित मेहरा का कहना है कि गर्मियों में भी प्रदूषण की मात्रा कम होने के आसार कम हैं क्योंकि गर्मियों में घरों, दफ्तरों व वाहनों में ए.सी. का प्रयोग भारी मात्रा में किया जाता है जिसका वातावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे जहां बिजली की खपत बढ़ती है वहीं बिजली उत्पादन में भी बढ़ौतरी करने के लिए ईंधन का प्रयोग बढ़ जाता है। ए.सी. व ईंधन के ज्यादा प्रयोग से वातावरण में सल्फर, कार्बन डाईआक्साइड, सल्फर डाईआक्साइड, नाइट्रोजनआक्साइड की मात्रा वातावरण में बढ़ जाती है ओर इससे प्रदूषण कणों में भारी बढ़ौतरी होती है। इसके लिए जरूरी है कि ए.सी. का प्रयोग कम से कम हो ताकि वातावरण में तापमान हाई न हो सके। पौधे ज्यादा से ज्यादा लगाए जाएं ताकि वे वातावरण में से कार्बन को सोखकर आक्सीजन दें।


सदियों के मुकाबले कम होगा प्रदूषण: कक्कड़
अरुण कक्कड़ का कहना है कि सर्दियों के मुकाबले गर्मियों में प्रदूषण कम होगा क्योंकि समोग हटेगी। उन्होंने कहा कि गर्मियों में वातावरण में प्रदूषण के अंश काफी ऊपर तक चले जाते हैं जिससे पी.एम. 2.5 का अटैक कम होता है। उन्होंने कहा कि ज्यादा ए.सी. चलाना, तेज हवाओं के कारण वातावरण में डस्ट फैलना, ट्रैफिक ज्यादा होना, तेज गर्मी से प्लास्टिक व रबड़ का पिघलकर वातावरण में प्रदूषण फैलने से प्रदूषण बढ़ता है पर इसके लिए विभाग द्वारा जागरूकता फैलाई जा रही है।

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