50 करोड़ के जुर्माने के बाद भी नहीं जागा प्रदूषण नियंत्रण विभाग

punjabkesari.in Thursday, Dec 06, 2018 - 10:42 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पंजाब सरकार को राज्य के नदियों-नालों को दूषित करने के लिए जिम्मेवार मानते हुए गत दिनों 50 करोड़ रुपए का जुर्माना किया गया था लेकिन शायद पंजाब सरकार और पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड पूरी तरह से ढीठ हो चुके हैं। 

यही कारण है कि 50 करोड़ के जुर्माने के बाद भी पंजाब सरकार और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड टस से मस नहीं हुए। इसी के चलते आज एक बार फिर जब एन.जी.टी. द्वारा बनाई गई निगरानी कमेटी के सदस्यों द्वारा स्थानीय बस्ती पीर दाद के 50 एम.एल.डी. वाले ट्रीटमैंट प्लांट की अचानक चैकिंग की गई तो पाया गया कि सरेआम प्रदूषण कंट्रोल के लिए बनाए गए नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए प्लांट में से एक प्लास्टिक की बड़ी पाइप जमीन के नीचे दबाकर सीधे काला संघिया ड्रेन में निकाली गई थी। इसके द्वारा कई एम.एल.डी. पानी बिना ट्रीट किए काला संघिया ड्रेन में फैंका जा रहा था। इस दौरान प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड व नगर निगम के अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे।

एन.जी.टी. के सदस्यों द्वारा इस मौके दोनों विभागों के अधिकारियों को झाड़ भी लगाई गई और कहा गया के इस मामले बारे विभागीय अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हैरानी की बात तो यह है कि इस पानी की पाइप को लोगों की नजरों से बचाने के लिए जमीन के नीचे से निकाला गया था, जिसमें सरेआम नगर निगम प्रदूषण बोर्ड और ट्रीटमैंट चलाने वाले कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत नजर आ रही थी। इस मौके पर एन.जी.टी. के अधिकारी ने कहा कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण ही ड्रेन का पानी साफ नहीं हो पा रहा। उन्होंने कहा कि प्लांट में से सिर्फ ट्रीट किया गया पानी ही ड्रेन में गिरना चाहिए था पर बिना ट्रीट किया दर्जनों एम.एल.डी. पानी जिस प्रकार से ड्रेन में फैंका जा रहा है, उस पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। वर्णनीय है कि वातावरण प्रेमी संत बलबीर सीचेवाल की रिपोर्ट के आधार पर ही एन.जी.टी. ने पंजाब सरकार को 50 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया था लेकिन जिस प्रकार चैकिंग के दौरान बिना ट्रीट किया पानी ड्रेन में गिरता दिखाई दिया है, उससे साफ है कि पंजाब में नदियों के जल को प्रदूषित होने से रोकने के लिए कोई गंभीर नहीं है।

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