हजारों करोड़ डूबे, फिर भी प्रतिवर्ष एक लाख करोड़ बचा रहे हैं पंजाब के बैंक

punjabkesari.in Saturday, Nov 17, 2018 - 02:18 PM (IST)

जालंधर (मोहन): कृषि व औद्योगिक क्षेत्र में बैंकों का 15,779 करोड़ डूबा होने के बावजूद पंजाब में बैंकों का व्यापार फल-फूल रहा है। राज्य  के सभी बैंकों के 3 वर्ष के आधिकारिक आंकड़ों अनुसार लेन-देन के बाद बैंक प्रतिवर्ष एक लाख करोड़ से अधिक की राशि बचा रहे हैं। 

पंजाब में फसल ऋण एक बार बंद जैसा है। ऋण बांटने वाली अन्य योजनाएं स्टैंडअप इंडिया, प्रधानमंत्री आवास योजना, शिक्षा ऋण, अल्पसंख्यक वर्ग को दिए जाने वाले कर्जे, प्रधानमंत्री रोजगार जैनरेशन प्रोग्राम, भूमिहीन किसानों के उत्थान, किसानों और उद्योगपतियों को पेशगी राशि देने व अन्य योजनाओं में बैंकों ने ऋण देने में हाथ पीछे खींचने जारी रखे हुए हैं। नोटबंदी के बाद से करंसी को लेकर लोगों में अभी भी अनिश्चितता वाला माहौल है। लोग नकदी को घर में रखने की बजाय बैंकों में रखने को मजबूरीवश प्राथमिकता दे रहे हैं। वर्ष 2016 से इस वर्ष के सितम्बर माह तक जमा होने वाली राशि में 11 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। सितम्बर 2018 तक  एक वर्ष में 3,54,959 करोड़ रुपए की राशि पंजाब भर के बैंकों में जमा हुई है, जबकि इसी समय में 2,45,440 करोड़ रुपए विभिन्न कार्यों के लिए दिए गए। 

जमा राशि में सर्वाधिक वृद्धि सैमी अर्बन क्षेत्र से हुई जोकि 18.57 फीसदी थी। राज्य में इस एक वर्ष में बैंक ब्रांचों में नई 45 शाखाओं में वृद्धि हुई जिसके साथ ही अब पंजाब में बैंक शाखाओं की संख्या 6351 हो गई है। इसी अरसे में ही विभिन्न कारणों के चलते 57 ए.टी.एम. बंद किए गए जो यह संकेत भी हैं कि राज्य डिजीटलाइजेशन अथवा ऑनलाइन की तरफ  बढ़ रहा है।   जानकारी के अनुसार, नोटबंदी से एक वर्ष पहले सितम्बर 2016 तक बैंकों में लोगों की वर्ष भर में राशि जमा वृद्धि 3,13,460 करोड़ थी और नोटबंदी के एक साल बाद सितम्बर 2017 तक महज 26,066 करोड़ की वृद्धि के साथ 3,39,526 करोड़ हो गई। यह स्थिति तब थी जब लोगों में पाबंदीशुदा करैंसी बैंकों में जमा करवाने की दौड़ लगी हुई थी।    

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