भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे कर्मचारियों की निजी कम्पनी ने शुरू की इंक्वायरी

punjabkesari.in Wednesday, May 23, 2018 - 12:27 PM (IST)

जालन्धर(अमित): परिवहन विभाग में बतौर बूट आप्रेटर अपनी सेवाएं प्रदान करने वाली निजी कम्पनी स्मार्ट चिप प्राइवेट लिमिटिड के कुछ कर्मचारियों के खिलाफ पिछले कुछ समय के दौरान लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं जिसके बाद कम्पनी द्वारा कई कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि आम जनता एवं सरकार के सामने कम्पनी की साफ छवि प्रस्तुत की जा सके। इसी कड़ी में कम्पनी ने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे कर्मचारियों की इंक्वायरी शुरू की है जिसके लिए बाकायदा तौर पर 2 वकीलों को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। मंगलवार को एडवोकेट बिक्रम सिंह वोहरा और एडवोकेट मनदीप सिंह ने ट्रैक पर जाकर कुछ कर्मचारियों से अलग-अलग मसलों को लेकर इंक्वायरी की। 

एक-दो दिन में कम्पनी को सौंपी जाएगी रिपोर्ट : एड. बिक्रम सिंह
एडवोकेट बिक्रम सिंह ने कहा कि उन्होंने कुछ कर्मचारियों को सम्मन किया था, जिनसे बारी-बारी पूछताछ की गई है। एक-दो दिन में वह कम्पनी को अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे। 

केवल फोर्स लीव पर भेजे गए कर्मचारियों से की गई पूछताछ
भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कम्पनी ने बेहद कड़ा कदम उठाते हुए ट्रैक पर काम करने वाले सारे आरोपी कर्मचारियों को एक साथ फोर्स लीव पर भेज दिया था। मंगलवार को केवल उन कर्मचारियों से पूछताछ की गई जिन्हें फोर्स लीव पर भेजा गया था। इनमें पूर्व ट्रैक इंचार्ज अमित कुमार के साथ प्रदीप, दीपक सूरी, शिवा, सोनिया, अनुराधा, निखिल, हरदीप, प्रभजोत आदि शामिल थे। जानकारी के अनुसार निजी कम्पनी के कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरने से कम्पनी की साख को धक्का लग रहा था और प्रदेश सरकार द्वारा निजी कम्पनी का ठेका रद्द तक किए जाने पर विचार किया जा रहा था। सुबह लगभग 10 बजे आरंभ की गई पूछताछ बाद दोपहर खत्म हुई। इस दौरान करीब 4 घंटे तक अलग-अलग कर्मचारी को बुलाकर उससे पूछताछ की गई। दिसम्बर, 2017 में हुई विजीलैंस की रेड के बाद बदले घटनाक्रम में निजी कम्पनी के कई कर्मचारियों की भूमिका सामने आने और उनकी गिरफ्तारी तक होने से कम्पनी अपने स्तर पर भी कर्मचारियों की जांच कर रही है। 

2 कर्मचारियों ने जांच में शामिल होने से किया इंकार
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार निजी कम्पनी ने सभी पूर्व कर्मचारियों को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था, मगर 2 कर्मचारियों ने फोन पर ही जांच में शामिल होने से साफ तौर पर इंकार कर दिया। उनका कहना है कि कम्पनी चाहे तो उन्हें नौकरी से निकाल दे, मगर वे बयान दर्ज करवाने नहीं आएंगे।

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