विधवा की रोजी-रोटी चला रही दुकान पर करवाया शशि ने कब्जा

punjabkesari.in Wednesday, Dec 05, 2018 - 12:34 PM (IST)

जालंधर(वरुण): लोगों की प्रापर्टियों पर कब्जे करने वाला शशि शर्मा बुजुर्ग महिलाओं पर भी तरस नहीं खाता जिसने चौक सूदां में एक विधवा बुजुर्ग महिला की रोजी-रोटी चला रही दुकान पर कब्जा करवा रखा है। माननीय कोर्ट ने महिला के हक में फैसला भी सुना दिया लेकिन शशि शर्मा ने यहां पर भी नया पंगा खड़ा कर दिया जबकि पुलिस ने भी कोर्ट के आर्डर होने के बावजूद कब्जा हटाने के लिए फोर्स नहीं भेजी। 

शशि के भय से शहर छोड़कर अबोहर रह रही बुजुर्ग विधवा पूनम सूरी पत्नी स्व. विजय सूरी मूल निवासी नागरा मंगलवार को पंजाब केसरी ऑफिस पहुंची। उन्होंने बताया कि उनके पति सूदां चौक में कलीरों की दुकान चलाते थे। बीमार होने के कारण काफी साल पहले उनकी मौत हो गई थी, जबकि बेटा चोट लगने से बैड पर था। दुकान बंद हो गई। उन्होंने दुकान को किराए पर देने की सोची। घर की किस्त जाती थी जिस कारण कमाई का कोई साधन जरूरी थी। किसी जानकार ने शशि के करीबी विजय कुमार धर्मा पुत्र करम चंद निवासी मोता सिंह नगर से मिलवाया। विजय को देखकर उन्हें शक हुआ और दुकान किराए पर देने से मना कर दिया। विजय ने बच्चों की कसम तक खा ली कि जैसे दुकान वह किराए पर ले रहा है, वैसे ही उनके कहने पर छोड़ देगा। विश्वास करके उन्होंने हामी भर दी और 2000 रुपए प्रति माह किराया तय हो गया। कुछ महीने बाद विजय धर्मा ने किराया कम करके 1500 रुपए कर दिया। वह भी कुछ माह तक दिए और बाद में किराया देना बंद कर दिया। जब भी उसका बेटा बस स्टैंड के पास स्थित विजय के दफ्तर में किराया लेने जाता तो उसे धमकियां दी जातीं। 

आरोप है कि  उस समय शशि भी मिला, उसने भी धमकाया। पूनम सूरी फिर शशि शर्मा के फ्लैट में गई जहां से शशि ने उन्हें भगा दिया। उसने शशि को यह भी कहा कि उनके घर की किस्तें जा रही हैं और पैसे न मिलने के कारण बैंक को घर देना पड़ेगा लेकिन पैसों के नशे में चूर शशि शर्मा को उस पर तरस नहीं आया। वह अपने बेटे को लेकर थाना दो में गई। आरोप है कि सारा मामला सुनने के बाद एस.एच.ओ. ने शशि को ही फोन कर दिया और शिकायतकत्र्ता के सामने ही शशि से हंस-हंस कर बातें कीं और बाद में उन्हें भेज दिया।  पूनम के अनुसार अब जब फैसला उसके हक में आया तो उन्होंने थाना-2 की पुलिस को कोर्ट के आदेश दिखाए लेकिन थाना प्रभारी ने उनके साथ फोर्स भेजने से मना कर दिया। इसके बाद शशि ने उनके खिलाफ नया षड्यंत्र भी रचा दिया जिस पर किस्तें टूटने के डर से उन्होंने अपना घर बेचकर बैंक के सारे पैसे लौटा दिए और अपने बेटे को साथ लेकर अबोहर चली गई। वह अब अपने बेटे के साथ अबोहर में रिश्तेदारों के घर में रहने को मजबूर है। 

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