पर्यावरण और मनुष्य परस्पर पूरक, पर्यावरण की रक्षा का अर्थ है अपनी सुरक्षाः डॉ मोहन भागवत

punjabkesari.in Monday, Aug 31, 2020 - 03:31 PM (IST)

जालंधर (राहुल/मृदुल): हिंदू आत्धायक्मिक और सेवा फाउंडेशन द्वारा  हरियावल पंजाब के सहयोग से आयोजित राष्ट्रव्यापी प्रकृति वंदन कायर्क्रम में पंजाब में 60 हजार से अधिक परिवारों के करीब अढ़ाई लाख से अधिक सदस्यों ने अपनी सहभागिता दर्ज करवाते हुए पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन का संकल्प लिया।

वहीं प्रकृति वंदन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंमसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने फेसबुक पर लाइव होकर कहा कि प्रकृति और मनुष्य के बीच बहुत गहरा संबंध है। मनुष्य और पर्यावरण दोनों एक-दूसरे के पूरक है कि अलग करठा कठिन है। पूरे सौर-मंडल में केवल हमारी पृथ्वी पर ही जीवन है। यह तभी बचा रहेगा, जब हम पर्यावरण को संरक्षित करेंगे। यह तभी बचा रहेगा, जब हम पर्यावरण को संरक्षित करेंगे। अगर पर्यावरण नष्ट हो जाएगा तो जीवन भी संभव नहीं होगा। भविष्य में धरती पर जीवन यापन करने के लिए हमें आज पर्यावरण को बचाना ही होगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाना ही होगा।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा का अर्थ है अपनी सुरक्षा। उन्होंने कहा कि अस्तित्व के सत्य को हमारे पूर्वजों ने अपनी पूर्णता में समझ लिया था। पर्यावरण को बचाने का अर्थ है, हरियाली को बढ़ाना, वृक्षों की सुरक्षा करना और पर्यावरण को दूषित होने से बचाना। पर्यावरण की रक्षा के लिए हमें पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों की सुरक्षा करनी होगी। हमें वृक्षों, जानवरों, पक्षियों, पौधों और पानी को बचाना होगा। अगर समय रहते हम नहीं चेते और पर्यावरण को बचाने के बारे में नहीं सोचा तो इसके भयंकर परिणा हो सकते हैं। 


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