लड़ाई जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी की, निशाने पर कांग्रेस के कई दिग्गज

punjabkesari.in Thursday, Jun 27, 2019 - 11:06 AM (IST)

जालंधर (चोपड़ा): जिला परिषद के चेयरमैन की कुर्सी को पाने की कवायद ने कांग्रेस की राजनीति का पारा चढ़ा दिया है और जालंधर में चेयरमैन की लड़ाई में पंजाब कांग्रेस के कई दिग्गज भी निशाने पर आ गए हैं। कुर्सी को लेकर शुरू हुई खींचतान में इन नेताओं की साख भी दाव पर लगने वाली है। हालांकि जिला परिषद व ब्लाक समितियों के चुनाव 2018 में हुए थे।

चेयरमैनी को लेकर इन तीनों के मध्य कड़ा मुकाबला
22 सितम्बर को चुनाव नतीजों में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने ज्यादातर सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया था, परंतु करीब 9 महीनों के बाद भी जिला परिषदों के चेयरमैन व ब्लाक समितियों के चेयरमैन बना पाने में असमर्थ रही कैप्टन सरकार की जहां खासी फजीहत हो रही है। वहीं दूसरी कतार के कांग्रेस नेताओं व कार्यकत्र्ताओं में खासा रोष व्याप्त होने लगा। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने ऐलान किया है कि 15 जुलाई तक ऐसी सभी नियुक्तियों को फाइनल कर दिया जाएगा। अमरेन्द्र की इस घोषणा के बाद पंजाब में देहाती विधानसभा हलकों में राजनीति का पारा चढ़ गया है। इस लड़ाई में अपने समर्थकों को पद दिलाने में कई बड़े दिग्गज भी कूद गए हैं। जालंधर में जिला परिषद चेयरमैन बनने की लड़ाई में 3 नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं जिससे मुकाबला कड़ा हो गया है। चेयरमैन की कुर्सी पाने के लिए मेहताब सिंह लाली, बाबा राजेन्द्र सिंह जौहल व पहलवान सुरजीत सिंह के मध्य कड़ा मुकाबला चल रहा है। मेहताब सिंह लाली पतारा से चुनाव जीते हैं और वह पंजाब के पूर्व मंत्री कंवलजीत सिंह लाली के पुत्र हैं। 

मेहताब को चेयरमैन पद दिलाने को इन नेताओं ने शुरू की लाबिंग
मेहताब के चाचा सुखविन्द्र सिंह लाली जिला कांग्रेस देहाती के प्रधान हैं व उनकी पंजाब के जेल मंत्री सुखजिन्द्र सिंह रंधावा के साथ नजदीकी रिश्तेदारी भी है। मेहताब को चेयरमैन पद दिलाने को इन सभी नेताओं ने लाबिंग शुरू कर दी है।  इसके अलावा जिला कांग्रेस देहाती के पूर्व प्रधान बाबा राजेन्द्र सिंह जौहल भी चेयरमैनी की दौड़ में शामिल हैं। वह जंडियाला से चुनाव जीते हैं। जौहल वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के बेहद खास माने जाते हैं। जब मनप्रीत बादल ने अकाली दल को अलविदा कह कर अपनी अलग पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब (पी.पी.पी.) का गठन किया था तब बाबा जौहल ने कांग्रेस को छोड़कर मनप्रीत का हाथ थामा था परंतु कुछ वर्षों के बाद मनप्रीत के कांग्रेस में शामिल होने के समय वह भी पुन: अपनी घर वापसी कर गए थे। पार्टी ने उन्हें पंजाब प्रदेश कांग्रेस का उपप्रधान बनाया था। अब बाबा जौहल को चेयरमैन बनाने को लेकर मनप्रीत बादल भी गोटियां फिट करने में जुटे हुए हैं। 

सांसद संतोख चौधरी परिवार के खासे करीबी हैं सुरजीत सिंह
इसी तरह सुरजीत सिंह सांसद संतोख चौधरी परिवार के खासे करीबी हैं। वह चौधरी परिवार के गढ़ फिल्लौर विधानसभा हलका के अंतर्गत आते दोसांझ कलां से दूसरी बार चुनाव जीते हैं। सांसद चौधरी सुरजीत को जिला परिषद का चेयरमैन बनाने को खासी तवज्जों दे रहे हैं। फिल्लौर हलका पर विशेष नजर गढ़ाए सांसद चौधरी चाहते हैं कि उनका समर्थक नेता चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज हो ताकि वह 2022 के विधानसभा चुनावों में हलका से टिकट के लिए अपने परिवार के दावे को एक बार फिर से मजबूत बना सकें। वहीं वह अपने चहेते को इस पद पर बैठाकर यह मैसेज भी देना चाहेंगे कि पार्टी उच्च कमान में उनकी पकड़ ज्यादा मजबूत है। अभी तक चेयरमैन की दौड़ में 3 नाम प्रमुखता से सामने आए हैं और तीनों को पार्टी के आला नेताओं का समर्थन हासिल है और हरेक गुट प्रयासों में जुटा हुआ है कि जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी उनके गुट से सबंधित नेता को ही हासिल हो। अब इन तीनों नामों में से किसी एक को चेयरमैन घोषित करना कांग्रेस के लिए आसान काम नहीं है। जो भी हो आखिर देखते हैं किस दावेदार का कौन सा समर्थक दिग्गज नेता बाजी मारेगा। 

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