अति सुरक्षित सिविल सचिवालय में बायोमैट्रिक मशीनें हैक करने का पंजाब सरकार ने लिया कड़ा नोटिस

punjabkesari.in Saturday, Feb 08, 2020 - 12:15 PM (IST)

जालंधर(नरेंद्र मोहन): उच्च सुरक्षा जोन में माने जाते चंडीगढ़ स्थित पंजाब सचिवालय की अटैंडैंस मशीनों को ही हैक कर लिया गया है और कुछ मशीनों की स्क्रीन लॉक करने के साथ-साथ कुछ के स्कैनर खराब कर दिए गए तथा कुछ के चार्जर भी तोड़ दिए गए। इस बात का पंजाब सरकार ने गंभीर नोटिस लेते हुए इसकी जांच कराने व सचिवालय के सभी तलों पर लगी मशीनों की निगरानी के लिए अद्र्धसैनिक बलों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। वहीं जनरल प्रशासन विभाग ने नोटिस जारी करते हुए सचिवालय की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा फोर्स (सी.आई.एस.एफ.) को उक्त मशीनों की निगरानी करने के लिए कहा है। 

गौर रहे कि पंजाब के मुख्य सचिव से लेकर सचिवालय में तैनात सभी वेतनभोगियों की कार्यालय में उपस्थिति यकीनी बनाने के लिए बायोमैट्रिक मशीनों की शुरूआत 1 फरवरी से की गई थी। अनेक मशीनों को शातिर कर्मचारियों ने हैक कर दिया परिणामस्वरूप अधिकारी/कर्मचारी को फिर से अटैंडैंस लगाने के लिए वही पुराने रजिस्टरों का सहारा लेना पड़ रहा है और सरकार भी यह जानने में अक्षम हो रही है कि कौन अधिकारी/कर्मचारी काम पर है तथा कौन फ्र्लो पर है।

2 वर्ष पूर्व मंगवाई थीं बायोमैट्रिक मशीनें  
करीब 5 वर्षों से सचिवालय, मिनी सचिवालय और पंजाब सरकार के चंडीगढ़ व मोहाली स्थित अन्य कार्यालयों में बायोमैट्रिक मशीनें लगाने के लिए प्रयास चल रहे थे परंतु निर्णय लेने की लेटलतीफी के चलते उक्त मशीनों को लगाने में लगातार देरी होती गई। हालांकि 2 वर्ष पूर्व बायोमैट्रिक मशीनें मंगवा भी ली गई थीं परंतु सभी मशीनें धूल फांकती रहीं और उन्हें लगाया नहीं जा सका। इसी वर्ष जनवरी माह में पंजाब सरकार का जनरल एडमिनिस्ट्रेशन सक्रिय हुआ और मशीनों को लगाने के सख्त निर्देश जारी किए थे। पहले की तरह इस बार भी कर्मचारियों की तरफ से उक्त मशीनें लगाने को लेकर विरोध हुआ लेकिन पंजाब सरकार और कर्मचारियों के मध्य बातचीत के बाद मशीनें लगाने का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया था। इसी प्रथम फरवरी से बायोमैट्रिक मशीनों पर सभी अधिकारी और कर्मचारी अपनी उपस्थिति लगाने लगे। बस, 1-2 दिन बाद ही मशीनों में गड़बड़ी शुरू हो गई, परंतु उक्त मशीनों को हैक करने के मामले ने पंजाब सरकार को सकते में ला दिया है।

मशीनों की गुणवत्ता को लेकर उठे प्रश्न 
उधर बायोमैट्रिक मशीनों की गुणवत्ता को लेकर भी प्रश्न उठने लगे हैं। कुछ तकनीकी माहिरों का मानना था कि मशीनें पुराने वक्त की हैं और स्वयं ही हैंग हो रही हैं इनमें नैटवर्क प्रॉब्लम भी आ रही है जबकि आजकल इनसे कहीं बेहतर, सस्ते मूल्यों की मशीनें मार्किट में उपलब्ध हैं जिनमें उंगली, नेत्रों व कार्ड किसी भी माध्यम से उपस्थिति दर्ज करवाने की सुविधा है। गौरतलब है कि चंडीगढ़ स्थित पंजाब के वित्त भवन, उद्योग भवन, कुछ जिला उपायुक्तों के कार्यालयों, मोहाली स्थित पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के बड़े कार्यालय में पहले से भी आधुनिक किस्म की बायोमैट्रिक मशीनें लगी हुई हैं।

...अब मशीनों को ब्रांचों में ही लगाने का निर्णय
पंजाब सचिवालय की कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष सुखचैन सिंह खेहरा का कहना था कि मशीनों में तकनीकी मुश्किल आने और इनकी सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए अब मशीनों को ब्रांचों में ही लगाने का निर्णय हुआ है जिसमें संबंधित ब्रांच के सुपरिंटैंडैंट मशीनों की निगरानी रखेंगे। जब अधिकारी अथवा कर्मचारी सरकार से वेतन लेते हैं तो यह उनकी ड्यूटी है कि कार्यालय में समय भी पूरा लगाएं। 


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