‘पंजाब केसरी’ सैंटर ऑफ चैस एक्सीलैंस: ओपन कैटेगरी में प्रभुजोत सिंह ओवरआल चैम्पियन

punjabkesari.in Monday, Oct 15, 2018 - 01:27 PM (IST)

जालंधर(भारती): ‘पंजाब केसरी’ सैंटर ऑफ चैस एक्सीलैंस की ओर से द गलेरिया डी.एल.एफ. मॉल में करवाई गई 12वीं 2 दिवसीय चैस चैम्पियनशिप में अंडर-7 में जहां लक्षित ओवरआल विनर बना वहीं इसी कैटेगरी में लड़कों के वर्ग में मनन गुप्ता तो लड़कियों के वर्ग में आरिका कपूर ने जीत हासिल की।  वहीं यशिका खन्ना यंगैस्ट गर्ल और कार्तिक वर्मा यंगैस्ट ब्वाय बने। प्रतियोगिता में करीब 300 खिलाडिय़ों ने भाग लिया था। इस मौके पर ‘पंजाब केसरी’ के डायरैक्टर श्री अभिजय चोपड़ा, साइशा चोपड़ा, जालंधर चैस एसोसिएशन के सैके्रटरी मनीश थापर, चीफ ऑर्बिटर कीर्ति शर्मा, कंवरजीत सिंह ने विजेता खिलाडिय़ों को सम्मानित किया। इस दौरान डिप्टी चीफ ऑर्बिटर  अमित शर्मा, कंवरजीत सिंह, संजीव शर्मा, चंद्रेश, कीर्ति कुमार, कशिश, दानिश, कक्कू भारद्वाज, आर्गेनाइजर टीम से रुचिका शर्मा, आदित्य आनंद, साहिल चावला और इशू भगत मौजूद रहे।

ग्रैंडमास्टर बनना चाहता है माधवंश 
बठिंडा का रहने वाला माधवंश पिछले 4 वर्षों से चैस खेल रहा है। चौथी क्लास में पढऩे वाले माधवंश ने अपनी बहन को खेलता देखकर चैस खेलना शुरू किया था। माधवंश अंडर-9 कैटेगरी में अपने डिस्ट्रिक्ट का रेटिड प्लेयर है। वह बड़ा होकर ग्रैंडमास्टर बनना चाहता है।

दादा जी को देखकर रेहान ने सीखा चैस खेलना 
रेहान पिछले 2 वर्षों से चैस खेल रहा है। 6वीं क्लास में पढऩे वाले रेहान ने अपने दादा जी को देखकर चैस खेलना सीखा था। रेहान रोजाना 1 से 2 घंटे पै्रक्टिस करता है और बड़ा होकर बैस्ट चैस प्लेयर बनना चाहता है। 

दिव्यम ने पापा के साथ शुरू किया चैस खेलना 
अंडर-11 कैटेगरी के ओवरआल विनर दिव्यम पुरी ने इस प्रतियोगिता के लिए पूरे हफ्ते प्रैक्टिस की थी। दिव्यम ने अपने पापा के साथ चैस खेलना शुरू किया और धीरे-धीरे उसकी रुचि इस खेल में बढ़ी। रोजाना 2 से 3 घंटे प्रैक्टिस करने वाला दिव्यम बड़ा होकर ग्रैंडमास्टर बनना चाहता है।

भाई को देखकर शुरू किया चैस खेलना: श्रेष्ठी
श्रेष्ठी ने एक साल पहले ही चैस खेलना शुरू किया था। श्रेष्ठी का भाई चैस खेलता था जिसे खेलता देख उसने भी चैस सीखना और खेलना शुरू किया। रोजाना 2 घंटे प्रैक्टिस करने वाली श्रेष्ठी नैशनल और डिस्ट्रिक्ट लैवल पर भी कई प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी है। वह दिल्ली में करवाई गई कॉमनवैल्थ चैस चैम्पियनशिप में भी प्राइज जीत चुकी है। 

फन के लिए अर्शदीप ने शुरू किया खेलना 
अंडर-15 कैटेगरी में ओवरआल विनर अर्शदीप ने सिर्फ फन के लिए चैस खेलना शुरू किया था लेकिन पिछले & साल से उसने इस गेम को गम्भीरता से सीखना शुरू किया। 8वीं क्लास में पढऩे वाला अर्शदीप रोजाना एक घंटा प्रैक्टिस करता है। 

भाई को देखकर चैस खेलना शुरू किया था मंथन अरोड़ा ने 
अंडर-13 कैटेगरी में पहला स्थान हासिल करने वाले मंथन ने अपने भाई को देखकर चैस खेलना शुरू किया था। वह रोजाना 1 से 2 घंटे प्रैक्टिस करता है। बड़ा होकर ग्रैंडमास्टर बनने की चाहत रखने वाला मंथन डिस्ट्रिक्ट और नैशनल लैवल पर कई चैस प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुका है। 

बहन को देखकर आरिका ने शुरू किया था खेलना
आरिका पिछले डेढ़ साल से चैस खेल रही है। आरिका ने अपनी बहन को देखकर इस खेल को सीखना शुरू किया। पहली कक्षा में पढऩे वाली आरिका 2 से & घंटे प्रैक्टिस करती है।

 4-5 घंटे प्रैक्टिस करती है टिया 
टिया ने यू.के.जी. क्लास में ही चैस सीखना शुरू कर दिया था। टिया ने अपने चाचा से खेलना सीखा। वह बताती है कि उन्होंने सबसे पहले मुझे चैस बोर्ड के बारे में बताया व धीरे-धीरे चैस समझ में आने लगी। रोजाना 4-5 घंटे प्रैक्टिस करने वाली टिया बड़ी होकर ग्रैंडमास्टर बनना चाहती है। 

5 साल से खेल रहा है प्रभुजोत
ओपन कैटेगरी में ओवरआल विनर रहे प्रभुजोत को चैस खेलते 5 साल हो गए हैं। प्रभुजोत एलएल.बी. की पढ़ाई कर रहे हैं तथा अपनी आॢथक जरूरतों को पूरा करने के लिए चैस की कोङ्क्षचग भी देते हैं। 

बहन को देखकर चैस खेलना शुरू किया श्रेयस अरोड़ा ने
श्रेयस अरोड़ा ने अपनी बहन को देखकर चैस खेलना शुरू किया, वह पिछले 4 सालों से चैस खेल रहा है और बड़ा होकर ग्रैंडमास्टर बनना चाहता है।

पिता को देखकर विभूति ने शुरू किया खेलना
अमृतसर की रहने वाली विभूति के पिता चैस खेलते हैंइसलिए उसे भी इस खेल में रुचि है। 7वीं कक्षा में पढऩे वाली विभूति चैस खेल रही है और कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी है। 

केमी ने  माइंड फ्रैश करने के लिए शुरू किया था खेलना
केमी पहली बार हिमाचल से जालंधर इस टूर्नामैंट में भाग लेने आई है। 10वीं कक्षा में पढऩे वाली केमी ने माइंड को फ्रैश करने के लिए चैस खेलना शुरू किया था लेकिन अब उसे लगातार चैस खेलते हुए 3 साल हो गए हैं और वह कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी है।

विश्वनाथन आनंद हैं मनन के फैवरेट प्लेयर 
6 साल का मनन गुप्ता पिछले एक साल से चैस खेल रहा है। मनन रोजाना एक से 2 घंटे प्रैक्टिस करता है। विश्वनाथन आनंद  उसके फैवरेट प्लेयर हैं। वह भी उनकी तरह बनना चाहता है।  


चैस में ही अपना करियर बनाना चाहती है जसमीता 
6वीं कक्षा में पढऩे वाली जसमीता के दोस्त चैस खेलते हैं इसलिए उसने भी चैस खेलना शुरू किया। अब इस खेल में उसकी रुचि इतनी बढ़ गई है कि वह बड़ी होकर चैस में ही अपना करियर बनाना चाहती है। 

 मैं अभिजय चोपड़ा का धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने चैस को बढ़ावा देने के लिए सहयोग किया। पंजाब केसरी सैंटर ऑफ चैस एक्सीलैंस की ओर से चैस को प्रोमोट करने के लिए बहुत बढिय़ा प्रयास किए जा रहे हैं। इससे बच्चों का दिमाग तेज होता है।
-दिनेश हांडा (सेल्स एंड मार्कीटिंग हैड द गलेरिया डी.एल.एफ. मॉल)

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