चौकों-चौराहों पर चोर-उचक्कों का राज, पुलिस की नहीं खुल रही नींद!

punjabkesari.in Wednesday, Jul 10, 2019 - 11:53 AM (IST)

जालंधर(रमन): शहर में अपराधों का ग्राफ बढ़ रहा है। पुलिस न तो जनता का विश्वास जीत पा रही है और न ही अपराधियों में भय पैदा कर पा रही है। अपराधियों में पुलिस का कितना खौफ है, का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पंजाब केसरी की टीम ने सोमवार की रात शहर के मुख्य चौराहों पर जाकर देखा, कुछेक चौकों को छोड़ कर बाकी पर पुलिस नजर नहीं आई। इन चौकों को जोड़ती सड़कों पर अक्सर लूटपाट के अलावा चोर-उचक्के वारदातों को अंजाम देते रहते हैं।

जून और जुलाई महीने में शहर में एक दर्जन के करीब तो स्नैङ्क्षचग की ही घटनाएं घट चुकी हैं। इसके अलावा 2 दर्जन के करीब चोरी के मामले अलग-अलग पुलिस थाने में दर्ज हैं। फिर भी कमिश्ररेट और देहाती पुलिस रात को चैन की नींद सो जाती है। ऐसा नहीं कि चौकों-चौराहों पर सोमवार की रात ही पुलिस नजर नहीं आई। चुनाव को खत्म हुए डेढ़ महीने के करीब होने को है और चुनाव के दौरान हर चौक पर पुलिस मुलाजिम मुस्तैद नजर आते थे लेकिन चुनाव खत्म हुए डेढ़ महीना बीत गया है मगर सूरत-ए-हाल कहते हैं कि पुलिस अभी भी चुनावी नींद में है।   

जब रात सवा 11 से रात साढ़े 12 बजे तक विभिन्न चौकों पर जाकर पुलिस नाकों की हकीकत जानी तो चौकों-चौराहों और फ्लाईओवर पर जहां दिन में पुलिस अक्सर मुस्तैदी के साथ वाहनों के चालान काटती नजर आती है, वहीं रात को कोई भी पुलिस कर्मी नजर नहीं आया। यही नहीं कई जगहों पर पुलिस की गाडिय़ां तो नजर आईं लेकिन उन गाडिय़ों में कोई पुलिस मुलाजिम नहीं था।
चोरी और स्नैचिंग की 3 दर्जन से ज्यादा वारदातों से भयभीत लोगों का कहना है कि उनका घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। घर से निकलते ही लुटेरे सरेराह लूट कर निकल जाते हैं और विरोध करने पर तेजधार हथियारों से घायल कर देते हैं। जनता ने पुलिस कमिश्नर नौनिहाल सिंह से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

हाईवे तक नहीं है सुरक्षित
शहर के अंदरूनी इलाकों में दाखिल होने वाले हाईवे तक सुरक्षित नहीं हैं। मकसूदां चौक से लेकर अमृतसर रोड हाईवे पर पुलिस द्वारा चैक पोस्ट बना सुबह-शाम नाकाबंदी की जाती है और वहां से आने वाली गाडिय़ों व दोपहिया वाहनों को चैक कर चालान काटे जाते हैं मगर हैरानी की बात यह है कि रात को उक्त हाईवे पर कोई पुलिस मुलाजिम नजर नहीं आता। उक्त लुटेरे इन्हीं खाली चौराहों 
का फायदा उठा वारदातों को अंजाम दे रहे हैं जिस पर पुलिस प्रशासन गंभीर नहीं है।

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