आतंकवाद से निपटने के लिए पंजाब पुलिस ने बनाई नई रणनीति

punjabkesari.in Friday, Sep 13, 2019 - 09:47 AM (IST)

जालंधर(धवन): आतंकवाद से निपटने के लिए पंजाब पुलिस ने अब एक नई रणनीति बनाई है, जिसे देखते हुए इंटेलिजेंस विभाग का पुनर्गठन पंजाब सरकार द्वारा कर दिया गया है। यह फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह तथा पंजाब पुलिस के प्रमुख दिनकर गुप्ता के मध्य हुई बैठक में लिया गया था जिसके बाद अब इंटेलिजेंस विंग में ही एक अलग आंतरिक सुरक्षा विंग का गठन किया गया है, जो आतंकवाद के ऊपर पूरी तरह से नजर रखेगा। इंटेलिजेंस विंग का पुनर्गठन करते समय आंतरिक सुरक्षा विंग की कमान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आर.एन. ढोके को सरकार द्वारा सौंपी गई है। 

आला पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इंटेलिजेंस विभाग को अब 3 हिस्सों में मुख्य रूप से बांट दिया गया है, जिसके तहत काउंटर इंटेलिजेंस, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट तथा आर्गनाइज्ड क्राइम कंट्रोल यूनिट बनाए गए हैं। इन तीनों यूनिटों की कमान ए.डी.जी.पी. (आंतरिक सुरक्षा) द्वारा देखी जाएगी। इससे पहले इन तीनों विंगों की देखभाल आई.जी. रैंक के पुलिस अधिकारी द्वारा की जाती थी। पंजाब चूंकि सीमावर्ती राज्य है, इसलिए आतंकवाद को उभारने के प्रयास यदा-कदा पाकिस्तान की शह पर होते रहते हैं। प्राप्त सूचनाओं के अनुसार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने ही डी.जी.पी. से कहा था कि आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए आंतरिक सुरक्षा विंग गठित किया जाए, जिसकी कमान प्रभावशाली पुलिस अफसर के हवाले की जाए। 

जम्मू-कश्मीर में केन्द्र सरकार द्वारा धारा-370 को खत्म करने के बाद पाकिस्तान की ओर से खतरा और बढ़ चुका है तथा पंजाब की सीमा जम्मू-कश्मीर से लगती है, इसलिए पाकिस्तान आने वाले दिनों में भारत के खिलाफ अपनी गतिविधियां तेज कर सकता है, जिसे देखते हुए पंजाब पुलिस को और चुस्त-दुरुस्त बनाने की जरूरत है। पंजाब सरकार पहले ही पुलिस में सुधारों को लागू करने के उद्देश्य से पुलिस गवर्नेंस रिफार्म का ए.डी.जी.पी. कुलदीप सिंह के नेतृत्व में गठन कर चुकी है। 

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के इरादे जम्मू-कश्मीर तथा पंजाब को लेकर नेक नहीं है। खालिस्तानी तत्व भी विदेशों में बैठकर पंजाब के खिलाफ रणनीति बनाते रहते हैं। पिछले 5 वर्षों में पंजाब में टार्गेट किलिंग्स हुई हैं, जिनकी जांच से पुलिस ने यह पता लगाया था कि टार्गेट किलिंग्स करने वाले गैंगस्टर्स को आतंकवादियों ने अपने साथ मिलाया हुआ है। इसे देखते हुए ही इंटेलिजेंस विंग को और तेज करने की रणनीति पर कार्य चल रहा है। आंतरिक सुरक्षा विंग अब सीधे तौर पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय के साथ संबंध रखेगा। आतंकवाद को लेकर इंटेलिजेंस से संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान सीधे गृह मंत्रालय के साथ किया जाएगा।

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Sunita sarangal