7,000 करोड़ की लागत से रेलवे बनवाने जा रहा 22,000 नए वैगन

punjabkesari.in Friday, Jun 29, 2018 - 12:48 PM (IST)

जालंधर(गुलशन): भारतीय रेलवे ने वित्तीय वर्ष में अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर दिया है जो 7,000 करोड़ रुपए की लागत से 22,000 नए वैगन बनवाने जा रहा है। रेलवे ने इतने बड़े ऑर्डर के लिए टैक्समैको रेल एंड इंजीनियरिंग, टीटागढ़ वैगन, जिंदल रेल और जुपिटर वैगन जैसे बड़े कोच निर्माताओं के साथ सम्पर्क किया है। रेल मंत्रालय का मानना है कि यह अब तक का सबसे बड़ा टैंडर है व बड़ी संख्या में वैगनों का ऑर्डर देने से कीमत में लगभग 15 से 20 प्रतिशत तक की कमी आएगी। आने वाले समय में वैगनों की बढ़ती हुई मांग को देखकर ही इतना बड़ा टैंडर लगाया जा रहा है। फिलहाल रेलवे वैगनों की कमी से अपने ग्राहकों को पूरी सुविधाएं नहीं दे पा रहा है लेकिन अब आश्वासन दिया जा रहा है कि अगले साल तक बड़ी संख्या में कोच तैयार होने के बाद यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होगी। 


रेल मंत्री ने वैगन निर्माताओं को दिए क्षमता बढ़ाने के निर्देश
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस बारे वैगन निर्माताओं से अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें हर महीने 1,000 वैगन तैयार चाहिएं अन्यथा उनके पास वैगन आयात करवाने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है लेकिन फिलहाल कंपनियों की महीने में 400 वैगन बनाने की ही क्षमता है। रेल मंत्री ने कंपनी के प्रतिनिधियों से कहा कि अगर उन्हें जरूरत के मुताबिक वैगन मुहैया नहीं करवाए गए तो मजबूरन उन्हें इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ानी पड़ेगी। पिछले सप्ताह रेल भवन नई दिल्ली में रेलवे बोर्ड के उ‘च अधिकारियों और बड़े निर्माताओं के बीच इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक भी हुई है। 

माल ढुलाई की क्षमता बढ़ाने का भी लक्ष्य
उल्लेखनीय है कि रेलवे की कुल कमाई में से 60 प्रतिशत रैवेन्यू माल ढुलाई से आता है, जबकि पैसेंजर ट्रेनों से हर साल 30 हजार करोड़ रुपए का घाटा सहना पड़ता है। बाकी कुछ कमाई रेलवे को कमर्शियल विभाग के अन्य संसाधनों से भी होती है। रेलवे सूत्रों का कहना है कि अगले 2 साल में माल ढुलाई की क्षमता को भी 1,100 मिलियन टन तक बढ़ाया जाएगा। इसके लिए 3,300 किलोमीटर लंबा डैडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनाया जा रहा है जिसका काम साल 2020 तक पूरा होगा। मौजूदा समय में माल ढुलाई की क्षमता 1,200 मिलियन टन है जो कि अगले साल बढ़ कर 2,300 से 2,400 मिलियन टन होने की उम्मीद है। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि इसके लिए बड़ी संख्या में वैगनों की जरूरत है। 

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