समस्याओं को लेकर कांग्रेसी पार्षद दे रहे धरने, यह है कैप्टन की अढ़ाई साल की उपलब्धि: रमन पब्बी

punjabkesari.in Wednesday, Sep 11, 2019 - 12:36 PM (IST)

जालंधर(सोमनाथ): कैप्टन सरकार को सत्ता में आए अगले सप्ताह अढ़ाई साल होने जा रहे हैं। इन अढ़ाई सालों में कैप्टन सरकार पंजाब का कोई विकास नहीं कर पाई है। विकास तो दूर की बात है उनकी अपनी पार्टी के पार्षदों और विधायकों के काम नहीं हो रहे हैं। समस्याओं के हल के लिए कांग्रेसी पार्षदों और विधायकों को सड़कों पर धरने देने पड़ रहे हैं। 

यह कहना है भाजपा के जिला प्रधान रमन पब्बी का जो मीडिया के साथ 11 सितम्बर से भाजपा के अंदर बूथ लैवल पर शुरू हो रहे संगठनात्मक चुनावों के प्रोग्राम बारे बात कर रहे थे। पब्बी ने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पंजाब में सत्ता हासिल करने के लिए हाथ में पवित्र गुटका साहिब लेकर राज्य में एक महीने के अंदर नशों के खात्मे की शपथ ली थी। अब तो उनकी सरकार को सत्ता में आए अढ़ाई साल हो चले हैं, पंजाब से नशों का खात्मा कब होगा।

2 लाख का लक्ष्य था, 7 लाख से ज्यादा ने ली भाजपा की सदस्यता
जिला प्रधान रमन पब्बी ने बताया कि 6 जुलाई को भाजपा में प्राइमरी मैंबरशिप अभियान शुरू हुआ था और पंजाब में 2 लाख कार्यकर्ताओं को पार्टी के साथ जोडऩे का लक्ष्य था। इस छोटे से समय के दौरान पंजाब में 7 लाख से ज्यादा लोगों ने भाजपा की प्राइमरी सदस्यता हासिल की। इसके अलावा अकेले जालंधर में 15,000 से ज्यादा लोगों ने पार्टी की प्राइमरी मैंबरशिप ग्रहण की है। 7 लाख से ज्यादा लोगों का भाजपा की सदस्यता लेना केंद्र में दोबारा सत्ता में आई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की लीडरशिप और भाजपा सरकार द्वारा किए गए कार्यों को समर्थन कहा जा सकता है। 

13 मंडलों में बंटा है जालंधर
पार्टी को संगठनात्मक रूप से मजबूत करने के लिए भाजपा ने जालंधर को 13 मंडलों में बांटा हुआ है। इनमें 3 मंडल विधानसभा हलका नार्थ और सैंट्रल विधानसभा हलके को 4, 5, 6, 7 मंडलों में बांटा गया है। इसके अलावा वैस्ट हलके को 8, 9, 10, 11 और जालंधर कैंट को 2 शहरी मंडलों 12 तथा 13 में बांटा गया है। इन मंडलों में मंडल प्रधानों का चयन 11 अक्तूबर से शुरू होगा। 

हम कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक 
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद-35ए हटाए जाने पर रमन पब्बी ने कहा कि जो काम लंबे समय तक सत्ता में रही कांग्रेस की सरकारें नहीं कर सकीं वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कर दिखाया। कश्मीर में तिरंगा फहराने से न केवल डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना पूरा हुआ है बल्कि अब लोग महसूस करने लगे हैं कि हम कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक हैं।    

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Sunita sarangal