आर.टी.ए ऑफिस और आटोमेटिड ड्राइविंग टैस्ट सैंटर 19 जुलाई तक रहेगा सील

punjabkesari.in Thursday, Jul 16, 2020 - 11:12 AM (IST)

जालंधर(चोपड़ा): आर.टी.ए ऑफिस और आटोमेटिड ड्राईविंग टैस्ट सैंटर से संबंधित 7 कर्मचारियों के कोरोना वायरस संक्रमित आने से अब दोनों कार्यालय 19 जुलाई तक पूरी तरह से सील कर दिए गए हैं। सैकेट्री आर.टी.ए बरजिन्द्र सिंह के गत दिनों कोरोना पाजीटिव आने के बाद आर.टी.ए ऑफिस के 20 और आटोमेटिड सैंटर के 16 कर्मचारियों ने कोरोना वायरस टैस्ट के लिए स्वैब सैंपल दिया था, जिनमें से 29 कर्मचारियों की टैस्ट रिर्पोट नैगेटिव आई है। आज दोपहर को आई रिपोर्टोंं के बाद आर.टी.ए में कार्यरत 6 कर्मचारियों जिनमें अंबिका (सैक्शन आफिसर), बलवंत सिंह (क्लर्क), विक्रमजीत (क्लर्क), हरीश डिंपल (सेवादार), इंद्रजीत कौर (सेवादार) शामिल है। इसके अलावा आटोमेटिड सैंटर पर तैनात स्मार्ट चिप कंपनी कर्मचारी निशा भी कोरोना पाजीटिव पाई गई हैं।
 
जिक्रयोग्य है कि आर.टी.ए के कोरोना पॉजीटिव होने के बाद दोनों कार्यालयों को 3 दिनों के लिए सील किया गया था और 16 जुलाई को दोनों कार्यालयों में कामकाज व पब्लिक डीङ्क्षलग शुरू की जानी थी परंतु आज 7 और कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद अब सैकेट्री आर.टी.ए बरजिन्द्र सिंह ने पी.एस.टी और  स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के दिशा-निर्देशों पर कार्यालय बंद रखने के नए आदेश जारी किए हैं।  

प्राइवेट कारिंदों को लेकर प्रशासकीय काम्पलैक्स में बना खौफ का माहौल 
आर.टी.ए. से संबंधित कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद कार्यालय में काम करते प्राईवेट करिंंदों, सक्रिय एजैंटों सहित समूचे प्रशासकीय काम्पलैक्स में खौफ का माहौल बन गया है।  आर.टी.ए. में तैनात सभी क्लर्कों ने अपने साथ प्राईवेट तौर पर करिंदे रखे हुए हैं और क्लर्कों के ज्यादातर कामकाज और पब्लिक डीलिंग यहीं करिंदे करते आ रहे हैं। इसके अलावा वहां बड़ी तादाद में एजैंट दिन भर सक्रिय रहते हैं, जोकि लोगों के काम जल्द करवाने की आड़ में मोटी कमाई करते आ रहे हैं। इन कामों को लेकर लगभग सभी एजैंट आर.टी.ए. के क्लर्कों के संपर्क में रहते थे।
 
अगर अब क्लर्क कोरोना पॉजिटिव आए हैं तो संभावित है कि एजैंटों में भी कोरोना फैलने का खतरा बना गया है परंतु यहां काम करने वाले ज्यादातर एजैंटों का जाल पूरे प्रशासकीय काम्पलैक्स में फैला हुआ है और वे दिन भर एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय घूमते रहते हैं। इसके अलावा तहसील काम्पैल्कस के बूथों में भी उनका कामकाज को लेकर खासा आना-जाना लगा रहता है। अगर ऐसे एजैंटों में से किसी को कोरोना ने अपनी चपेट में लिया होगा तो करोना का प्रशासकीय काम्पलैकस में फैलने का खतरा बन गया है। अब देखना है कि जिला प्रशासन इस तरफ क्या ठोस कदम उठाता है ताकि करोना को अधिक फैलने से रोका जा सके। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vaneet

Recommended News

Related News