संत वॉल्व प्राइवेट लि. के ट्रेड मार्क का दिल्ली की कम्पनी ने गलत तरीके से किया प्रयोग

punjabkesari.in Monday, Mar 19, 2018 - 09:55 AM (IST)

जालंधर (मृदुल): पूर्व मेयर राकेश राठौर की कंपनी संत वॉल्व प्राइवेट लि. के ट्रेड मार्क का दिल्ली की एक कंपनी ने गलत तरीके से प्रयोग किया। मामला तब उजागर हुआ जब राकेश राठौर के भतीजे अभिनव राठौर बेंगलूर में 23 जनवरी को लगी एग्जीबिशन में अपने प्रोडक्ट को लेकर गए। उनके स्टाल पर एक कस्टमर ने आकर उन्हें पूछा कि क्या आपके इस एग्जीबिशन में 2 स्टॉल लगे हैं? जांच करने पर पाया गया कि उनकी कंपनी के नाम से एक दिल्ली की कंपनी संत इंडस्ट्रियल को-ऑपरेशन प्राइवेट लि. का भी स्टॉल लगा है।

 उक्त कम्पनी उनके जैसा ही प्रोडक्ट एग्जीबिशन में बेच रही थी। इसको लेकर जब उनके भतीजे ने उक्त कंपनी के लोगों को पूछा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने जालंधर आकर पुलिस कमिश्नर प्रवीण कुमार सिन्हा को शिकायत देने के बाद थाना नं. 8 में 63 (कॉपी राइट एक्ट), 419 (नाम का गलत इस्तेमाल करना), 468 (फॉरजरी) व 471 (असली डॉक्यूमैंट्स के साथ खिलवाड़ करना) के तहत एफ.आई.आर. दर्ज करवाई। केस में नामजद कंपनी के आरोपी मैनेजिंग डायरैक्टर हरजीत सिंह, हरप्रीत सिंह भमरा, बलविंद्र कौर भमरा, कुंवरजीत सिंह भमरा की तलाश में रेड की जा रही है। राकेश राठौर ने बताया कि वह संत वॉल्व प्राइवेट लि. कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरैक्टरों में हैं और कंपनी के शेयर होल्डर हैं। मगर कंपनी को ठाकुर एंक्लेव में रहते उनके भाई रूप सिंह धुमल हैंडल करते हैं। 

पिता को लोग प्यार से संत कहते थे, इसलिए यूज किया नाम 
एस.एच.ओ. नवदीप सिंह ने बताया कि केस की जांच कर रहे ए.एस.आई. संजीव कुमार के पास करीब 4 दिन पहले दिल्ली की कंपनी के आरोपी मैनेजिंग डायरैक्टर हरजीत सिंह, हरप्रीत सिंह भमरा, बलविंद्र कौर भमरा व कुंवरजीत सिंह के वकील ने आकर लिखित जवाब दिया था जिसमें लिखा है कि उनके क्लाइंट्स के पिता को लोग प्यार से संत कहकर बुलाते थे इसलिए कंपनी का नाम संत इंडस्ट्रियल को-ऑपरेशन रखा है हालांकि वह उनकी कंपनी के रजिस्टर्ड होने के कागजात नहीं दिखा पाए। फिलहाल उनके वकील ने तर्क दिया है कि उनके क्लाइंट्स 8 अप्रैल को जालंधर आकर इन्वैस्टिगेशन ज्वाइन करने के लिए आएंगे।

40 साल पहले रजिस्टर्ड करवाया है 
राकेश राठौर का दावा है कि उन्होंने अपनी कंपनी के  नाम में संत शब्द को बाकायदा आज से करीब 40 साल पहले रजिस्टर्ड करवाया हुआ है जिसका दिल्ली की कंपनी ने गलत इस्तेमाल किया है और उक्त कम्पनी उनकी कंपनी के ट्रेडमार्क को इस्तेमाल करके एक ही प्रोडक्ट्स की बिक्री कर रही है जबकि दिल्ली में सुरेशन पार्क मोती नगर के रहने वाले संत इंडस्ट्रियल प्राइवेट लि. के मैनेजिंग डायरैक्टर हरजीत सिंह, हरप्रीत सिंह भमरा, बलविंद्र कौर भमरा व कुंवरजीत सिंह भमरा ऐसा नहीं कर सकते। जब उन्होंने जालंधर आकर जांच करवाई तो पता चला कि उनकी कंपनी का नाम रजिस्टर्ड भी नहीं है। 

करीब डेढ़ साल पहले भी दिल्ली की ही एक कंपनी ने संत ट्रेडमार्क का किया था इस्तेमाल
राकेश राठौर ने बताया कि उनकी कंपनी संत वॉल्व प्राइवेट लि. के नाम को डेढ़ साल पहले भी दिल्ली की ही एक कंपनी ने इस्तेमाल किया था। उन्होंने दिल्ली जाकर उस कंपनी पर केस दर्ज करवाया था जिसके बाद उस कंपनी ने अपना नाम बदला था।

कॉपी राइट एक्ट में हो सकती है थाने में जमानत
आरोपी हरजीत सिंह, हरप्रीत सिंह भमरा, बलविंद्र कौर भमरा व कुंवरजीत सिंह के खिलाफ दर्ज मामले में कॉपी राइट एक्ट को लेकर उन्हें थाने से जमानत मिल सकती है मगर धारा 419, 420, 468 और 471 नॉनबेलेबल ऑफैंस में आती हैं जिनमें करीब 10 साल तक की कैद का प्रावधान है।


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