विजीलैंस के बाद एल.ई.डी. स्कैम ED तक पहुंचा

punjabkesari.in Tuesday, Oct 16, 2018 - 09:57 AM (IST)

जालंधर: लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट प्रोजैक्ट में अब तक 36 करोड़ की घपलेबाजी बताने और इसकी जांच विजीलैंस के हवाले होने के बाद अब यह मामला ई.डी. के दरबार में पहुंच गया है। कांग्रेस पार्षद रोहन सहगल ने आज प्रैस कांफ्रैंस दौरान आरोप लगाया कि कम्पनी ने बैंकों से धोखाधड़ी करने की नीयत से प्रोजैक्ट को 274 करोड़ का बना दिया, जबकि इसकी वास्तविक कीमत कहीं कम है। इससे उसके 100 करोड़ के स्कैम की पुष्टि हुई है। 

रोहन सहगल ने कहा कि इस सारे मामले की शिकायत ई.डी. के ज्वाइंट डायरैक्टर को कर दी गई है, जिसके बाद कम्पनी पर संकट के बादल गहराने की आशा है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले कम्पनी के प्रतिनिधियों ने प्रैस कांफ्रैंस कर बताया कि एच.क्यू. लैम्प को क्वालिटी के कारण ब्लैकलिस्ट नहीं किया गया है, परंतु सत्य यह है कि कम्पनी को टैक्स व टी.डी.एस. फ्रॉड करने के चलते ब्लैकलिस्ट किया गया था। 

उन्होंने कहा कि कम्पनी के प्रतिनिधि कम वाट की लाइटें लगाने के पीछे समाज सेवा का तर्क दे रहे हैं। यदि उन्होंने सही मायनों में समाज सेवा करनी है तो शहर के बंद पड़े सीवरों को खुलवाएं, पार्कों की डिवैल्पमैंट करवाएं, शहर को कूड़े से मुक्त करवाएं और पुरानी उतारी जा रही लाइटों को दूर-दराज के क्षेत्रों व गांवों में लगाकर समाज सेवा का परिचय दें। कम्पनी ने यह तथ्य भी छिपाया कि लुधियाना में उसने 7 साल, जबकि जालंधर में 10 साल प्रॉफिट लेना है। रोहन ने कहा कि कम्पनी ने खुद को 2016 में ग्लाडा से इनलिस्ट करवाया, जिसके दस्तावेजों की भी जांच करवाई जाएगी। रोहन सहगल ने कहा कि इस स्कैम को उठाने के बदले उन्हें प्रलोभन व धमकियां मिल रही हैं, जिसकी शिकायत उन्होंने डी.जी.पी. लैवल तक कर दी है। इस अवसर पर उनके साथ कांग्रेस नेता मनु बाहरी व अन्य भी थे। 
 

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