टाइप-1 सेवा केन्द्र; मीटिंगों तक सीमित रह जाते हैं जनता की सहूलियत के लिए दिए निर्देश

punjabkesari.in Saturday, Feb 02, 2019 - 10:02 AM (IST)

जालंधर(अमित): डी.ए.सी. में सब-रजिस्ट्रार बिल्डिंग के ठीक सामने बनी पुरानी सुविधा सैंटर वाली बिल्डिंग जिसके अंदर निजी कंपनी बी.एल.एस. द्वारा टाइप-1 सेवा केन्द्र चलाया जा रहा है, में अक्सर देखने में आता है कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आम जनता की सुविधा को देखते हुए संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को दिए गए निर्देश केवल मीटिंगों तक ही सीमित होकर रह जाते हैं। 

सीनियर कांग्रेसी नेता व आर.टी.आई. एक्टीविस्ट भूपेश सुगंध एवं संदीप खोसला ने पंजाब केसरी से विशेष बातचीत में बताया कि प्रदेश की पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजैक्ट सेवा केन्द्र पहले दिन से ही विवादों से घिरा रहा है। आम जनता को सारी सरकारी सेवाएं एक ही छत के नीचे प्रदान करने के उद्देश्य से खोले गए सेवा केन्द्र धीरे-धीरे आम जनता के लिए जी का जंजाल बनकर ही रह गए हैं। लंबे समय तक प्रदेश में सेवा केन्द्र आप्रेट करने वाली निजी कंपनी बी.एल.एस. सॉल्यूशंस की तरफ से सेवा केन्द्र चलाने को लेकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह सही ढंग से नहीं किया गया।

शिकायत को लेकर होगी जांच, डी.सी. के ध्यान में लाया जाएगा मामला : जै इंद्र सिंह
सहायक कमिश्नर जै इंद्र सिंह ने कहा कि सेवा केन्द्र के अंदर मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर आई शिकायत की गहन जांच करवाई जाएगी। जहां निजी कंपनी द्वारा कोताही बरती जा रही होगी, वहां तुरंत प्रभाव से सुधार करने की हिदायतें जारी की जाएंगी। इसके साथ ही डी.सी. के ध्यान में पूरा मामला लाया जाएगा।

अल्ट्रा मॉडर्न बिल्डिंग की हालत हुई खस्ता
जिला प्रशासन द्वारा सुखमणि सोसायटी के अधीन चलाए जाने वाले सुविधा सैंटर की अल्ट्रा-मॉडर्न बिल्डिंग जिसे लाखों रुपए खर्च करके आम जनता को समॢपत किया गया था, आज उसकी हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि यहां आने वाले किसी भी व्यक्ति के पैरों तले से जमीन निकल जाए, क्योंकि कुछ साल पहले तक बड़ी शान से जनता को सुविधा प्रदान करने वाली इस बिल्डिंग में पैर रखते ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आम जनता यहां आने पर मूलभूत सुविधाओं को लेकर तरस रही है। न तो निजी कंपनी और न ही जिला प्रशासन की तरफ से इस तरफ कोई ध्यान दिया जा रहा है। 

पीने वाले पानी और शौचालय की सुविधा का बुरा हाल है। शौचालय के अंदर जाना तो दूर, उसके पास से भी मुंह पर रूमाल रखकर निकलना पड़ता है। निजी कंपनी द्वारा सेवा केन्द्र की बिल्डिंग के रख-रखाव की तरफ कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा जिसका नतीजा है कि बैठने वाली कुॢसयां या तो टूट चुकी हैं, या फिर बेहद खस्ताहाल में पहुंच चुकी हैं। फर्श पर कई-कई इंच मिट्टी जमा हो चुकी है जिसको देखने पर लगता है कि कई वर्षों से यहां किसी ने सफाई ही नहीं की है। यहां काम करने वाले स्टाफ का जनता के प्रति बर्ताव बेहद बेरुखा हो चुका है। ज्यादातर स्टाफ अपनी मनमर्जी से काम करता है।

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