रसोई की वस्तुओं की शॉर्टेज जारी, सामान्य नहीं हो सके हालात

punjabkesari.in Friday, Mar 27, 2020 - 09:05 AM (IST)

जालंधर(पुनीत): कर्फ्यू के चलते लोगों को घरों तक मूलभूत जरूरत का सामान पहुंचाने के लिए प्रशासन द्वारा जो प्रयास किए जा रहे हैं, उसके बावजूद रसोई की वस्तुओं की शार्टेज अभी भी जारी है। कई दिन बीत जाने के बाद भी अभी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। प्रशासन द्वारा रोजाना हैल्पलाइन नंबरों की सूची को अपडेट करके नए दुकानदारों को साथ जोड़ा जा रहा है लेकिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों तक सामान पहुंचाना कठिन कार्य होने के चलते बैकलॉग पूरा करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। 


मोहल्लों में नहीं पहुंची फल व सब्जियां
सबसे अधिक दिक्कत ताजे फल व सब्जियों को लेकर उठानी पड़ रही है। लोगों का कहना है कि पिछले कई दिनों से उन्हें सब्जियों के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। अधिकतर इलाकों में रेहड़ी वाले भी दिखाई नहीं दिए क्योंकि मोहल्ले में प्रवेश होते ही लोग उन्हें घेर लेते हैं और जमकर खरीदारी करते हैं। इसके चलते उनकी सब्जियां तेजी से बिक जाती हैं और सभी लोगों तक इनकी सप्लाई नहीं पहुंच पा रही। प्रशासन को इस संकट की घड़ी में आवश्यक कदम उठाकर लोगों को राहत देनी चाहिए। 

व्रत में खाने वाला सामान मिलना बन रहा मुश्किल
बुधवार से नवरात्रे शुरू हो चुके हैं जिसके चलते बड़ी संख्या में भक्तों द्वारा व्रत रखे गए हैं, ऐसे में व्रत में खाने वाला सामान मिलना मुश्किल का सबब बन रहा है। लोगों का कहना है कि जिन इलाकों में दुकानदारों द्वारा घरों में राशन का सामान मुहैया करवाया जा रहा है, उनमें अधिकतर दुकानदारों के पास व्रत में खाना वाला सामान नहीं है। व्रत वाला (दड़ऊ व सिंघाड़े) आटा भी लोगों की पहुंच से दूर हो रहा है। लोगों के पास व्रत में फल खाने का अ‘छा विकल्प होता है लेकिन फल भी पहुंच से दूर है। वहीं पहले नवरात्र के दिन भी लोगों को पूजा में इस्तेमाल होने वाला सामान आसानी से नहीं मिल सका। 

जरूरत से ज्यादा खरीदारी भी बढ़ा रही परेशानी
लोगों का कहना है कि जिन इलाकों में दूध सप्लाई करने के लिए गाडिय़ां आई थीं, उनके पास भी दूध बहुत जल्दी खत्म हो गया जिसके चलते अधिकतर लोग दूध लेने से वंचित रह गए। इसका एक कारण यह भी है कि लोगों ने दूध की जमकर खरीदारी की, जिन घरों में रूटीन में 2 किलो दूध की आवश्यकता होती है, उन्होंने भी 5-6 किलो दूध खरीद लिया। बड़ी संख्या में लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा जो हैल्पलाइन नंबर जारी किए जा रहे हैं, उनमें अधिकतर नंबर स्विच ऑफ आ रहे हैं जिसके चलते सामान प्राप्त करना मुश्किल का सबब बन रहा है। 

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