3 सालों से स्मार्ट सिटी के सभी प्रोजैक्ट अटके और लटके

punjabkesari.in Thursday, Nov 14, 2019 - 12:29 PM (IST)

जालंधर(खुराना): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 100 शहरों को स्मार्ट बनाने हेतु जून, 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन की घोषणा की थी। इस प्रोजैक्ट हेतु चुने जाने वाले शहरों में जालंधर का नाम सितम्बर, 2016 में शामिल किया गया था। इस प्रकार जालंधर को स्मार्ट सिटी की सूची में आए 3 साल से ज्यादा का समय हो चुका है परंतु अभी तक शहर में स्मार्ट सिटी का एक भी प्रोजैक्ट सिरे नहीं चढ़ा। केन्द्र सरकार ने जालंधर स्मार्ट सिटी कम्पनी द्वारा भेजी गई डी.पी.आर. के आधार पर 1900 करोड़ रुपए से ज्यादा के फंड को स्वीकृति दी थी जिसके आधार पर करीब 1000 एकड़ क्षेत्र को एरिया बेस्ड डेवलप्मैंट के तहत विशेष रूप से विकसित किया जाना था और इस एरिया पर 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च करने का प्रावधान रखा गया था।

यह अलग बात है कि इन 3 सालों में जालंधर में स्मार्ट सिटी का एक भी प्रोजैक्ट सिरे नहीं चढ़ा है जिस कारण सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को स्मार्ट सिटी के तहत मिली करोड़ों रुपए की ग्रांट का कोई राजनीतिक फायदा नहीं हुआ। स्मार्ट सिटी के कामों के सिरे न चढ़ने से शहर के कांग्रेसी विधायक खासे नाराज हैं और कई बार बैठकों में अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। आज विधायक राजिन्द्र बेरी तथा विधायक परगट सिंह ने निगम आकर मेयर जगदीश राजा की उपस्थिति में जालंधर स्मार्ट सिटी के नए सी.ई.ओ. व कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा से मुलाकात की और उन्हें स्मार्ट सिटी के कामों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

चौराहों का काम लटकने से परेशानी बढ़ी
सांसद चौधरी संतोख सिंह ने लोकसभा चुनावों से पहले अप्रैल के पहले सप्ताह में कोड ऑफ कंडक्ट लगने से चंद दिन पूर्व स्थानीय मिल्क बार चौक में स्मार्ट सिटी के प्रोजैक्ट का उद्घाटन करते हुए दावा किया था कि जल्द ही शहर के 11 चौराहों के सौंदर्यीकरण पर 22 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे जिससे शहर की दशा बदल जाएगी। इस उद्घाटन को 8 महीने होने को हैं परंतु अभी तक इस प्रोजैक्ट के तहत एक चौराहा (वर्कशाप चौक) को ही छेड़ा गया है और वहां भी ठेकेदार ने बरसातों से पहले सभी सड़कों को उखाड़ कर बड़े-बड़े गड्ढे बना दिए जिनमें कई वाहन गिरे और लोग महीनों परेशान रहे।

आज भी वर्कशाप चौक में काम अत्यंत धीमी गति से चल रहा है और चौक को खुला करने की बजाय उसकी सड़कों को और तंग किया जा रहा है जिसकी आलोचना शुरू हो गई है। विधायक बेरी व परगट सिंह ने इस प्रोजैक्ट में हो रही देरी के लिए कमिश्नर से कहा कि संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किया जाए और उस पर कार्रवाई की जाए क्योंकि चौक छोटा होने से भविष्य में ट्रैफिक को समस्या आएगी और काम लटकने से हर रोज हजारों लोग परेशान हो रहे हैं। कमिश्नर का तर्क था कि गुरु पर्व के विशेष आयोजनों के चलते इस चौराहे पर भीड़ रही जिस कारण काम में देरी हुई परंतु विधायक इस तर्क से सहमत नहीं थे।

एल.ई.डी. प्रोजैक्ट पर भी लगा ऑब्जैक्शन
अकाली-भाजपा सरकार ने शहर की 65,000 स्ट्रीट लाइटों को एल.ई.डी. में बदलने का प्रोजैक्ट शुरू किया था जिसके तहत मात्र 5000 लाइटें ही बदली गई थीं कि कांग्रेसी नेताओं ने कम्पनी को भगा दिया और नई लाइटें लगाने का प्रोजैक्ट स्मार्ट सिटी के खाते में डाल दिया, जो करीब 50 करोड़ का बना। अब इस प्रोजैक्ट की फाइल को चंडीगढ़ बैठे पावरकॉम के एक अधिकारी ने ऑब्जैक्शन लगा कर रोक रखा है कि लाइटों की संख्या 65,000 से बढ़कर 75,000 क्यों हो गई। विधायकों का कहना था कि उस फाइल को क्लीयर करवाकर जल्द काम शुरू करवाया जाए।

कंट्रोल एंड कमांड सैंटर भी नहीं बना
स्मार्ट सिटी के तहत 100 करोड़ रुपए की लागत से कंट्रोल एंड कमांड सैंटर बनाने और शहर में 1200 से ज्यादा सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाकर उन्हें एक ही सैंटर से संचालित करने का प्रोजैक्ट भी शुरू हुआ था परंतु उसके तहत पुलिस लाइंस में केवल बिल्डिंग खड़ी कर दी गई और बाकी कोई काम नहीं हुआ। विधायकों ने यह काम भी शुरू करवाने के निर्देश दिए हैं।

कई अधिकारी आए और गए
स्मार्ट सिटी के कामों में हो रही देरी के लिए यह कारण भी बताया जा रहा है कि इसका काम कई अधिकारियों के हवाले रहा। पहले आई.ए.एस. अधिकारी विशेष सारंगल ने स्मार्ट सिटी के कई प्रोजैक्ट फाइनल किए और उनका तबादला हो गया, फिर आई.ए.एस. अधिकारी जतिन्द्र जोरवाल को इसकी कमान दी गई जिन्होंने कई प्रोजैक्ट शुरू करवाने में पूरा जोर लगाया परंतु उनका भी तबादला चंडीगढ़ कर दिया गया। अब अस्थायी रूप से स्मार्ट सिटी के सी.ई.ओ. का चार्ज निगम कमिश्नर को सौंपा गया है। विधायकों का मानना है कि अगर स्मार्ट सिटी के कामों में तेजी लानी है तो एक ही अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी कुछ समय के लिए दी जाए।

लुधियाना में स्मार्ट सिटी के 70 प्रतिशत काम पूरे
लुधियाना से विधायक व खाद्य आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु का दावा है कि लुधियाना में स्मार्ट सिटी के तहत 70 प्रतिशत काम पूरे हो चुके हैं जबकि जालंधर के विधायकों का मानना है कि शहर में स्मार्ट सिटी के तहत मात्र 10 प्रतिशत काम भी नहीं हुए और सभी प्रोजैक्ट अटके व लटके हुए हैं।

Edited By

Sunita sarangal