शहर में आने वाले दिनों में बढ़ेगी स्मॉग

punjabkesari.in Saturday, Nov 16, 2019 - 10:16 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): जिले में आने वाले दिनों में स्मॉग बढ़ने के आसार हैं। शहर में सर्दी के साथ-साथ वातावरण में नमी बढऩे से वायुमंडल में प्रदूषण बढ़ेगा जिससे लोग बीमारियां के शिकार होंगे। इस मौसम के दौरान लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा। 

वायु प्रदूषण के लिए हानिकारक गैसें

कार्बन मोनोऑक्साइड : कार्बन मोनोऑक्साइड एक अधजला कार्बन होता है, जोकि पैट्रोल, ईंधन, लकड़ी के जलने व सिगरेट से पैदा होता है। इससे इंसानी शरीर में ऑक्सीजन की कमी आती है और साथ ही नींद न आने की बीमारी होती है।

कार्बन डाईऑक्साइड : यह एक खतरनाक गैस है जोकि कोयला, ईंधन व प्राकृतिक गैसें जलाने से पैदा होती है, जिससे कार्बन डाईऑक्साइड पैदा होती है जोकि मानव शरीर को कई प्रकार के नुक्सान पहुंचाती है।
कसीसा : यह डीजल, पैट्रोल, बैटरी, पेंट व हेयर डाई आदि में पाया जाने वाला कैमिकल है। इससे इंसानी शरीर पर कई प्रकार के दुष्प्रभाव पड़ते हैं। वातावरण में फैले सीसा से कैंसर का खतरा भी पैदा होता है।

कनाइट्रोजन ऑक्साइड : इस गैस से वातावरण में धुंध बढ़ती है और साथ ही एसिड रूपी वर्षा होती है। इससे बच्चों और बुजुर्गों में कई प्रकार की चमड़ी की समस्याएं पैदा होती हैं, साथ ही सांस लेने में भी दिक्कत आती है।

सल्फर डाईऑक्साइड : कोयले को थर्मल प्लांटों में जलाने पर यह गैस पैदा होती है। इसका प्रयोग धातुओं को पिघलाने, गलाने आदि के लिए किया जाता है। इससे वातावरण में जहरीले अंश फैलते हैं और कैंसर का खतरा बना रहता है।

धूल कण और कारखानों का धुआं है पराली से ज्यादा खतरनाक : डा. विनीत महाजन
इस बारे में चैस्ट स्पैशलिस्ट डा. विनीत महाजन ने कहा कि प्रदूषण इंसानी सेहत के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है। हवा में सबसे खतरनाक अंश जो सीधा इंसानी सेहत को नुक्सान पहुंचाते हैं, वे हैं धूल के कण और कारखानों का धुआं। ये दोनों तो पराली जलाने से भी ज्यादा खतरनाक हैं। बढ़ती आबादी के साथ वाहनों की बढ़ती संख्या को रोकने में सरकार नाकाम है, जिससे वातावरण में खतरनाक तरीके से प्रदूषण के अंश फैलते जा रहे हैं। पराली जलाने से वातावरण में धुआं फैलता है और जमीन की उपजाऊ शक्ति कम होती है पर वहीं कारखानों व वाहनों के धुएं से वातावरण में हानिकारक गैसों का प्रवाह होता है जो जानलेवा है।डा. महाजन का कहना है कि स्मॉग के कारण दमा व चैस्ट के रोगियों को भारी परेशानी होती है। बच्चों और बुजुर्गों के अलावा प्रैगनैंट महिलाओं को स्मॉग से कई अंदरूनी रोग होने का खतरा रहता है।

नगर निगम कूड़ा जलाने वालों पर रोक लगाए : अमित शर्मा
पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था समर्पण के संचालक अमित शर्मा का कहना है कि नगर निगम शहर में कूड़ा जलाने वालों पर रोक लगाए। न तो शहर में कूड़े की सही तरीके से लिङ्क्षफ्टग की जा रही है और न ही कूड़े को आग लगाने वालों को रोका जा रहा है। कूड़े को आग लगाने के कारण वातावरण में हानिकारक अंश फैल रहे हैं। नगर निगम को अपने सफाई कर्मियों को जागरूक करना चाहिए ताकि वे इसे आग न लगाएं। 

swetha