बिना मेहनत किए भी सिविल अस्पताल में स्टाफ लेता है बधाई

punjabkesari.in Sunday, Feb 16, 2020 - 12:05 PM (IST)

जालंधर(शौरी): सिविल अस्पताल में कितने मैडीकल सुपरिंटैंडेंट आए और चले गए, लेकिन अस्पताल में कोई सुधार नहीं हुआ। अस्पताल में मौजूदा हालात तो यह देखने को मिल रहे हैं कि बिना मेहनत किए अस्पताल का स्टाफ बधाई मांगने से भी पीछे नहीं है। 

जानकारी के अनुसार गांव अलीपुर निवासी संगीता पत्नी अमित रोशन को प्रसव पीड़ा आरंभ हुई तो सुबह करीब 11.50 पर उसके पति ने 108 एंबुलैंस को कॉल की। एंबुलैंस में तैनात ई.एम.टी. बिक्रमजीत सिंह तथा ड्राइवर अमरीक सिंह ने महिला को गाड़ी में लिटाया और सिविल अस्पताल को आने लगा, लेकिन प्रसव पीड़ा बढ़ने के कारण गाड़ी को बी.एस.एफ. चौक पर रोकना पड़ा तथा महिला ने एंबुलैंस में ही बेटे को जन्म दे दिया। 

इसके बाद उसे एंबुलैंस सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा अस्पताल छोड़ कर वापस चली गई। महिला के पति अमित रोशन ने बताया कि उसकी पत्नी व बेटे को स्टाफ लेबर रूम में ले गया और साफ-सफाई व उपचार करना शुरू कर दिया। एक स्टाफ ने बेटा देने से पहले 500 रुपए बधाई के तौर पर ले लिए, उसके बाद बेटा उसे सौंप दिया। इसी दौरान स्टाफ की दूसरी महिला आई और 1200 रुपए मांगने लगी। उसने 500 देने की बात कही तो स्टाफ बोली कि उसका स्टेटस 500 का नहीं है और गुस्से में चली गई। 

गौर हो कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण बधाई के नाम से लोगों को लूटने का सिलसिला लगातार जारी है। बेशक पंजाब सरकार लाख दावे कर ले कि महिलाओं की डिलीवरी सरकारी अस्पताल में फ्री होती है, लेकिन कुछ भ्रष्ट स्टाफ बधाई ले ही लेता है।

बधाई पूरी नहीं दी तो दे दिया फटा गद्दा
वहीं शर्मनाक बात तो यह देखने को मिली कि 1200 रुपए बधाई न देने पर महिला संगीता को फटा गद्दा दे दिया गया। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल का कुछ स्टाफ खुद के बनाए नियम लागू करने में पीछे नहीं है।

Edited By

Sunita sarangal