सिंगल टैंडर मामलों में यू-टर्न लेने लगी पंजाब सरकार

punjabkesari.in Saturday, Apr 21, 2018 - 02:08 PM (IST)

जालंधर(खुराना): पंजाब के लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कुछ माह पहले कड़ा स्टैंड लेते हुए राज्य के सभी नगर निगमों और नगर काऊंसिलों को आदेश जारी किए थे कि सिंगल टैंडर स्वीकार न किए जाएं। सिद्धू ने अकाली-भाजपा कार्यकाल दौरान सिंगल टैंडरों के आधार पर विकास कार्य करवाने वाले निगमों के 4 एस.ईज को सस्पैंड कर दिया था, जो बाद में अदालत की शरण लेकर बहाल हुए। 

अब पंजाब सरकार सिंगल टैंडरों के मामले में यू-टर्न लेती दिखाई दे रही है जोकि सरकार के ही अधिकारियों ने जालंधर नगर निगम व अन्य निगमों को टैंडर पॉलिसी व म्यूनिसिपल अकाऊंट कोड का प्रस्तावित ड्राफ्ट भेजा है और उस पर ऑब्जैक्शन मांगे हैं। इस ड्राफ्ट में सिंगल टैंडरों के साथ-साथ एडीशनल परफार्मैंस गारंटी तथा कंसल्टैंटों की नियुक्ति बारे भी नियमों में बदलाव सुझाया गया है। निगमों द्वारा प्रस्तावित ड्राफ्ट फाइनल करते ही इसकी फाइल मंत्री को भेज दी जाएगी जिसके बाद यह नियम पूरे राज्य में लागू हो सकते हैं। इस प्रस्तावित ड्राफ्ट के पैरा नं. 5.7 में बताया गया है कि टैंडर लगाने के बाद पहली बार अगर 3 टैंडर नहीं आते तो टैंडर नहीं खोले जाएंगे।

दूसरी बार टैंडर लगाने पर भी यही शर्त लागू रहेगी परंतु अगर तीसरी बार उसी कार्य के टैंडर लगाए जाते हैं तो सिंगल टैंडर आने के बावजूद भी उन्हें खोला जा सकेगा। इस ड्राफ्ट में शार्ट टर्म टैंडर लगाने की मनाही की गई है और 2-3 बार टैंडर लगाने के बीच समय अवधि भी निर्धारित की गई है। अकाऊंट कोड में जो दूसरा महत्वपूर्ण बदलाव किया जाना प्रस्तावित है, के अनुसार जो ठेकेदार 25 प्रतिशत ’यादा डिस्काऊंट पर टैंडर भरेगा उसे 5 प्रतिशत एडिशनल परफार्मैंस गारंटी भरनी होगी। पहले नगर निगमों द्वारा ऐसी गारंटी नहीं ली जाती थी और ठेकेदार टैंडर लेने के लिए 50 प्रतिशत डिस्काऊंट तक भर देते थे और बाद में या तो काम लटका देते थे या छोड़ कर भाग जाते थे। प्रस्तावित ड्राफ्ट में कंसल्टैंट कम्पनी की नियुक्ति बारे भी पारदर्शी सिस्टम सुझाया गया है और निगमों द्वारा सामान की खरीद इत्यादि बारे भी नियम बदले गए हैं। 


भागवत इंजीनियर्स ने की थी शिकायत 
पता चला है कि इस मामले में भागवत इंजीनियर्स एंड कंट्रैक्टर्स ने पंजाब सरकार को शिकायत की थी और जालंधर निगम द्वारा अपनाई जा रही टैंडर प्रक्रिया पर आपत्ति की थी। फर्म के पार्टनर रोहित शर्मा ने बताया कि पी.डब्ल्यू.डी., मंडी बोर्ड तथा कई अन्य संस्थान ’यादा डिस्काऊंट वाले टैंडरों पर एडिशनल परफार्मैंस गारंटी मांगते हैं परंतु निगम के अधिकारी ठेकेदारों से मिलीभगत के चलते ’यादा डिस्काऊंट पर ठेके दे देते हैं, बाद में आइटमों तथा काम में फेरबदल करके ठेकेदार को फायदा पहुंचाया जाता है। इसी तरह सिंगल टैंडरों बारे पॉलिसी बाबत भी उ"ााधिकारियों को पत्र लिखे गए थे जिसके आधार पर अब म्यूनिसिपल अकाऊंट कोड की प्रस्तावित पॉलिसी तैयार हुई है। 

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