सुच्ची पिंड बारूद के ढेर पर, कभी भी हो सकता बड़ा धमाका

punjabkesari.in Monday, Feb 18, 2019 - 08:52 AM (IST)

जालंधर(स.ह.): पुलवामा आतंकी हमले ने जहां पूरे प्रशासन को हिला कर रख दिया है, वहीं जिले का सुच्ची पिंड भी बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है। इंडियन ऑयल डिपो से 100 फुट से भी कम दूरी पर ज्वलनशील पैट्रोल-डीजल के टैंकर खुले में सड़कों पर खड़े रहते हैं, जहां पैट्रोल-डीजल की खुले में बिक्री भी हो रही है। 

‘पंजाब केसरी’ टीम ने इलाके में देखा कि सुच्ची पिंड के इंडियन ऑयल डिपो के किनारे पुलिस और कुछ छुटभैए नेताओं की मदद से गोरखधंधा चल रहा है। यहां से पैट्रोल-डीजल लेकर निकलने वाले टैंकरों में से माल चुराया जा रहा है। सड़क के किनारे बने ढाबों के पीछे यह काला कारोबार खुलेआम हो रहा है। झाडिय़ों में ड्रम और पाइप छुपा रखे हैं और कई जगह पर झाडिय़ों में कैन व ड्रम छुपाकर रखे हुए मिले जिनमें दिन भर चोरी का पैट्रोल व डीजल भरा जाता है। इस रास्ते से राज्य और बाहर से लगातार ट्रक-टैंकरों का आवागमन होता है। इंडियन ऑयल से पैट्रोल पम्पों, औद्योगिक इकाइयों के लिए बड़ी संख्या में माल टैंकरों में भर कर भेजा जाता है, लेकिन टैंकर ड्राइवरों और तेल तस्करों, ढाबे वालों की मिलीभगत से ताले खोल कर तेल चोरी कर लिया जाता है। शहर के गली, मोहल्लों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम पैट्रोल-डीजल बेचा जा रहा है।

डुप्लीकेट चाबी का है सारा खेल, हजारों में बनती है चाबी
‘पंजाब केसरी’ की टीम को पता लगा कि उक्त चोरी में डुप्लीकेट चाबी का सारा काम है। जिस तेल टैंकर में ताला लगा होता है, उसकी डुप्लीकेट चाबी बनवा कर ड्राइवरों से सैटिंग कर टैंकरों से तेल चोरी कर निकालते हैं। कई बार तो खड़ी गाड़ी में से तेल तस्कर खुद ताला खोल कर तेल निकाल लेते हैं और ड्राइवर को पता भी नहीं चलता। डुप्लीकेट चाबी बनवाने के लिए तस्कर 5 हजार रुपए से 20 हजार रुपए तक खर्च करते हैं। तेल चोरी संबंधी थाना रामा मंडी में कई ऐसी शिकायतें हुई हैं।

मिलावट कर बेचा जा रहा तेल, ऐसे करें पहचान
अवैध रूप से पैट्रोल बेचने वाले ये लोग टैंकरों से बड़े-बड़े ड्रम पैट्रोल खरीद कर लाते हैं। फिर इसमें सॉल्वैंट, थिनर और कैरोसिन तेल आदि मिलाकर बेचते हैं। जिस कैन या बोतल में पैट्रोल भरा होगा, उसमें गैस अधिक बनेगी। मिलावटी पैट्रोल को हाथ पर डालते ही वह स्थान ठंडा पडऩे के साथ सफेद पड़ जाता है। वहीं वाहन में डालने पर वह जल्दी धुआं देने लगता है। इससे गाड़ी के इंजन को भारी नुक्सान पहुंचता है।  

अधिकारी कर रहे किसी बड़े हादसे का इंतजार
खुलेआम सड़क पर बिक रहे मौत के सामान से प्रशासन अनजान नहीं है। पुलिस व अन्य प्रशासनिक अधिकारी उन रास्तों से गुजरते ही हैं जहां सरेआम पैट्रोल-डीजल के कैन भर-भर कर बेचे जा रहे हैं। सुच्ची पिंड, लंबा पिंड चौक के सामने भी यह नजारा आसानी से देखा जा सकता है। 

मिट्टी के तेल की आड़ में बेच रहे चोरी का डीजल-पैट्रोल 
शहर के व्यस्ततम चौक-चौराहों में प्लास्टिक के डिब्बों में खुलेआम पैट्रोल की बिक्री हो रही है। यह काम चोरी-छुपे भी नहीं हो रहा है, बकायदा दुकानों के बाहर ‘यहां पैट्रोल उपलब्ध है’ का बोर्ड लगा रहता है। दुकान के अंदर ज्वलनशील पैट्रोल का भंडारण कर रखा जाता है जो घातक साबित हो सकता है। पैट्रोल की खुलेआम बिक्री के लिए शहर के गुज्जा पीर, अमन नगर, ट्रांसपोर्ट नगर, सुच्ची पिंड, फोकल प्वाइंट, लंबा पिंड क्षेत्र के कई इलाके शामिल हैं।

पैट्रोल पम्पों से 20 रुपए सस्ता बेचते हैं पैट्रोल-डीजल, होम डिलीवरी फ्री
लंबा पिंड, सुच्ची पिंड के पास खुलेआम पैट्रोल-डीजल बेचने वाले तेल तस्कर पैट्रोल पम्पों से 15-20 रुपए सस्ता बेचते हैं। 50 लीटर, 100 लीटर, 200 लीटर लेने वालों को होम डिलीवरी फ्री दी जाती है। तेल तस्कर जिनकी फोन पर बुकिंग करके उनके बताए ठिकानों पर पहुंचा देते हैं। टैंकर के पास जो तेल लेने जाता है, उन्हें मनमर्जी के रेट पर बेचते हैं। इस पैट्रोल की शुद्धता की भी कोई गारंटी नहीं होती। 

अवैध रूप से तेल बेचने वाले तस्करों पर होगी कार्रवाई : डी.सी.पी.
डी.सी.पी. गुरमीत सिंह ने बताया कि मामला उनके ध्यान में आ गया है। इससे पहले भी तेल तस्करों पर मामले दर्ज किए गए हैं। यदि वे दोबारा अवैध रूप से तेल बेच रहे हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी और वहां पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।

पम्प संचालकों का होता है नुक्सान
नियमानुसार ज्वलनशीन पैट्रोल, डीजल की बोतल या केन में बिक्री अवैध है। इसके बावजूद तेल तस्कर बुकिंग किए हुए तेल टैंकरों से तेल चोरी निकाल कर बेच देते हैं, घाटा पैट्रोल पंप संचालकों को पड़ता है। इंडियन ऑयल से पर्ची बन कर पूरी चैकिंग के बाद गाड़ी लोड कर बाहर निकलती है जिसके बाद रास्ते में तेल चोरी हो जाए उसकी जिम्मेदारी गाड़ी बुक करवाने वाले पम्प मालिक की होती है। यही पैट्रोल शहर के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम बेच दिया जाता है। हालांकि पम्प मालिकों द्वारा कई बार ऑयल कंपनियों को शिकायतें की जा चुकी हैं।

गुज्जा पीर इलाके में भी अवैध तेल के गोदामों व ढाबे में लग चुकी है आग
पिछले साल गुज्जा पीर रिहायशी इलाके में एक तेल तस्कर के तेल भंडारण के गोदाम में आग लग गई थी, जिससे चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई थी और लाखों का नुक्सान हुआ था। पुलिस प्रशासन ने तेल तस्कर पर मामला दर्ज कर लिया था मगर वह उसे पकड़ नहीं पाई थी। बाद में जमानत मिलने पर दोबारा उक्त इलाके में आज तक तेल बेचा जा रहा है। इंडियन ऑयल सुच्ची पिंड में इंडियन ऑयल डिपो के गेट से बाहर निकलते ही पार्किंग के पास बने ढाबों में तेल तस्करों द्वारा स्टोर कर रखे तेल का केन गिरने से ढाबे में आग लग गई थी, जिस पर समय रहते लोगों ने काबू पा लिया था जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया था, मगर उसके बाद भी इंडियन ऑयल कंपनी व प्रशासन की आंखें नहीं खुलीं।

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