टाइप-1 सेवा केन्द्र का हुआ बुरा हाल, जनता की परेशानी नहीं हो रही हल

punjabkesari.in Thursday, Jul 19, 2018 - 01:04 PM (IST)

जालंधर(अमित): प्रदेश की पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजैक्ट सेवा केन्द्र पहले दिन से ही विवादों के साथ घिरा रहा है। आम जनता को सारी सरकारी सेवाएं एक ही छत के नीचे प्रदान करने के उद्देश्य से खोले गए सेवा केन्द्र धीरे-धीरे आम जनता के लिए जी का जंजाल बनकर ही रह गए हैं।

पिछले लंबे समय तक प्रदेश में सेवा केन्द्र आप्रेट करने वाली निजी कम्पनी बी.एल.एस. सॉल्यूशन्स द्वारा सेवा केन्द्र चलाने को लेकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह सही ढंग से नहीं किया गया जिसका जीता-जागता सबूत है डी.ए.सी. के अंदर सब-रजिस्ट्रार बिल्डिंग के ठीक सामने पुराने सुविधा सैंटर वाली बिल्डिंग में चल रहा टाइप-1 सेवा केन्द्र जिसका मौजूदा समय में काफी बुरा हाल हो चुका है। यहां आने वाले लोगों के मुंह से केवल यही शब्द निकलते हैं कि सुविधा सैंटर में आकर काम करवाने का अनुभव कम-से-कम हजार गुना बेहतर था। यहां आने वाले लोगों का कहना है कि निजी कम्पनी और उनके स्टाफ का यही मानना है कि असीं नहीं सुधरना-चाहे कुछ भी हो जावे। पिछले 2 दिन की बात करें तो सर्वर में आ रही समस्या के कारण आम जनता को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। बुधवार सुबह जैसे ही सेवा केन्द्र खुला, सर्वर बंद होने की वजह से किसी भी काऊंटर पर काम शुरू ही नहीं हो सका। 2 दिन से सेवा केन्द्र में अपने-अपने काम के लिए परेशानी झेल रहे लोगों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी नाराजगी जाहिर की। डी.सी. वरिन्द्र कुमार शर्मा को जैसे ही मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने फौरन एस.डी.एम.-1 डा. संजीव शर्मा को मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेने के लिए कहा। एस.डी.एम.-1 टाइप-1 सेवा केन्द्र गए और वहां जाकर निजी कम्पनी के स्टाफ को जल्द से जल्द काम शुरू करने के निर्देश जारी किए।
 

मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रही जनता
टाइप-1 सेवा केन्द्र में आने वाली जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रही है। मगर न जाने क्या कारण है कि न तो निजी कम्पनी और न ही जिला प्रशासन द्वारा इस तरफ कोई ध्यान दिया जा रहा है। यहां न तो ए.सी. काम कर रहे हैं और न ही पंखें सही ढंग से चल रहे हैं। पेयजल और शौचालय की सुविधा का बुरा हाल हो रखा है। गर्मी व उमस भरे मौसम में लोग अपने काम करवाने के लिए मजबूर हैं। 

प्रशासनिक अधिकारी भी निजी कम्पनी स्टाफ के सामने हुए बेबस
यहां काम करने वाले स्टाफ का जनता के प्रति बर्ताव बेहद बेरुखा हो चुका है। बार-बार कहने पर भी जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ’यादातर स्टाफ अपनी मनमर्जी से काम करता है। यहां तक कि जिला प्रशासन के अधिकारी भी खुद को इनके सामने बेबस महसूस कर रहे हैं। दबी जुबान में अधिकारियों का कहना है कि मामूली सैलरी लेकर बतौर डाटा एंट्री आप्रेटर काम करने वाले कर्मचारी खुद को डी.सी. से भी ऊपर समझ रहे हैं और जनता की सेवा करने की जगह केवल अपनी जेबें भरने का काम ही कर रहे हैं। सुबह 8 बजे ही टाईप-1 सेवा केन्द्र के बाहर लंबी लाइनें लग जाती हैं व घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद भी भारी संख्या में लोगों को किसी न किसी कारण से हताश होकर वापस लौटना पड़ता है। 

दूसरी बार भी बी.एल.एस. को मिला कांट्रैक्ट, हालात में सुधार को लेकर असमंजस बरकरार
सेवा केन्द्रों की कमान लगातार दूसरी बार बी.एल.एस. को मिलने वाली है, मगर सेवा केन्द्रों की हालत में कोई सुधार होगा या नहीं, इसको लेकर फिलहाल असमंजस बरकरार है। हाल ही में सेवा केंद्रों के लिए ऑनलाइन बिल्डिंग ओपन की गई थी जिसमें जोन-1 और & में बी.एल.एस. कम्पनी ने सबसे ऊंची बोली लगाई थी। इन दोनों जोनों का कांट्रैक्ट एक बार फिर से बी.एल.एस. को मिलना तय है। अप्रैल महीने में गवर्नैंस रिफॉर्म डिपार्टमैंट ने सेवा केंद्रों के लिए टैंडर खोले थे, जिसमें कम्पनियों को शामिल होने के लिए कहा था। इन जोनों में जालंधर, अमृतसर, होशियारपुर, गुरदासपुर समेत कई बड़े शहर शामिल हैं। मोहाली जिले वाले जोन-2 का कांट्रैक्ट चंडीगढ़ की एक आई.टी. कम्पनी को दिया गया है।  

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