2 माह में 30 हजार से भी ज्यादा लोगों को पढ़ाया ट्रैफिक का पाठ, फिर भी मानते नहीं जालंधरिए

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2019 - 04:10 PM (IST)

जालंधर(वरुण): शहर में ट्रैफिक नियमों की पालना करने के लिए जालंधरिए तैयार ही नहीं हैं। शहर में चालान का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है जबकि ट्रैफिक पुलिस के एजुकेशन सैल की टीम ने लोगों को जागरूक करने के  लिए अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी। ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों में युवा सबसे आगे हैं। हाल ऐसा हो चुका है कि ट्रैफिक नियमों को तोड़ना अब ट्रैंड बनता जा रहा है। जालंधर ट्रैफिक पुलिस के फेसबुक एजुकेशन सैल की टीम लगातार जागरूकता के लिए सैमीनार कैंप के बारे पोस्ट अपलोड करती है, लेकिन उसका कोई खास असर नहीं हो रहा। नफरी कम होने के कारण ट्रैफिक पुलिस के जवान हर चौराहे पर तैनात नहीं किए जा सकते लेकिन यह भी सच है कि लोग खुद की जिम्मेदारी ही नहीं समझ रहे। शहर के किसी भी चौराहे या सड़क पर हर तरह के नियमों को टूटते देखा जा सकता है। 

2 माह में लगाए गए सैमीनारों का आंकड़ा
ट्रैफिक पुलिस के एजुकेशन सैल ने नवंबर माह में 45 सैमीनार लगाए। यह सैमीनार अलग-अलग स्कूलों, कालेजों, ट्रक, आटो, रिक्शा व टैक्सी यूनियनों के अलावा आम लोगों के बीच लगाए गए जिसमें 13,097 लोगों ने हिस्सा लिया। अक्तूबर माह में एजुकेशन सैल की टीम ने 42 सैमीनार लगाए जिसमें 17,385 लोगों ने भाग लिया। इन सभी सैमीनारों में लोगों को ट्रैफिक नियमों की पालना करने को कहा गया। ट्रैफिक साइनों के अलावा सीट बैल्ट, हैलमेट पहनने, वाहन चलाते हुए मोबाइल का इस्तेमाल न करने व गाड़ियों के सभी दस्तावेज पास रखने के अलावा हर तरह के ट्रैफिक नियमों की पालना करने की अपील की गई। 

लोग खुद की जिम्मेदारी समझें, नियमों को फॉलो करें: ए.डी.सी.पी. ट्रैफिक
इस संबंध में ए.डी.सी.पी. ट्रैफिक गगनेश कुमार ने कहा कि लोग खुद जिम्मेदार बनें। अगर वह सभी नियमों की पालना करते हैं तो उन्हीं का फायदा है। हैल्मेट न पहनने से छोटे से एक्सीडैंट में हैंड इंजरी होने पर गंभीर चोट लग जाती है। लोग खुद के लिए ही नहीं कम से कम चालान के डर से ही नियमों की पालना कर लें। लगातार शहर में चालान के बढ़ते आंकड़े गंभीरता वाली बात है। कई सैमीनार लगाने के बावजूद लोग खुद की जान जोखिम में डाल रहे हैं। उन्होंने शहरवासियों से ट्रैफिक नियमों की पालना करने की अपील की है।

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Sunita sarangal