कई सालों से परेशान हो रहे हैं निगम की दुकानों के किराएदार

punjabkesari.in Wednesday, Jun 12, 2019 - 08:59 AM (IST)

जालंधर(खुराना): अकाली-भाजपा कार्यकाल दौरान उस समय सबसे सशक्त माने जाते उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने शहरियों को राहत देने के उद्देश्य से 2016 में एक पॉलिसी घोषित की थी जिसके तहत निगम की सम्पत्तियों के किराएदारों को उन सम्पत्तियों के मालिक बनाने का प्लान था। उस पॉलिसी में शर्तें लगाई गई थीं कि किराएदार 20 साल या उससे ज्यादा पुराना हो, निगम की ओर कोई बकाया न हो, कोई अतिरिक्त कब्जा या अवैध निर्माण न किया हो, मूल अलाटी हो तथा कई अन्य नियम बनाए गए थे। 

गौरतलब है कि निगम के  करीब 245 किराएदारों में से अधिकांश ने इस पॉलिसी के तहत अप्लाई किया था। हर आवेदन के साथ 1000 रुपए का ड्राफ्ट भी लिया गया था परंतु उस पॉलिसी के तहत किसी को मालिकाना हक नहीं दिया गया।उसके बाद आई कांग्रेस सरकार ने भी इस पॉलिसी को जारी रखा और थोड़े-बहुत परिवर्तन किए, जिसके तहत फिर किराएदारों ने 1000 रुपए का ड्राफ्ट लगाकर अपने आवेदन निगम को सौंपे। पता चला है कि 245 में से 66 के करीब किराएदार ऐसे हैं जो मालिकाना हक रखने की तमाम शर्तें पूरी करते हैं परंतु इसके बावजूद उन आवेदनों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

अब निगमाधिकारी कह रहे हैं कि पिछले साल लोकल बाडीज के अधिकारियों ने इस पॉलिसी पर स्टे जारी करके सम्पत्तियों को न बेचने का फरमान सुना दिया था, जिस कारण निगम की दुकानों के किराएदार खुद को ठगे हुए महसूस कर रहे हैं।

अब विधायक बेरी पकड़ेंगे बाजू
अब सैंट्रल क्षेत्र से विधायक राजिन्द्र बेरी ने निगम के किराएदारों की बाजू पकडऩे का फैसला लिया है और बताया कि जल्द ही इस मामले में नए लोकल बाडीज मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा से मिलकर पात्र लोगों को उनके मालिकाना हक दिलवाए जाएंगे।

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