राणा गुरजीत के रिश्तेदार की दिक्कतें बढ़ीं, फार्म हाऊसों को जाते रास्ते के विवाद में अदालत ने दिया स्टे

punjabkesari.in Monday, May 20, 2019 - 10:39 AM (IST)

जालंधर(चोपड़ा): कपूरथला से विधायक राणा गुरजीत सिंह के एन.आर.आई. रिश्तेदार अमृतपाल की मुश्किलें उस समय बढ़ गईं जब जमीनी विवाद के मामले में होटल रमाडा के मालिक राजन चोपड़ा की याचिका पर अदालत ने स्टे दे दिया। माननीय अदालत के फैसले से राजन चोपड़ा सहित जलोटो इंडस्ट्री की अदिति हंस, ड्रीम वीईवर की ज्वाइंट डायरैक्टर निति सोनी, कारोबारी सुरजीत सिंह अरोड़ा, शशि महाजन समेत तमाम उन लोगों को बड़ी राहत मिली है जिन्होंने स्टरलिंग विला में फार्म हाऊस खरीद रखे हैं।

जिक्रयोग्य है कि विगत दिनों फार्म हाऊसों को जाते रास्ते को बंद करने को लेकर विधायक के रिश्तेदार व फार्म हाऊसों के मालिकों में विवाद हो गया था। इसके उपरांत राजन चोपड़ा, सुरजीत, अदिति व अन्यों ने पुलिस कमिश्नर को शिकायत देने के उपरांत पत्रकारवार्ता में अमृतपाल व विधायक राणा गुरजीत पर उनकी जमीन को कब्जाने के गंभीर आरोप लगाए थे। राजन, सुरजीत व अन्यों ने बताया कि 2007 में अमृतपाल व उसके साले परमप्रीत सिंह ने गांव कादियांवाली व धनाल में 41 एकड़ जमीन का जमींदार के साथ सौदा कर बयाना किया था। जिसमें 66 फीट रोड पर जमीन का 200 फीट फ्रंट भी था। दोनों जीजा-साले ने जमीन का सौदा आगे उनकी कम्पनी स्टरङ्क्षलग टाऊन विला के साथ कर लिया और 15 बड़े शहर के नामवर लोगों को जमीन खुद रजिस्ट्रियां करवाकर फार्म हाऊस दे दिए। इनमें से कुछ फार्म हाऊस का बाकायदा नक्शा पास है, जिसमें 66 फीट रोड से रास्ता दिखाया गया है।

वहां से 60 फीट की रोड बनाकर आगे फार्म हाऊस को दी गई थी परंतु अब जीजा-साले ने मिलीभगत कर फ्रंट के प्लाट जिसका फ्रंट 200 फीट था, उसकी रजिस्ट्री अपनी बहन यानी अमृतपाल की पत्नी जगदीप कौर के नाम पर 2011 में करवा दी। इसी प्लाट से 60 फीट का रास्ता बना हुआ था, जो आगे फार्म हाऊसों को जाता था। विगत दिनों इसी रास्ते को बंद करके अमृतपाल व विधायक के खासमखास लोगों के द्वारा सड़क पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की गई।

वहीं कब्जे की सूचना मिलते ही निति सोनी, अदिति हंस व अन्य मौके पर पहुंचे जहां उन्होंने अमृतपाल की कोशिशों का जोरदार विरोध किया। निति व अदिति ने अमृतपाल पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने के आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि अमृतपाल विधायक की गाड़ी में सवार होकर उनके समर्थकों के साथ मौके पर आया हुआ था।फार्म हाऊसों के मालिकों ने विधायक व उसके रिश्तेदार के खिलाफ लड़ाई लडऩे का ऐलान कर दिया, जिसके उपरांत उन्होंने जहां पुलिस में शिकायत की वहीं यह मामला मुख्यमंत्री के दरबार तक पहुंचाया। मुख्यमंत्री ने भी शहर के नामवर लोगों के साथ हो रही धक्केशाही को गंभीरता से लेते हुए डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता को मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं परंतु अदालत से स्टे के बाद अब स्टरङ्क्षलग विला का रास्ता अगले आदेशों तक जहां पूरी तरह से खुला रहेगा, वहीं जिला पुलिस ने भी राहत की सांस ली है।

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