बारिश ने रोकी जरूरी वस्तुओं की सप्लाई; कई घरों में नहीं पहुंचा राशन

punjabkesari.in Saturday, Mar 28, 2020 - 08:41 AM (IST)

जालंधर (पुनीत): पिछले 4 दिनों से चल रहे कर्फ्यू के कारण जहां जनता पहले से ही भारी दिक्कतें उठा रही है वहीं आज सुबह से हो रही बारिश के बीच उन्हें कुदरत की दोहरी मार पड़ी व जरूरी वस्तुओं की सप्लाई थमकर रह गई। प्रशासन के प्रयासों के बीच उम्मीद थी कि राशन का बैकलॉग कम होगा लेकिन जरूरत के मुताबिक सप्लाई नाममात्र ही रही। अधिकतर इलाकों में लोगों के घरों तक न तो राशन पहुंचा और न दूध इत्यादि की डिलीवरी हो पाई जिससे रसोई के हालात और भी खराब हो गए। कई इलाकों में लोग इधर-उधर भटकने को मजबूर हुए लेकिन उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिल पाई। 

लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा जारी किए गए नंबरों पर संपर्क किया गया लेकिन कई दुकानदारों द्वारा सामान पहुंचाने की बात कह कर भी डिलीवरी नहीं दी गई। कई इलाकों में खुली दुकानों पर भारी रश दिखा। लोगों द्वारा खरीददारी करते समय दूरी बनाए रखने के नियमों का भी पालन नहीं किया गया जोकि इस महामारी के बीच आग में घी डालने का काम कर सकता है।वहीं कुछ तथाकथित दुकानदारों द्वारा लोगों की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है, उक्त लोग जमकर कालाबाजारी कर रहे हैं और लोगों को महंगे दामों में वस्तुएं खरीदनी पड़ रही हैं जबकि कई दुकानदार कंट्रोल रेटों पर सामान बेच लोगों की दुआएं कमा रहे हैं। कालाबाजारी करने वाले लोगों के लिए कई मैसेज खूब वायरल हो रहे हैं, इसी तरह का एक मैसेज तेजी से फैल रहा है जिसमें लिखा है कि जो दुकानदार कालाबाजारी कर रहे हैं, उनसे कफ्र्यू के बाद सामान खरीदना बंद कर दें ताकि महंगे दामों में सामान बेचने वालों को सबक सिखाया जा सके। 


कुदरत की दोहरी मार, हर तरफ बेबसी का आलम
कोरोना वायरस के बीच बारिश के रूप में पड़ रही कुदरत की इस दोहरी मार के चलते हर तरफ बेबसी का आलम नजर आ रहा है। लोग भगवान के आगे हालात सामान्य होने की दुआएं कर रहे हैं। नवरात्रों के बीच लोग मंदिर बंद होने के कारण दर्शनों हेतु नहीं जा पा रहे। नवरात्रों में इस्तेमाल होने वाला सामान न मिलना भी भारी परेशानी का सबब है। व्रत वाला आटा लेने के लिए आज कई दुकानदारों से बात करने पर सभी का कहना था कि रूटीन के आटे की सप्लाई मिलना मुश्किल हो रहा है, व्रत वाला आटा कहां से लाएं। 


दवाएं न मिलने के कारण मरीजों को आ रही दिक्कतें 
वहीं राशन-दूध के अलावा दवाओं की बात की जाए तो कई लोगों का कहना है कि उन्हें दवाएं मिलना परेशानी का सबब बन रहा है। कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें जो जरूरत की दवा चाहिए थी, उसका मूल्य 50 रुपए के करीब था लेकिन कई कैमिस्टों द्वारा अधिक सामान लेने की शर्त पर सप्लाई देने की बात की गई। कई लोगों का कहना है कि गैस की बुकिंग करवाने के बावजूद उनके यहां सप्लाई नहीं हो पाई। कफ्र्यू दौरान गैस की सप्लाई पहल के आधार पर की जानी चाहिए ताकि घरों में बैठे लोगों को किसी तरह की दिक्कत पेश न आए। 

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