कैसे सुधरेगी ट्रैफिक व्यवस्था! पौने 9 लाख आबादी संभालने के लिए सिर्फ 123 मुलाजिम

punjabkesari.in Monday, Jun 04, 2018 - 10:36 AM (IST)

जालंधर(महेश): यूं तो शहर में जब भी कभी हम जाम में फंस जाते हैं तो अक्सर ट्रैफिक मुलाजिमों को कोसने में समय नहीं लगाते लेकिन ट्रैफिक मुलाजिम धूप में खड़े होकर कई घंटे ड्यूटी तो देते ही हैं, कई बार जरा-सी जाम और ट्रैफिक अव्यवस्था के कारण अक्सर लोगों के गुस्से का शिकार भी हो जाते हैं। वहीं, ट्रैफिक नियमों को तोडऩे पर अगर लोग पकड़े जाते हैं तो वे अपनी पहुंच दिखाने में भी देर नहीं लगाते लेकिन वास्तव में शहर के अंदर ट्रैफिक पुलिस पर अन्य की अपेक्षा काफी अधिक दबाव है।

शहर के बीच से निकले 2 हाईवे और सड़कों पर चल रहे हैवी ट्रैफिक को संभालने के लिए महज 123 ट्रैफिक मुलाजिम ही विभाग के पास हैं। अव्यवस्था न हो, इसके लिए विभाग 30 होमगार्ड की भी मदद लेता है। हालांकि इसके बावजूद भी शहर के अधिकतर इलाकों में जाम की स्थिति बनी रहती है। मामले के जानकारों की मानें तो विभाग में स्वीकृत सारे पदों पर मुलाजिम हैं लेकिन विभाग की ओर से स्वीकृत हुए ये पद तकरीबन कई साल पहले बने हुए हैं जबकि पहले की तुलना में शहर का विकास 3 गुना और जनसंख्या 9 लाख से अधिक हो चुकी है। वहीं आर्थिक समृद्धता के चलते हर घर में 2 से 3 मोटरसाइकिलया कार हैं जिससे सड़कों पर ट्रैफिक लोड पहले की अपेक्षा में 3 गुना तक हो गया है। इसे संभालने के लिए होमगार्ड्ज सहित महज 153 मुलाजिमों का स्टाफ  ही है। 

4 इंस्पैक्टरों व 4 सब-इंस्पैक्टरों के हवाले पूरा शहर 
ट्रैफिक विभाग में मौजूदा स्थि0ति में 4 इंस्पैक्टर, 4 सब-इंस्पैक्टर, 26 ए.एस.आई व 89 कांस्टेबल हैं। इनमें अगर कुछ छुट्टियों पर जाते हैं तो स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। अधिकारियों की कमी के कारण कई बार लोगों के दबाव बनाने जैसे मसलों को नियंत्रण में करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। 

 

मुलाजिमों की कमी से यहां नहीं लगते नाके 
मामले में ए.सी.पी. ट्रैफिक हरविंद्र सिंह भल्ला का कहना है कि शहर में बढ़ते ट्रैफिक नियमों की अनदेखी का बड़ा कारण जनसंख्या के मुकाबले में मुलाजिमों का न होना ही है। कम मुलाजिमों के कारण अभी सिटी अस्पताल चौक, समरा चौक, पठानकोट बाईपास, भगत सिंह चौक, मिलाप चौक, शास्त्री चौक समेत बस्तीयात के कई इलाकों में ट्रैफिक के नाके नहीं लग पाते हैं। विभागीय जानकारों के मुताबिक विभाग को मौजूदा हालातों में अभी 40 से 50 मुलाजिमों की और आवश्यकता है। अगर इसकी पूर्ति हो जाए तो इन चौक पर भी नाके लगाए जा सकेंगे। 

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