ट्रैवल एजैंटी के साथ फाइनांसर बने एजैंटों की अब खैर नहीं!

punjabkesari.in Saturday, Jun 23, 2018 - 11:22 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): राज्य में ट्रैवल एजैंटों पर छाए संकट के बादल अभी छंटते दिखाई नहीं दे रहे। विद्यार्थियों से नॉन-रिफंडेबल पेमैंट के नाम पर हजारों रुपए बटोरने वाले इन एजैंटों ने कोई ऐसा समय जाने नहीं दिया जिसमें इन्होंने भोले-भाले लोगों से पैसे न बटोरे हों पर अब इन एजैंटों पर लाइसैंसी सख्ती के बाद टैक्सेशन विभाग की सख्ती के लिए सरकार योजना तैयार कर रही है। 

कैसे एजैंट से बने फाइनांसर
पिछले कुछ सालों से नया ही फार्मूला एजैंटों ने पैसा कमाने के लिए अपनाया हुआ है। इसके तहत जो गरीब या मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे विदेश जाने के लाखों रुपए इकट्ठे विदेशी कालेजों के खातों में जमा नहीं करवा सकते, उन्हें ये एजैंट अपनी ओर से पैसा फाइनांस करते हैं। लाखों रुपए विद्यार्थियों के विदेशी खातों में जमा करवाकर इसके बदले में छात्रों के परिजनों से 3 से 5 प्रतिशत ब्याज प्रति माह वसूला जाता था अर्थात् 36 से 60 प्रतिशत ब्याज प्रति वर्ष के हिसाब से भोले-भाले अभिभावकों से वसूला जा रहा है। एजैंटों ने आगे कई बड़े फाइनांसरों के काले धन को सफेद बनाने के लिए ऐसे कई फार्मूले अपनाए हुए हैं। इन फार्मूलों से एजैंटों को भारी कमाई होती है। जानकारों की मानें तो अगर अभिभावक बैंक से लोन लेते तो उन्हें 7 से 8 प्रतिशत ब्याज वार्षिक दर से देना पड़ता पर बैंक से लोन लेने के लिए कई प्रकार की कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है, फिर भी लोन आसानी से नहीं मिल पाता। इसके लिए एजैंटों ने अपनी ओर से पैकेज बनाकर विद्यार्थी को विदेश पढऩे के नाम पर खुद ही पैसा फाइनांस करना शुरू किया हुआ है और करोड़ों रुपए की ब्लैक मनी भी एडजस्ट की व कमाई भी खूब की और कुछ सालों में ही करोड़ों की सम्पत्तियां भी बना लीं पर अब इस प्रकार के फाइनांसर एजैंटों की शामत आने वाली है।

सरकारी विभाग खंगाल रहे हैं आंकड़े, हो सकती है कड़ी कार्रवाई!
विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि सरकार ने पंजाब भर से सैंकड़ों एजैंटों के अकाऊंटों को खंगालकर आंकड़े एकत्र किए हैं जिनसे साफ होता है कि एजैंटों ने करोड़ों रुपए बिना किसी सिस्टम के तहत विदेश जाने के चाहवान बच्चों के अभिभावकों को ब्याज पर दिए व उनसे भारी ब्याज वसूला लेकिन इस सारे गोलमाल के बीच सरकारी खातों में एक रुपया भी नहीं पहुंचा। फाइनांसर बने एजैंटों ने लोगों से 4 से 5 प्रतिशत प्रति माह के हिसाब से ब्याज वसूला। जानकारों की मानें तो अगर यह काम कानूनी तरीके से होता तो सरकार के खातों में अरबों रुपए जाते पर सरकार के पल्ले कुछ नहीं पड़ा। इसके चलते सरकार के 3 मुख्य विभाग ई.डी., इंकम टैक्स व जी.एस.टी. मिलकर इस मामले में कार्रवाई करने की तैयारी में लगे हैं। पंजाब के 2 दर्जन के करीब बड़े मगरमच्छों पर पहले कार्रवाई हो सकती है जिन्होंने सरकार को चूना लगाकर करोड़ों रुपए अंदर किए हैं। अब देखना होगा कि टैक्स चोरी करने वाले किन-किन एजैंटों पर ये सारे विभाग कब तक कार्रवाई करते हैं।

Vatika