ठप्प हुआ ट्रैवल एजैंटों का कारोबार

punjabkesari.in Saturday, Jun 02, 2018 - 08:04 AM (IST)

जालंधर(सुधीर, बुलंद): पुलिस कमिश्नरेट व जिला प्रशासन द्वारा ट्रैवल एजैंटों पर की गई कार्रवाई का असर यह देखने में मिला कि आज तीसरे दिन भी जालंधर व आस-पास के शहरों में ट्रैवल एजैंटों के अधिकतर दफ्तर बंद रहे।

क्या लाइसैंसी और क्या लाइसैंस अप्लाइड सभी एजैंटों ने अपने दफ्तर बंद करके गर्मी की छुट्टियों पर जाने में ही भलाई समझी। उधर, खुद ट्रैवल एजैटों की एसोसिएशन एकोस ने अपने फेसबुक अकाऊंट पर पोस्ट डाल कर सारे अप्लाइड फॉर लाइसैंस एजैंटों से अपील की है कि जब तक उनका लाइसैंस नहीं आ जाता, तब तक अपने दफ्तर बंद ही रखें। उधर ट्रैवल एजैंटों में इस बात को लेकर एकजुटता नहीं हो पाई कि वे पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ क्या एक्शन लें।  

जारी रहेगी छापेमारी, एजैंट कागज पूरे रखें : सिन्हा
मामले बारे पुलिस कमिश्नर प्रवीण सिन्हा का कहना है कि पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी थी तथा आने वाले दिनों में भी यह छापामारी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सारे एजैंटों को अपने कागजात पूरे रखने होंगे। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि अगर वे किसी रजिस्टर्ड एजैंट के दफ्तर में हों और वहां पुलिस चैकिंग के लिए आए तो इसका मतलब यह नहीं कि वहां रेड हुई है। यह रूटीन चैकिंग हो सकती है।

एम.ए. ब्रांच में एजैंटों का तांता पर सुनवाई कोई नहीं
उधर, पुलिसिया कार्रवाई के बाद से ही ट्रैवल एजैंट अपने लाइसैंसों को अपडेट करवाने व लाइसैंस के लिए जरूरी कागजात जमा करवाने के लिए आज दिनभर डी.सी. ऑफिस की एम.ए. ब्रांच के बाहर चक्कर लगाते दिखे लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई होती दिखाई नहीं दी, क्योंकि खुद प्रशासन ही अभी तक एक्ट के नियमों बारे क्लीयर जानकारी नहीं इकट्ठी कर सका। कई ट्रैवल एजैंट विभागीय कर्मियों के साथ इस बात को लेकर बहसते दिखाई दिए कि आखिर वे अपने जनरल लाइसैंस में किस कैटागरी को शामिल करें क्योंकि आज तक प्रशासन इस बात को क्लैरीफाई ही नहीं कर पाया कि ट्रैवल एजैंसी व कंसल्टैंसी में फर्क क्या है।

सरकारी कर्मचारियों ने भी दबी आवाज में माना कि धक्का हुआ है
गत दिनों हुई पुलिस कार्रवाई को जहां ट्रैवल एजैंट सरासर धक्केशाही बताते रहे वहीं दूसरी ओर आज प्रशासन के अपने कर्मियों ने भी दबी आवाज में एजैंटों की गिरफ्तारियों को धक्केशाही बताया।
एजैंटों ने बताया कि उन्हें गत 30 मई को प्रशासन की ओर से एक नोटिस मिला था कि अगले 7 दिनों में अपने संबंधित कागजात अपनी फाइल के साथ अटैच करें। अभी एक दिन ही हुआ था एजैटों के पास नोटिस पहुंचे कि अगले दिन ही उनके दफ्तर में छापेमारी हो गई।  इ

सी प्रकार एक अन्य एजैंट ने बताया कि उसने कुछ महीने पहले अपना लाइसैंस अप्लाई किया था। गत दिनों उसने ऑनलाइन स्टेटस चैक किया तो उसे पता चला कि उसका लाइसैंस बन चुका है और उसे मैसेज आया कि उसका लाइसैंस बन गया है, आकर ले जाओ। जब वह अपना लाइसैंस लेने आया तो उसे कहा गया कि आपका लाइसैंस नहीं बना और मैसेज गलत है।   

फर्जी एजैंटों के  दफ्तरों में रही आवाजाही
पुलिस की कार्रवाई से जहां एक ओर लाइसैंसी व अप्लाइड लाइसैंसी एजैंटों में हाहाकार और भय इस कदर देखा जा रहा है कि वे अपने दफ्तर बंद करके घूमने चले गए हैं वहीं दूसरी ओर मार्कीट में अधिकतर बंद हुए एजैंटों के दफ्तरों का फायदा फर्जी व बिना लाइसैंस वाले एजैंटों द्वारा उठाया जा रहा है।  जानकारों के अनुसार बस स्टैंड के आसपास के गली-मोहल्लों मे खुले दर्जनों फर्जी एजैंटों के दफ्तरों में आवाजाही जारी रही। 

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