पहले अवैध रूप से कब्जे में रखा लाइसैंस; DC के पास कम्प्लेंट करने के बाद बिगाड़ दी सूरत

punjabkesari.in Monday, Jul 16, 2018 - 10:42 AM (IST)

जालंधर(अमित): जहां एक तरफ डी.सी. वरिंदर कुमार शर्मा, ए.डी.सी. जसबीर सिंह, सहायक कमिश्नर डा. बी.एस. ढिल्लों और उनकी सारी टीम ट्रैवल एजैंट लाइसैंस के काम को दिन-प्रतिदिन सरल बनाकर कारोबारियों को सहूलियत प्रदान करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है जिसके काफी सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जो जानबूझकर अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए किाला प्रशासन व डी.सी. का नाम खराब करने में लगे हुए हैं। ऐसे ही एक मामले में कुछ दिन पहले जारी किए गए नए ट्रैवल एजैंट लाइसैंस को पहले अवैध रूप से अपने कब्को में रखने और बाद में डी.सी. के पास कम्प्लेंट किए जाने पर गुस्से में आकर दुर्भावनापूर्ण ढंग से लाइसैंस की सूरत बिगाडऩे का मामला सामने आया है। संबंधित लाइसैंस धारक ने प्रशासन से नया लाइसैंस जारी करने की मांग रखी है।

लाइसैंस के पीछे दी गई शर्तों में भी पैसे जमा करवाने का किाक्र, फिर सामने लिखने की क्यों पड़ी जरूरत
महिला कारोबारी ने कहा कि प्रशासन द्वारा जो भी लाइसैंस जारी किया जाता है उसके पीछे 17 शर्तें लिखी गई हैं जिसमें 15 नंबर में साफ तौर पर लिखा है कि लाइसैंस धारक बकाया फीस जमा करवाने के लिए पाबंद है। ऐसे में इस शर्त को दोबारा से सामने लिखने की क्या कारूरत पड़ गई थी। उक्त कार्रवाई केवल उसके साथ बदला लेने के इरादे से की गई है।
 

 शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई : डी.सी.
डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि उन्हें लाइसैंस खराब करने की कोई जानकारी नहीं है, न ही उनके पास ऐसी कोई शिकायत आई है। अगर शिकायत आती है तो बनती कार्रवाई की जाएगी। 

लाइसैंस का नया प्रिंट लेने के लिए डी.सी. सेकी जाएगी मुलाकात
महिला कारोबारी ने कहा कि वह सोमवार को डी.बी.ए. के प्रधान को साथ लेकर डी.सी. से मुलाकात करेगी और गलत ढंग से खराब किए गए लाइसैंस का नया प्रिंट जारी करने के लिए मांग रखेगी। महिला ने इस बात का अंदेशा भी जताया कि उसके द्वारा डी.सी. के ध्यान में मामला लाने से उसके खिलाफ भविष्य में भी ऐसी कोई कार्रवाई की जा सकती है जिसके लिए वह बेहद डरी हुई है।


क्या है मामला, कैसे आया सामने
एक महिला वकील जो ट्रैवल कंसल्टैंसी का काम करती है, को कुछ दिन पहले प्रशासन की तरफ से ट्रैवल लाइसैंस जारी किया गया था। सेवा केन्द्र से लाइसैंस की डिलीवरी लेने के बाद उसने देखा कि उसके पति का नाम गलत लिखा हुआ है जिसे ठीक करवाने के लिए वह डी.सी. दफ्तर की पेशी शाखा में संंबंधित कर्मचारियों के पास गई। पति का नाम ठीक करने के बाद लाइसैंस वापस लौटाने की जगह कर्मचारियों ने अपने पास ही रख लिया और कहा कि पहले आप अपनी बकाया लाइसैंस फीस जमा करवाओ, तभी आपको लाइसैंस वापस मिलेगा। महिला ने कहा कि लाइसैंस जारी करते समय ही उसने आधी फीस जमा करवा दी थी और बकाया राशि एक महीने के अंदर जमा करने को लेकर लिखित रूप से भी दिया था, ऐसे में तय समय से पहले पैसे जमा करवाने के लिए कहना हैरानीजनक था।

जब उसने कर्मचारियों से कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि डी.सी. साहिब ने खास तौर पर फोन करके आपका लाइसैंस रोकने के लिए कहा है और हिदायत दी है कि जब तक आप पूरे पैसे नहीं जमा करवातीं आपको लाइसैंस न दिया जाए। अगर आप ज्यादा विरोध करेंगी तो पुलिस कमिश्नर को कहकर आपका लाइसैंस कैंसिल करवा दिया जाएगा।अपने साथ हुए इस प्रकार के बर्ताव से आहत महिला ने मामले की जानकारी डी.सी. व संंबंधित अधिकारियों के पास पहुंचाने का फैसला किया। अगले दिन जब वह डी.सी. दफ्तर गई तो संबंधित कर्मचारियों को उसके आने की भनक लग गई व उन्होंने आनन-फानन में उसके लाइसैंस पर बड़े-बड़े शब्दों में एक बाक्स टाइप करके लिख दिया कि अगर 8 अक्तूबर, 2018 तक पैसे न जमा करवाए गए तो लाइसैंस कैंसिल कर दिया जाएगा। इस प्रकार से उसका लाइसैंस खराब करके उसे सौंप दिया गया। लाइसैंस के ऊपर ऐसा लिखकर उसे समाज में बदनाम करने की कोशिश की गई है जैसे वह कोई डिफाल्टर हो।

अधिकारियों के पास शिकायत करने की दी सजा
जिस प्रकार से पहले लाइसैंस को अवैध रूप से इम्पाऊंड किया गया और बाद में खराब किया गया उसको देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि कर्मचारियों ने अधिकारियों के पास की गई शिकायत का बदला लेने के इरादे से महिला वकील के लाइसैंस को खराब करके उसे एक तरह से सकाा दी है।

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