टाइप-1 सेवा केन्द्र के डिलीवरी काऊंटर पर आवेदकों ने किया हंगामा

punjabkesari.in Thursday, Apr 05, 2018 - 10:29 AM (IST)

जालंधर (अमित): डी.ए.सी. के अंदर स्थित टाइप-1 सेवा केन्द्र (पुराना सुविधा सैंटर) जहां हर प्रकार की सरकारी सेवाओं के लिए आवेदन जमा किए जाते हैं, वहां बुधवार सुबह 10 बजे डिलीवरी काऊंटर पर खूब हंगामा हुआ। दूर-दराज के इलाकों से आए आवेदकों का कहना था कि वे कई दिनों से यहां धक्के खा रहे हैं, मगर बार-बार चक्कर काटने पर भी उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। लोगों का टाईप-1 सेवा केन्द्र को लेकर कहना था कि यहां जनता को सेवा देने की जगह ठोकरें मारी जा रही हैं। 

कांग्रेस के राज में कंपनी और जिला प्रशासन के अधिकारी नहीं उठाते फोन, कैसे होगी सुनवाई?
सेवा केन्द्र में जनता को पेश आ रही परेशानी को लेकर जब निजी कंपनी के अधिकारियों को फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसी तरह से प्रशासन की तरफ से सेवा केन्द्र का कामकाज देख रहे एग्जीक्यूटिव मैजिस्ट्रेट जयइंद्र सिंह ने भी फोन नहीं उठाया, जिससे साफ पता लगता है कि दोनों तरफ जनता की सुनवाई के लिए कोई सीरियस ही नहीं है। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस राज में जनता की परेशानी को लेकर कोई सुनवाई करने के लिए तैयार ही नहीं है। 

क्या है मामला
बूटा पिंड, जालंधर निवासी लाहौरी राम मल्ल (74 ) पुत्र दौलत राम ने पंजाब केसरी से विशेष बातचीत में बताया कि उन्होंने 28 जनवरी, 2018 को एक निशानदेही लेने के लिए आवेदन किया था जिसके लिए बाकायदा  700 रुपए फीस भी जमा करवाई थी। टाइप-1 सेवा केन्द्र की तरफ से उन्हें दी गई  रसीद में  डिलीवरी की तारीख 28 मार्च डाली गई। वह कई बार कानूनगो व पटवारी से जाकर मिले। उनका आवेदन सेवा केन्द्र में निशानदेही कर वापस भेज दिया गया है। 28 मार्च के बाद से वह कई बार सेवा केन्द्र के चक्कर लगा चुका है। हर बार उसे वापस लौटा दिया जाता है। लाहौरी राम ने कहा कि वृद्धावस्था के चलते वह बार-बार चक्कर नहीं काट सकता। उनकी सेहत भी ठीक नहीं रहती। बुधवार को वह सुबह 9 बजे आया था और डाक का इंतजार करते-करते 1 बज गया और थक-हार कर वह वापस लौट गया। पहले वाले सुविधा सैंटर में जनता की सुनवाई हो जाया करती थी, मगर अब तो 20 प्रतिशत भी सुनवाई नहीं हो रही। 

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