सब-रजिस्ट्रार-1 मनिंद्र सिद्धू के कमरे से दबंग व बड़े वसीका नवीसों ने बनाई दूरी
punjabkesari.in Wednesday, Jan 22, 2020 - 01:31 PM (IST)
जालंधर(चोपड़ा): सब-रजिस्ट्रार-1 मनिंद्र सिंह सिद्धू के कार्यालय में अव्यवस्थाओं के चलते रोजाना सब्जी मंडी जैसे नजारे दिखने संबंधी समाचार के प्रकाशित होने के उपरांत उनके कार्यालय में कुछ अलग-सा माहौल दिखा। सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में रोजाना अपनी दबंगई दिखाने व मनमर्जियां करने वाले दबंग एवं बड़े वसीका नवीस दिखाई नहीं दिए। कार्यालय में रूटीन की भांति काम हुआ, परंतु लोगों को घंटों इंतजार व धक्के नहीं खाने पड़ रहे थे।
अनेक वसीका नवीस सब-रजिस्ट्रार बिल्डिंग तक तो आए, परंतु उन्होंने मनिंद्र सिद्धू के कमरे में प्रवेश करने की बजाय उनसे अपनी दूरी बनाए रखी। उक्त वसीका नवीसों के कारिंदे रजिस्ट्रियां व अन्य काम करवाने को लेकर प्रॉपर्टी की बिक्री व खरीद संबंधित पार्टियों को साथ लेकर आते रहे। सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में वसीका नवीसों, एजैंटों व उनके कारिंदों की गैर-मौजूदगी के चलते लगने वाली भीड़ नहीं दिखी। लोग खुद ही प्रॉपर्टी संबंधी अपने दस्तावेज लेकर सब-रजिस्ट्रार के समक्ष पेश हुए और अपना काम करवाते रहे। पिछले कई सप्ताहों से कार्यालय में बंद पड़ा टोकन सिस्टम भी चालू कर दिया गया और टोकन नंबर के माध्यम से ही लोगों के काम निपटाए जाते रहे।
जिक्रयोग्य है कि मनिंद्र सिद्धू के कार्यालय में रजिस्ट्री, मुख्त्यारनामा, वसीयतों, तबदील मलकीयतों व अन्य महत्वपूर्ण वसीका करने के दौरान सरकार की तरफ से जारी नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जाती रही हैं। नियमों के विपरीत रजिस्ट्री या अन्य दस्तावेज को अप्रूव करने के दौरान संबंधित पार्टियों, गवाह या नंबरदार के अलावा बड़ी तादाद में वसीका नवीस व उनके कारिंदे सब-रजिस्ट्रार के कमरे में घुस जाते थे और आम जनता बाहर कुर्सियों पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार करती रहती थी, जबकि दबंग वसीका नवीस व उनके कारिंदे चंद मिनटों में ही अपने दस्तावेज अप्रूव करवाकर चलते बनते थे।
यह सारा खेल सब-रजिस्ट्रार मनिंद्र सिद्धू के सामने ही होता था और ऐसी मनमर्जियों में उनके स्टाफ की मिलीभगत होती है। सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में दस्तावेज अप्रूव करवाने आए लोगों का कहना था कि कार्यालय में चल रहे गड़बड़-घोटाले संबंधी खुलासे के बाद माहौल खासा बदला-बदला दिख रहा है, परंतु जिस ढंग से बड़े व दबंग वसीका नवीस रजिस्ट्रियां, मुख्त्यारनामा व अन्य दस्तावेजों को अप्रूव करवाने के दौरान विभागीय कर्मचारियों के साथ मिलकर जमकर भ्रष्टाचार का खेल खेलते हैं, उसके चलते ऐसा माहौल कितने दिनों तक आगे भी बना रहेगा, इस पर बड़ा सवाल खड़ा होता है। लोगों का कहना था कि समूचा सिस्टम तभी ठीक हो पाएगा, जब विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर नकेल कसी जाएगी।