भाजयुमो के पूर्व महासचिव पर 3 नकाबपोश हथियारबंद युवकों ने किया जानलेवा हमला

punjabkesari.in Saturday, Jul 13, 2019 - 10:10 AM (IST)

फगवाड़ा(जलोटा): फगवाड़ा में नैशनल हाईवे नं.-1 पर गांव मेहटा गोल चौक पर आज दिन-दिहाड़े तब अफरा-तफरी मच गई जब मोटरसाइकिल पर सवार भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) मंडल चाचोकी के पूर्व महासचिव हरजीत सिंह पुत्र कुलदीप सिंह वासी गांव मेहटां तहसील फगवाड़ा पर कथित तौर पर 3 अज्ञात तेजधार हथियारों से लैस मोटरसाइकिल सवार युवकों द्वारा जानलेवा हमला कर उसे बीच सड़क घायल कर दिया।

हमलावरों द्वारा हरजीत सिंह की इतनी बेरहमी से मारपीट की गई कि  वह अधमरी हालत में जमीन पर गिर गया और अज्ञात आरोपी उसे मरा हुआ समझ वहां से फिल्मी स्टाइल में गुंडागर्दी का नंगा नाच करते हुए फरार हो गए। इसके पश्चात हरजीत सिंह को उसके परिचित व परिजन घायल अवस्था में इलाज के लिए एक निजी वाहन में सिविल अस्पताल लेकर आए जहां सरकारी डाक्टरों द्वारा उसका इलाज किया गया। इस दौरान संबंधित पक्ष के लोगों ने सिविल अस्पताल में हरजीत सिंह के इलाज के दौरान भी एक सरकारी डाक्टर का रवैया बेहद निराशाजनक करार देते हुए कहा कि उक्त डाक्टर साहिब ने तो कानून के अनुसार एम.एल.आर. काटने में भी खासी देरी की जिस कारण घायल हरजीत सिंह का एक्सरे भी बड़ी देरी से हुआ है। घायल हरजीत सिंह की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। पुलिस का दावा है कि मामले की जांच हो रही है और आरोपी जल्द गिरफ्तार कर लिए जाएंगे। हालांकि हकीकत यह भी है कि पुलिस जांच में लगे अधिकारी आरोपी अज्ञात नकाबपोश हमलावरों की असली पहचान तक नहीं जुटा सके हैं। ऐसे में पुलिस कैसे व किस प्रकार उक्त आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली है यह अपने आप में दिलचस्प व रोचक प्रश्न बना हुआ है। 


पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना देने के बावजूद पुलिस ने 3 घंटे बाद ली सुध
इस दौरान संबंधित पक्ष के लोगों ने बताया कि जब उक्त वारदात हुई तो इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम फगवाड़ा को दी गई थी लेकिन यह अपने आप में बेहद अफसोसजनक व गंभीर बात बनी है कि पुलिस के आलाधिकारियों ने घटी वारदात के करीब 3 घंटे से ज्यादासमय बीत जाने के बाद इसकी सुध ली। अस्पताल में मौजूद घायल हरजीत सिंह के पिता कुलदीप सिंह व रिश्ते में लगते चाचा अवतार सिंह मंड (राष्ट्रीय को-कन्वीनर भाजपा किसान मोर्चा) ने सवाल किया कि क्या फगवाड़ा में पुलिस तंत्र की जनसुरक्षा के प्रति यह जवाबदेही है जहां पुलिस अधिकारी इतनी गंभीर वारदात होने के पश्चात आराम से 3 घंटे बीत जाने के बाद मामले की जांच करने आते हैं? पीड़ित पक्ष ने कहा कि फगवाड़ा में हालात जंगल राज जैसे बन चुके हैं।

लोकल पुलिस तंत्र असामाजिक तत्वों खासकर गुंडागर्दी करने वालों से इतना डरा हुआ हैकि यहां पर जब चाहे उक्त लोग जिसे चाहे टार्गेट कर बीच सड़क दिन-दिहाड़े गुंडागर्दी का नंगा नाच कर जाते हैं और पुलिस चुप्पी साधे गहरी नींद सोती रहती है। अवतार सिंह मंड ने कहा कि हद तो यह है कि फगवाड़ा में जिस जगह उनके भतीजे की मारपीट की गई है वहां पर पहले सी.सी.टी.वी. कैमरे लगे हुए थे लेकिन मौजूदा समय में वहां पर सी.सी.टी.वी. कैमरे ही गायब हो चुके हैं। फगवाड़ा नैशनल हाईवे नंबर-1 पर गांव मेहटा बाईपास चौक पर रोजाना अज्ञात लुटेरों द्वारा राह चलते लोगों, महिलाओं आदि से लूटपाट, स्नैङ्क्षचग व अन्य आपराधिक किस्म की वारदातों को एक के बाद एक कर अंजाम दिया जाता है लेकिन इसके बावजूद फगवाड़ा पुलिस मस्त है और जनता त्रस्त है। उन्होंने सवाल कर पूछा कि यदि आज फगवाड़ा पुलिस चुस्त होती और समय रहते पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई तुरंत सूचना का नोटिस ले लेती तो अज्ञात आरोपी नकाबपोश हमलावर पुलिस गिरफ्त में हो सकते थे। यदि फ गवाड़ा पुलिस जनता की सुरक्षा के प्रति सजग व सतर्क होती तो पूर्व में मेहटा गोल चौक पर लगे हुए सी.सी.टी.वी. कैमरों की मदद से आरोपियों को ढूंढ निकालती लेकिन न तो फगवाड़ा पुलिस को लोगों की सुरक्षा की परवाह है और न ही दिन-दिहाड़े यहां पर हो रही संगीन आपराधिक वारदातों की कोई चिंता।

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