साइबर कैफों व होटल मालिकों को डी.सी. के आदेशः CCTV कैमरे लगाएं व आने वालों का रखें पूरा रिकार्ड

punjabkesari.in Tuesday, Mar 19, 2019 - 02:05 PM (IST)

कपूरथला (गुरविन्दर कौर): डिप्टी कमिश्नर कपूरथला डी.पी.एस. खरबंदा ने फौजदारी विवरण संहिता 1973 की धारा-144 के अधीन प्राप्त हुए अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिला कपूरथला में पड़ते समूह साइबर कैफे/ एस.टी.डी., पी.सी.ओ./होटल मालिकों के लिए अलग-अलग आदेश जारी करते हुए कहा कि वह अपने संस्थानों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाएं, जिनमें गत 7 दिनों की रिकॉर्डिंग की सुविधा होनी चाहिए। ये आदेश 14 मई 2019 तक लागू रहेंगे।

ये हैं आदेश
-कोई भी व्यक्ति, जिसकी पहचान संस्थान के मालिक/मैनेजर की ओर से न की गई हो, वह संस्थान का प्रयोग नहीं कर सकता। 
-साइबर कैफे/होटल आदि के मालिक आने वाले व्यक्ति के एतराज संबंधी रजिस्टर लगाएंगे।
-कैफे का प्रयोग करने वाले मालिक रजिस्टर में अपना नाम, पक्का पता, टैलीफोन नंबर और पहचान लिखेंगे तथा रजिस्टर पर अपने हस्ताक्षर भी करेंगे।
-कैफे/होटल में आने वाले की पहचान आधार कार्ड, शिनाख्ती कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसैंस, पासपोर्ट, फोटो वाले क्रैडिट कार्ड द्वारा की जाएगी। 
-सर्वर पर की गई कार्रवाई एक मेन सर्वर पर रखी जाएगी, जिसका रिकार्ड कम से कम 6 महीने के लिए रखा जाएगा। 
-यदि साइबर कैफे/एस.टी.डी., पी.सी.ओ./होटल में आने वाले व्यक्ति की कार्रवाई संदिग्ध नजर आए तो संबंधित मालिक इसकी सूचना तुरंत संबंधित पुलिस थाने को देगा।इसके अलावा उस व्यक्ति की ओर से प्रयोग में लाए गए कम्प्यूटर का रिकार्ड मेनटेन करने के लिए भी कहा गया।

नौकरों की जानकारी पुलिस थाने में करवाएं दर्ज : डी.सी.
डिप्टी कमिश्नर कपूरथला डी.पी.एस. खरबंदा ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए मकान मालिकों या मकानों में रहने वाले किराएदारों को आदेश दिए हैं कि वह अपने घरों में पूर्ण या आंशिक तौर पर काम करने वाले नौकरों/नौकरानियों/घरेलू नौकरों आदि की पूरी जानकारी के लिए आधार कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसैंस या किसी सरकारी/अद्र्ध-सरकारी संस्था/सरकार या मंजूरशुदा संस्थान की ओर से जारी पहचान पत्र, जिसमें उस व्यक्ति का नाम, पक्का पता, फोटो आदि हो, लेकर उसे अपने नजदीकी पुलिस थाने/चौकी में दर्ज करवाने और उनकी पुलिस वैरीफिकेशन करवाना यकीनी बनाएं।

उन्होंने बताया कि उनके ध्यान में आया है कि घरों में पूरे तौर या आंशिक तौर पर काम करने वाले नौकरों का स्थायी पता/रिकार्ड नहीं रखा जाता, जिससे अपराध होने पर ऐसे आरोपियों को तलाशना मुश्किल हो जाता है, जिससे अमन व कानून की स्थिति भंग होने का अंदेशा बना रहता है और किसी समय भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। उन्होंने बताया कि पाबंदी के यह आदेश 14 मई 2019 तक लागू रहेंगे।

Anjna