बारिश व ओलावृष्टि से गेहूं, आलू व अन्य फसलों को हो रहा नुक्सान

punjabkesari.in Friday, Feb 22, 2019 - 11:55 AM (IST)

सुल्तानपुर लोधी(सोढी): आज सुबह हुई ओलावृष्टि व गत कई दिनों से हो रही बेमौसमी बारिश के कारण बेट इलाके के कई गांवों में पानी भरने से गेहूं की फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई है और कई गांवों के निचले इलाकों की जमीन में गेहूं की फसल पानी की मार कारण खराब हो गई है। निचली जगहों पर बरसात के पानी की निकासी न होने के कारण बेट इलाके के गांवों हैबतपुर, हरनामपुर, जार्जपुर, जैनपुर, मसीतां, कालूर, बूलपुर, ठट्टा, टिब्बा, दूलोवाल, दबूलियां और गिलां, उगरुपुर, फत्तूवाल आदि कई गांवों में पानी की मार ने सैंकड़ों एकड़ गेहूं की फसल को नुक्सान पहुंचाया है। गेहूं की फसल पीली पड़ रही है।

इस समस्या से जूझ रहे किसानों ने बताया कि यदि पानी लगातार गेहूं के खेतों में खड़ा रहता है, तो बेट में हजारों एकड़ फसल तबाह होने का डर है। गांव हैबतपुर के सरपंच जसविन्द्र सिंह नंढा व किसान सुखदेव सिंह जोसन ने बताया कि किसान खेतों में जमा पानी को बाहर निकालने के लिए पूरी जद्दोजहद कर रहा है, ताकि फसल को बचाया जा सके। गांव ठट्टा पुराना के प्रसिद्ध किसान फुम्मण सिंह, सुखविन्द्र सिंह साबा व सुच्चा सिंह दरिएवाल ने बताया कि जिन किसानों ने मटरों की बिजाई की थी और तकरीबन एक महीने पहले फसल संभाल ली थी, उनकी ओर से मक्की की बिजाई के लिए अपनी जमीन कई बार जोती गई लेकिन रोजाना पड़ रही बारिश के कारण अभी तक मक्की की बिजाई नहीं की जा सकी।  

एक ओर आलू का कम दाम व दूसरी तरफ बेमौसमी बारिश से किसान परेशान
पंजाब में हो रही बारिश के कारण आलू व अन्य सब्जियों की फसलों का भी भारी नुक्सान हो रहा है, जिसके कारण किसान निराशा के आलम से गुजर रहे हैं। सुल्तानपुर लोधी में आलू की खेती किसानों की ओर से की जा रही है, जोकि बारिश की मार में आ गई है। पूर्व सरपंच केवल सिंह व किसान रणजीत सिंह ङ्क्षथद बूलपुर ने बताया कि अधिक बारिश के कारण आलू के खेतों में अगर पानी भरा रहा, तो फसल का भारी नुक्सान होने का खतरा है। इसके अलावा कई किसानों की ओर से आलू की पटाई करके खेतों में ढेरियां लगाई हुई हैं। एक ओर हो रही बेमौसमी बारिश व दूसरी ओर फसल का दाम कम होने के कारण किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। 

 नदीन अधिक होने से गेहूं का झाड़ काम होने के आसार 
 किसान नवजीत सिंह नंढा ने बताया कि गेहूं की फसल में इस बार नदीन भी बहुत अधिक हो गया है, जिसका कारण गेहूं की फसल के अंदर अधिक नमी होना माना जा रहा है। नदीनों पर किसी भी नदीन नाशक दवाई का छिड़काव का असर नहीं हो रहा और नदीन भी दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं, जिसके कारण गेहूं का झाड़ भी कम निकलने के आसार बने हुए हैं। किसानों ने मांग की कि बेट के निचले इलाकों में फसलों को बरसाती पानी की मार से बचाने के लिए पानी की निकासी के लिए कोई योजना बनाई जाए और जिन किसानों की फसलें पानी के कारण पूरी तरह से तबाह हुई हैं, उनको मुआवजा दिया जाए। 

Anjna