कोठी नं.-472 में क्या और क्यूं हुआ था यह बना हुआ है सबसे बड़ा राज

punjabkesari.in Thursday, Sep 20, 2018 - 04:21 PM (IST)

फगवाड़ा(जलोटा): वे कौन थे जिन्होंने दिन-दिहाड़े फगवाड़ा की सबसे आलीशान एवं बेहतरीन कालोनी गुरु हरगोङ्क्षबदनगर में एक बुजुर्ग महिला की हत्या कर उसे हमेशा के लिए मौत की गहरी नींद सुला दिया? यह सवाल और इस जैसे अनेक सवाल आज भी उतने ही अनसुलझे हैं, जितने करीब 14 महीने पहले फगवाड़ा के हरगोबिंदनगर की कोठी नं.-472 में दिन-दिहाड़े एक बुजुर्ग महिला सुरिन्द्र कौर की हुई नृशंस हत्या के वक्त थे। आलम यह है कि उक्त बहुचॢचत हत्याकांड का मामला अभी भी पुलिस फाइलों में अनट्रेस ही चल रहा है और यह राज आज भी राज ही है कि आखिर हत्या की वजह क्या थी और वे कौन हत्यारे हैं जो फुलप्रूफ ढंग से खुलेआम मृतका की हत्या कर चम्पत हो गए। 

इस हत्याकांड को लेकर कई अहम पहलू जो गहरी पुलिस जांच का केंद्र होने चाहिए फिर उभर कर सामने आए हैं। इस कड़ी में सबसे बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि यदि मृतका सुरिन्द्र कौर की हत्या लूटपाट करने के लिए की होती तो लुटेरे घर में पड़े कीमती सामान पर हाथ साफ कर जाते लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस तथ्य की पुष्टि शीर्ष पुलिस सूत्रों ने भी दबी जुबान में की है कि मृतका की हत्या किसी अज्ञात लुटेरों ने लूट को अंजाम देने के लिए नहीं की है। 

हत्यारे मृतका के परिचित रहे हैं तो वे कौन हैं? 
दूसरा अहम पहलू यह बना है कि मृतका सुरिन्द्र कौर उन हत्यारों को जरूर पहचानती थी क्योंकि यदि वे अंजान होते तो मृतका अपने घर का मेन दरवाजा नहीं खोलती। 
इसकी ठोस वजह यह रही है कि इलाके के लोग निरंतर दावा कर रहे हैं कि मृतका हमेशा जांच परख करने के बाद ही अपने घर में किसी को आने देती थी। ऐसे में यदि हत्यारे मृतका के परिचित रहे हैं तो वे कौन हैं? 

पुलिस थाना सिटी किसी भी आरोपी हत्यारे की पहचान तक न जुटा सकी
दूसरी ओर पुलिस सूत्रों ने फिर दावा किया है कि हत्याकांड को लेकर इन सभी अहम पहलुओं को गंभीरता से जांच के दायरे में लाया जा रहा है और यदि सबकुछ सटीक दिशा में चला तो आरोपी हत्यारे जल्द जेल की सलाखों के पीछे होंगे लेकिन ये दावे कितने सक्षम हैं इसका अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि उक्त हत्याकांड में शामिल एक भी हत्यारे को गिरफ्तार करना तो दूर पुलिस तंत्र आज तक इनकी असली पहचान नहीं ढूंढ सका है। 

हत्या की गई तो उसकी चीखें किसी को सुनाई क्यों नहीं दीं  
तीसरा और सबसे अहम बना पहलू यह है कि जब मृतका की बेरहमी से हत्या की गई तो उसकी चीखें किसी को सुनाई क्यों नहीं दीं और आखिर वह कौन-सा सेफ रास्ता रहा है जिसका प्रयोग कर हत्यारे दिन-दिहाड़े सबकी नजरों से बचकर इतनी घनी आबादी वाले इलाके से हत्याकांड को अंजाम दे खिसक गए।  

एस.एस.पी. कपूरथला ने की है नई पहल, हत्याकांड की पहेली का जल्द हो सकता है पर्दाफाश  
एस.एस.पी. कपूरथला सतिन्द्र सिंह ने गत दिनों कहा था कि फगवाड़ा सहित पूरा जिला कपूरथला में पूर्व में हुई संगीन आपराधिक वारदातों को सुलझाने के लिए नए सिरे से पहल की जा रही है। ऐसे में अब यह आशा जागी है कि फगवाड़ा का पहेली बना हुआ उक्त हत्याकांड जल्द सुलझ जाएगा जो गत लंबे समय से पुलिस फाइलों में जस का तस अटका पड़ा है। सूत्रों के अनुसार फगवाड़ा पुलिस द्वारा उक्त हत्याकांड को लेकर कुछ समय पहले एक बार फिर नए सिरे से क्राइम सीन को बना इसकी जांच की गई थी लेकिन इसके बाद क्या हुआ यह ऑन रिकार्ड कुछ भी पता नहीं चल सका है। 

swetha