3 बच्चों की हत्या करने वाली महिला को उम्रकैद की सजा,

punjabkesari.in Tuesday, Sep 11, 2018 - 12:17 PM (IST)

कपूरथला : भूत प्रेत के साए का डर दिखा कर 3 मासूम बच्चों की हत्या करने वाली महिला को अदालत ने उम्रकैद और 25 हजार रुपए जुर्माना देने की सजा सुनाई है। गौरतलब है कि गांव सरूपवाल निवासी एक महिला ने 3 साल पहले अपनी दो बच्चियों को गला दबाकर मारने के बाद देवर के बेटे को मार दिया था। साल 2015 से चल रहे केस में माननीय एडिशनल सेशन जज मनीष अरोड़ा की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद आरोपी महिला के यह सजा दी है। 

इस मामले में आरोपी महिला अपने पर कोई  ऊपरी कसर होने के कारण सारी घटनाएं करने का दावा कर रही थी। थाना कबीरपुर में साल 2015 में धारा 302 के तहत दर्ज एफआईआर नंबर 18 के मुताबिक शिकायतकर्ता सुखदेव सिंह पुत्र बावा सिंह निवासी गांव सरूपवाल ने पुलिस के दिए बयान में बताया था कि उसके बड़े बेटे बलजीत सिंह की शादी सरबजीत कौर निवासी मानसा से हुई थी। उसका बेटे बलजीत साल 2014 में विदेश जाना चाहता था। जुलाई 2014 को बलजीत ग्रीस के लिए अभी दिल्ली एयरपोर्ट ही गया था कि उसकी बहु सरबजीत कौर ने अपनी बेटी अमनप्रीत कौर को संदिग्ध हालात में गला दबाकर मार दिया। यह सुनाकर शिकायतकर्ता ने अपने बेटे बलजीत सिंह को दिल्ली से वापस बुला लिया। घटना के 26 दिन बाद फिर जब बलजीत सिंह सुल्तानपुर लोधी किसी काम से गया तो दोपहर को उसकी बहू अपनी दूसरी बेटी नवजीत कौर के स्कूल से वापस आने के बाद कमरे में ले गई। सरबजीत कौर ने उसका गला दबाकर उसे मार दिया। बलजीत सिंह ने जब घर आकर अपनी पत्नी सरबजीत से ऐसा करने बारे पूछा तो उसने बताया कि उसे नहीं मालूम क्या हुआ, यह कोई ऊपरी शक्ति है, जो बच्चों को मार रही है। घटना के बाद मामला घर की चारदीवारी में ही दफन होकर रह गया। आरोपी महिला सरबजीत कौर 26 सितंबर 2014 को दोपहर 3 बजे अपने देवर के बेटे मनिंदर सिंह, जो अपने कमरे में सो रहा था को उठाकर अपने कमरे में ले गई। जब वह सभी घर वाले पहुंचे तो बच्चा सरबजीत कौर की गोद में था। परिवार का आरोप था कि सरबजीत कौर ने ही उसे मारा था। जुलाई 2014 को मां ने अपनी बेटी अमनप्रीत कौर को गला दबाकर मार दिया था, 26 दिन बाद दूसरी बेटी नवजीत कौर का किया कत्ल, परिवार ने मामला दबा दिया, 26 सितंबर 2014 को देवर के बेटे की हत्या पर परिवार ने कराई एफआईआर दर्ज 

खुद की 2 बेटियों की हत्या का मामला परिवार के दबा देने से नहीं मिला सबूत 
पुलिस ने शिकायतकर्ता के बयानों पर हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी को हिरासत में लेकर केस माननीय अदालत में भेज दिया। लोअर कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद केस सेशन कोर्ट में भेज दिया। एडिशनल सेशन कोर्ट में (सरकारी वकील और एक अन्य शिकायतकर्ता के वकील तथा बचाव पक्ष) दोनों पक्षों के वकीलों की दलीले सुनने के बाद माननीय जज मनीष अरोड़ा ने पहली दो हत्याओं में सबूतों का आभाव देखा लेकिन तीसरी हत्या जिसमे आरोपी महिला ने अपने देवर के बेटे को मारा था में आरोपी महिला सरबजीत कौर को उम्रकैद और 25 हज़ार जुर्माना देने का आदेश दिया है। जुर्माना अदा न करने पर 6 महीने की सजा में बढ़ौतरी करने का आदेश दिए हैं। 

जहर से मरा था मनिंदरसिंह, मृत हालत में सरबजीत कौर की गोद में मिला था 
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया था कि बच्चे की मौत जहर से हुई थी। परिवार के सदस्यों ने बयान में कहा था कि सरबजीत कौर के देवर के बेटे मनिंदर सिंह का शव 26 सितंबर 2014 को दोपहर 3 बजे उसकी गोद में पाया गया था, इस कारण परिवार ने उस पर बच्चे को जहर देने का आरोप लगाया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिवार के बयान को आधार बनाकर कोर्ट ने सरबजीत कौर को उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं, माननीय जज मनीष अरोड़ा ने कहा कि 4 साल में जेल में रहने के दौरान महिला में कोई ऊपरी कसर की हरकत देखने को नहीं मिली। महिला के जेल में व्यवहार के बारे में जब एसपी मॉडर्न जेल सुरिंदर पाल खन्ना ने बताया कि जब से सरबजीत कौर उनकी जेल में है, उसका व्यवहार नॉर्मल है। 

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