सर्वाइकल से पीड़ित हैं 85 फीसदी से अधिक लोग

punjabkesari.in Tuesday, Sep 11, 2018 - 09:50 AM (IST)

कपूरथला(गुरविन्द्र कौर): दिन-ब-दिन बदल रही दिनचर्या व खान-पान के ढंग ने जहां इंसान को कई गंभीर बीमारियों का शिकार बना दिया है, वहीं उठने-बैठने, लेटने व अन्य कामकाज करने के मौके पर इस्तेमाल की जाने वाली लापरवाही के कारण मौजूदा दौर में प्रत्येक आयु के लोग सर्वाइकल से पीड़ित होते जा रहे हैं।

पहले आम तौर पर केवल 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को सर्वाइकल की समस्या होती थी। परंतु अब मोबाइल  फोन, लैपटाप, टी.वी. के बढ़ रहे इस्तेमाल सहित अन्य कई कारणों से नौजवान व बच्चे भी सर्वाइकल की समस्या से परेशान हो रहे हैं। इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण सही ढंग के साथ न बैठना माना जाता है। परंतु इसके बावजूद लोग इस बीमारी से सचेत नहीं हैं। पंजाब केसरी की ओर से लोगों की सेहत संभाल संबंधी शुरू की गई मुहिम के तहत इस बीमारी के बारे में कुछ डाक्टरों के साथ बातचीत करने पर यह बात सामने आई है कि बहुत से लोगों को इस बीमारी के असल कारणों का पता ही नहीं है, जिनकी ओर से केवल दर्द कम करने वाली दवाइयों का सेवन कर समय निकाल दिया जाता है। 

सर्वाइकल होने के मुख्य कारण 
डाक्टरों के अनुसार 85 प्रतिशत से अधिक लोग सर्वाइकल से पीड़ित हैं। जिनमें से अधिकतर लोग ऐसे हैं जिनको गर्दन में हल्का दर्द रहता है लेकिन उनको यह नहीं पता कि वे सर्वाइकल से पीड़ित हैं। इसी तरह नौजवान व बच्चे भी इस समस्या से जूझ रहे हैं जिसका सबसे बड़ा कारण कई घंटे लैपटाप पर काम करने के अतिरिक्त हर समय मोबाइल फोन पर व्यस्त रहना है। मोबाइल का प्रयोग करने के दौरान अधिक समय गर्दन नीचे की तरफ झुकी रहती है जिस कारण गर्दन की मांसपेशियां एक स्थान पर सख्त होनी शुरू हो जाती हैं। इस तरह टी.वी. देखने के समय भी अधिकतर लोग बैड पर टेढ़े लेट जाते हैं जिसके परिणामस्वरूप सीधे तौर पर सर्वाइकल की दर्द शुरू हो जाती है। आयु बढऩे से भी सर्वाइकल की दर्द बढऩा शुरू हो जाती है। इसके अतिरिक्त कोई पुरानी चोट या और कोई कारण भी इस समस्या को जन्म देते हैं। 


सर्वाइकल की निशानियां
सर्वाइकल होने पर गर्दन अकड़ जाती है व शुरू में हल्की दर्द महसूस होती है। बाद में यह दर्द पीठ व बाजू की तरफ बढऩा शुरू हो जाती है जो धीरे-धीरे हाथों व बाजुओं को सुन्न करना शुरू कर देती है। कई बार इस समस्या से पैर भी सुन्न हो जाते हैं व मरीज को चक्कर आने के अतिरिक्त उल्टी वाला मन बनना शुरू हो जाता है। 

बीमारियों से दूर रहने के लिए कसरत करो : भाटिया 
 डा. सतनाम सिंह भाटिया ने बताया कि इससे बचाव के लिए हमेशा सीधे बैठना व सीधे लेटना चाहिए। दर्द समाप्त करने वाली दवाइयां खाने की बजाय कसरत, योग व फिजियोथैरेपी को तरजीह देनी चाहिए। दवाई से कुछ समय के लिए राहत तो मिल सकती है लेकिन इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए अपनी जीवनशैली में सुधार करना बहुत जरूरी है। 
 

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