पराली जलाने से लोगों को होने लगी सांस लेने में तकलीफ

punjabkesari.in Monday, Oct 29, 2018 - 12:07 PM (IST)

खन्ना(कमल, शाही): हाल ही में शहर के इर्द-गिर्द क्षेत्र में पराली को जलाने की घटनाओं में वृद्धि होने से खन्ना का प्रदूषण लैवल लगभग 3 गुना बढ़ गया है। स्थानीय बी.एड. कालेज में लगाई गई पॉल्यूशन मॉनिटरिंग मशीन जोकि पहले खन्ना का 2.5 लैवल (धूल के कण) 60 से 70 बता रहा था, ने अब खन्ना में कैटागरी में लगभग 3 गुना वृद्धि कर अधिकतम 178 का आंकड़ा छू लिया है जोकि सामान्य 100 के आंकड़े से कहीं आगे निकल गया है। 

इसी प्रकार लैवल 10 (धुएं के कण) कैटागरी में जो खन्ना का प्रदूषण स्तर 80 से 100 चल रहा है उसने भी 100 का सामान्य लैवल पार कर अधिकतम 176 का आंकड़ा छू लिया है। माना जा रहा है कि 10 लैवल का प्रदूषण किसानों द्वारा क्षेत्र में पराली को आग लगाने की घटनाओं के सामने आने से बढ़ा है और 2.5 लैवल जोकि आम तौर पर इमारतों के निर्माण में प्रयोग किए जा रहे मैटीरियल, गाडिय़ों के कच्चे रास्तों पर तेज चलने से उठ रही धूल से पैदा होता है। अब मौजूदा क्षेत्र में इसका स्तर बढऩे का कारण भी एशिया की सबसे बड़ी आनाज मंडी में धान की सफाई में लगे सैंकड़ों पंखे ही माना जा रहा है जो पंखे धान से मिट्टी व धूल के कण अलग कर रहे हैं जो आगे चल कर वायु में सम्मिलित होकर धूल का प्रदूषण पैदा कर रहे हैं। क्षेत्र में प्रदूषण लैवल बढ़ जाने से डाक्टरों के पास खांसी, सांस में तकलीफ की शिकायतें लेकर आने वालों का रश बढ़ गया है। 


केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी की चेतावनी
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एप समीर पर खन्ना के प्रदूषण लैवल को दिखाते हुए चेतावनी जारी की है कि इस स्तर के प्रदूषण से फेफड़े, अस्थमा व दिल की दौरे की बीमारियों से पीड़ित लोगों पर असर डालता है। उल्लेखनीय है कि विभाग ने केवल चेतावनी देकर अपना कत्र्तव्य निभा दिया है लेकिन पराली जलाने की घटनाओं को काबू करने के लिए कोई ठोस पग नहीं उठाए हैं और धान की पराली जलाने की घटनाएं निरंतर जारी हैं।

क्या-क्या एहतियात प्रयोग करें लोग
सिविल अस्पताल के एस.एम.ओ. डाक्टर राजिन्द्र गुलाटी ने बताया कि इस समय क्षेत्र में जो प्रदूषण की नाजुक स्थिति बनी हुई है उससे लोगों को एहतियात बरतने की सख्त जरूरत है। डा. गुलाटी ने लोगों के लिए निम्नलिखित एडवाइजरी जारी की।
-लोग किसी जरूरी काम के लिए ही खुले में घूमें और इन दिनों के लिए सुबह-शाम की सैर बंद करें।
-एलर्जी और अस्थमा के रोगी समय-समय पर इन्हेलर मशीन का प्रयोग करते रहें।
- गले में खराश की शिकायत होने पर गर्म पानी के गरारे करें।
-घर में इन्डोर कसरत करें।
- जरूरत से ’यादा खाना न खाएं।
-अगर स्थिति गंभीर होती नजर आए तो तुरंत डाक्टरी सहायता लें।

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