राजसी पार्टियों के चुनाव घोषणा पत्र को सरकारी डाक्यूमैंट माना जाए : किसान नेता

punjabkesari.in Wednesday, Mar 20, 2019 - 03:48 PM (IST)

खन्ना (कमल): भारत को एक संपूर्ण और आत्म निर्भर देश बनाने के लिए पंजाब और देश के किसानों का बहुत बड़ा और अहम योगदान है। यहां के मेहनती किसानों ने देश निवासियों का पेट भरने के साथ-साथ अधिक पैदावर करते हुए भारत को विदेशों में अनाज भेजने के लिए समर्थ बनाया है, परन्तु अब देश की किसानी समय के हाकिमों की घटिया और निजी पूर्ति नीतियों के कारण दिन-प्रतिदित घाटे का सौदा बन गई है।

यह प्रकटावा आज यहां पावर कॉम के डिवीजन दफ्तर के बाहर भारतीय किसान यूनियन (मियांपुर-मान) के जिला अध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल ने यूनियन वर्करों की मीटिंग को संबोधित करते हुए किया। उन्होंने कहा कि देश को आजाद हुए 70 साल हो गए हैं, परन्तु आज तक जितनी भी सरकारें बनी हैं, उन्होंने किसानों को मूर्ख बनाने के लिए अपने चुनाव घोषणा पत्रों में बड़े-बड़े वायदे कर सरकारें बनाई हैं, परन्तु किसानों से किए वायदे पूरे करने के यत्न भी नहीं किए। सरकारों द्वारा किसानों के प्रति अपनाई बेरुखी के कारण आज किसान पैरों से लेकर सिर तक बैंकों, शाहूकारों और आढ़तियों के कर्जों में डूब चुका है। उधर पंजाब सरकार किसानों की कर्ज माफी का ढिंडोरा पीट रही है और बहुत कम किसानों के कर्ज को माफ कर अपने आप को सिद्ध कर रही है।

कर्जे के बोझ में डूबे किसान आर्थिक पक्ष से टूट गए हैं। बैंकों के अधिकारी किसानों के घरों में जाकर उन्हें परेशान करते हैं और कोर्ट कचहरी में केस डालकर उनको जलील करते हैं, यह किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। इस कारण आज हमारा किसान बेइजती न सहता हुआ खुदकुशी करने पर मजबूर है। ब्लाक खन्ना अध्यक्ष निर्मल सिंह बैनीपाल ने कहा कि आज हमारे देश का किसान सख्त मेहनत कर और शाहूकारों और बैंकों आदि से कर्ज लेकर अपनी ही फसल बेचने के लिए मंडियों में फसलों के मंडीकरण न होने के कारण व्यापारियों के हाथों लूटा जा रहा है। किसान नेताओं ने पुरजोर मांग की कि राजनीतिक पार्टियों द्वारा जारी किए गए चुनाव घोषणा पत्र को सरकारी डाक्यूमैंट माना जाए और यदि कोई पार्टी अपने चुनाव घोषणा पत्र समय के किए वायदे पूरे नहीं करती तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। 

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