ओलावृष्टि से सड़कों पर बिछी सफेद चादर, दिनभर सुनसान दिखे रोड

punjabkesari.in Friday, Feb 08, 2019 - 09:24 AM (IST)

खन्ना(कमल): आज जहां पूरे पंजाब में भारी बारिश पड़ी, वहीं खन्ना शहर में भी सुबह लगभग 7 बजे से ही बारिश पडऩी शुरू हो गई जोकि देर शाम तक रही जिससे लगता है शायद अभी एक दिन और सड़कों पर पानी भर जाने के कारण जनजीवन की रफ्तार धीमी रहेगी। 

स्कूली बच्चों को भी करना पड़ा परेशानियों का सामना 
भारी बारिश होने के कारण स्कूली ब‘चे पहले तो सुबह स्कूलों में ही लेट पहुंचे परन्तु छुट्टी होने तक हर तरफ बारिश का पानी खड़ा जाने से वाहनों का लंबा जाम लगने से ब‘चे अपने घरों में भी देरी से पहुंचे, जिसके कारण ब‘चों के अभिवाभकों में प्रशासन के खिलाफ रोष देखने को मिला। स्कूलों में ब‘चों की हाजिरी भी आज कम रही।  
प्रात: काल से ही बारिश के शुरू होने के कारण लोग सरकारी दफ्तरों और अपने काम-धंधों पर देरी से पहुंचे जिससे अन्य दिनों के मुकाबले आज हर विभाग में काम-काज कम हुआ। 

देर शाम तक बारिश बंद न होने के कारण लोगों के सूखी सांसें 
जैसे ही सुबह बारिश शुरू हुई तो लोगों ने इस बारिश का भरभूर आनंद मानना शुरू कर दिया। इस दौरान में ओलावृष्टि भी हुई। लोगों ने ओलावृष्टि का भी भरभूर आनंद लिया, परंतु जब देर शाम तक बारिश की रफ्तार धीमी न हुई तो लोगों की खुशी सहम में बदली दिखाई दी। लगातार बारिश पडऩे से शहर की सड़कों पर सारा दिन जाम लगा रहा और हर तरफ वाहनों की लम्बी लम्बी कतारें लगीं रहीं, जिससे जनजीवन बुरी तरह के साथ प्रभावित हुआ। 

ग्राहकों का इंतजार छोड़ 
दुकानदार बारिश बंद होने का करने लगे इंतजार सवेरे से शुरू हुई बारिश के साथ-साथ शहर के सभी बाजारों के दुकानदार चाहे ग्राहकों का इंतजार भी कर रहे थे, परंतु जब बाद दोपहर तक बारिश ने अपनी रफ्तार न घटाई और लगातार तेज होने के कारण फिर दुकानदार इस बारिश के बंद होने का इंतजार करने लगे, क्योंकि बाजारों में पानी इकट्ठा होने के कारण अब दुकानदारों की दुकानों के अंदर घुसना शुरू हो गया था। जिसके डर से दुकानदार अपनी, दुकानें बंद करके भी नहीं जा सकते थे, जिन दुकानदारों की दुकानों में पानी घुस चुका था वे अपनी, दुकानों में से पानी निकालने के यत्न कर रहे थे। 

सरकारी दफ्तरों में भी खड़ा रहा पानी
खन्ना शहर के नगर कौंसिल, एस.डी.एम. दफ्तर, कचहरियां, मार्कीट समिति दफ्तर समेत सिविल अस्पताल में पानी खड़ा हो गया, जिसके साथ सरकारी दफ्तरों में भी कुल मिलाकर काम-काज ठप्प ही रहा। 


 

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