संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिले युवक की बहनों ने लगाई इंसाफ की गुहार

punjabkesari.in Friday, Jan 10, 2020 - 09:02 AM (IST)

रायकोट(भल्ला): गांव सहिबाजपुरा का निवासी युवक और 6 बहनों का इकलौता भाई मक्खन सिंह (27) बीती 10 दिसम्बर की रात को संदिग्ध परिस्थितियों में मृतक हालत में गांव के गुरुद्वारा साहिब के पास मिला था। इस मामले में मृतक मक्खन सिंह की बहनें और पिता जगतार सिंह इंसाफ लेने के लिए पिछले 1 माह से इंसाफ के लिए गुहार लगा रहे हैं, परंतु अब तक परिवार को इंसाफ तो दूर पुलिस द्वारा उक्त मामले की जांच भी शुरू नहीं की जा सकी। मृतक युवक की बहनों ने गत दिन भारत बंद दौरान इंसाफ के लिए मजदूर जत्थेबंदियों के नेताओं कामरेड दलजीत कुमार गोरा, संतोख गिल और अन्य से सहायता की गुहार लगाई है।

इस संबंधी मृतक की बहनों कर्मजीत कौर, सर्वजीत कौर और प्रिंटी ने बताया कि गत 10 दिसम्बर की रात 7-8 बजे के करीब उनका भाई मक्खन सिंह कोई सामान लेने के लिए दुकान पर जाने संबंधी कहकर घर से गया था, परंतु फिर वापस घर नहीं लौटा। करीब 10 घंटे बाद ही अगली सुबह गांव के गुरुद्वारा साहिब की दीवार के पास बेसुध अवस्था में मिला, जिसको पारिवारिक सदस्यों द्वारा एक निजी अस्पताल लाया गया, यहां डाक्टर द्वारा उसको मृतक घोषित कर दिया। इसके बाद बिना पुलिस को सूचित किए उन्होंने उसका संस्कार करवा दिया। मृतक की बहनों ने कहा कि बाद में गुरुद्वारा साहिब के सी.सी.टी.वी. कैमरों से पता चला था कि एक शक्की कार वहां से कई बार गुजरी थी, जिस संबंधी जलालदीवार पुलिस चौकी को सूचित किया गया था, परन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई। 14 दिसम्बर को जिला पुलिस प्रमुख को लिखित दर्खास्त देकर जगतार सिंह ने अपने पुत्र के फोन का डिटेल हासिल करके पुलिस से अपने पुत्र की मृत्यु संबंधी जांच करने की मांग की थी, परन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मजदूर नेता कामरेड दलजीत कुमार गोरा, कामरेड संतोख गिल और डा. प्रकाश वर्मा ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिलाया कि यदि पुलिस ने इस मामले में कोई जल्दी कार्रवाई शुरू न की तो वह मोर्चा लगाने के लिए पीछे नहीं हटेंगे। वहीं इस संबंधी थाना प्रभारी निछान सिंह ने बताया कि परिवार द्वारा मृतक का अंतिम संस्कार करने के उपरांत पुलिस को मामले संबंधी सूचित किया था, परंतु व्यस्तता के चलते उनको फोन काल डिटेल हासिल करने में देरी हुई है। उन्होंने मामले की जल्दी ही जांच करने का आश्वासन दिलाया है।


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